ट्रेडिंग से पैसा कैसे कमाएं

ट्रेडिंग से पैसा कैसे कमाएं : यदि आप भी ट्रेडिंग के जरिये लाखो-करोड़ो रुपये कमाना चाहते हैं। तो ये लेख आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है। पूरे लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

ट्रेडिंग के बारे में गलत अवधारणाएं –

वर्तमान समय में ट्रेडिंग के बारे में बहुत सी गलत अवधारणएं फैला रखी हैं। हर रोज आप लोगों को यहाँ लाखों कमाते हुए देखते होंगे। लेकिन आपको कभी ये नहीं बताया जाता। कि 10 से 9 लोग यहाँ आकर पूरी तरह से बर्बाद हो जाते हैं। ट्रेडिंग की दुनिया असल में वैसी है नहीं जैसी नजर आती है। आप रोज ग्राफ देखते रहें कि पैसा डबल हो रहा है। लेकिन जिस दिन आप पैसा लगाएंगे ग्राफ सीधा नीते और आपका पैसा जीरो। आप अगले दिन पैसा लगाएंगे कि आज फायदा होगा, लेकिन पैसा फिर जीरो। इसी प्रकार आप अपना सब कुछ बर्बाद कर चुके होंगे।

आपको ट्रेडिंग की जानकारी किससे मिली –

आपको ट्रेडिंग के बारे में जानकारी अपने किसी मित्र या सोशल मीडिया से मिली होगी। यदि आपका कोई मित्र आपको ट्रेडिंग के लिए बोलता है। तो समझ लेना कि वो आपको पूरी तरह से बर्बाद करना चाहता है। यदि आपको कोई बोले कि आज उसे ट्रेडिंग से 5000-10000 का फायदा हुआ। तो आप मान लेंगे, जो कि सच भी है।

लेकिन इसका सबसे गंदा व घिनौना सच ये भी है कि वो 5000 जीतने के लिए वह व्यक्ति पहले ही कितने पैसे बर्बाद कर चुका है। ये बात वो कभी आप से शेयर नहीं करेगा। जी हाँ, ट्रेडिंग की दुनिया में लोग 50 हजार, 1 लाख, 2 लाख 4 लाख रुपये बर्बाद किये बैठे हैं। ये कोई करोड़पति नहीं बल्कि आप जैसे ही आम लोग हैं। जिन्होंने 2 हजार या 5 हजार से शुरुआत की होगी। धीरे-धीरे आप इस दलदल में धसते चले जाते हैं। न जाने कितने लोग तो दोस्तों से उधार लेकर तक किस्मत आजमाते हैं।

क्या ट्रेडिंग एक जुँआ है –

जी हाँ 100% यह जुंआ ही है। लेकिन जो व्यक्ति आपको ट्रेडिंग की सलाह देगा वह इसे Investment या कोई अन्य अच्छा नाम देगा। लेकिन आप किसी के बहकावे में न आएँ। क्योंकि ट्रेडिंग में भी आप लाखों रुपये से कब जीरो पे आ गए ये पता नहीं चलेगा।

जुएं की लत और ट्रेडिंग की लत –

शराब और जुएं की लत लग जाए तो कभी नहीं छूटती। ठीक इसी प्रकार ट्रेडिंग की लत भी एक बार लगा ली। तो फिर आप इससे कभी बाहर नहीं आ पाएंगे। ये वो चीजें हैं जो आपके माइंड को कंट्रोल करती हैं। बहुत से लोग ये सोच के ट्रेडिंग करते हैं कि मैं सिर्फ 10,000 रुपये की ही करके देखूंगा। उसके बाद हार भी गए तो कभी नहीं करूंगा। तो सावधान हो जाएं, क्योंकि जुएं की लत बहुत बुरी होती है। यह एक बार आपको लग गई तो कभी बाहर नहीं आ पाएंगे। आप खुद को कितना ही समझदार क्यों न मानते हों। लेकिन पैसा, घाटा, लाभ और अधिक घाटा व लाभ ये वो आयाम हैं। जो आपके मन मस्तिष्क को कंट्रोल करते हैं।

ट्रेडिंग की जानकारी देने वाले वाट्सअप और टेलीग्राम ग्रुप्स –

आज कल तमाम लोग वाट्सअप और टेलीग्राम पर ग्रुप बनाए बैठे हैं। ये लोग ट्रेडिंग की बिल्कुल सटीक जानकारी देने का दावा करते हैं। लेकिन इनका काला सच जो आम लोग नहीं जानते वो आज मैं बताता हूँ। ये खुद वो लोग होते हैं जो पहले ही अपना 10 से 20 लाख डुबो चुके हैं। कई लोग तो 50 लाख और 1 करोड़ तक ट्रेडिंग में गवा चुके होते हैं।

आप जानते हैं इतना पैसा एक दिन में तो डूबा होगा नहीं। ये वो एक्सपर्ट लोग हैं जिन्हें ट्रेडिंग की बेहद जानकारी है ये बात सच है। लेकिन ट्रेडिंग की बेहद जानकारी के बाद भी ये लोग लाखों गवा चुके होते हैं। ये लोग समझ चुके होते हैं कि ट्रेडिंग की दुनिया से पैसा वापस ला पाना नामुम्किन है। तो अब ये आप जैसे लोगों को टार्गेट करते हैं। ग्रुप में फायदे दिखाते हैं जिसे देखकर युवा आकर्षित हो जाते हैं। आप कोई भी टेलीग्राम ग्रुप ज्वाइन करें तो उसके पिछले मैसेज देखेंगे कि इसने कितने लोगों का फायदा कराया है। आपको लगेगा कि ये तो महा ज्ञानी है।

टेलीग्राम ग्रुप्स का घिनौना सच –

लेकिन इसका एक काला सच जो आप नहीं जानते और न सोचते हैं। दरअसल वाट्सअप से कोई अगर मैसेज डिलीट करे तो भी वहाँ पर दिखता रहता है कि कुछ डिलीट किया है। लेकिन टेलीग्राम ने एक ऐसा फीचर दिया है जिससे आप ग्रुप का कुछ भी डिलीट करें तो वो वहाँ से पूरी तरह से गायब हो जाएगा। ये ग्रुप वाले जिस दिन गलत जानकारी देकर लोगों को पूरी तरह से बर्बाद करा देते हैं। उस दिन के मैसेज ही डिलीट कर देते हैं।

अब आप जैसे लोग जब भी ग्रुप में जुड़ेंगे तो पिछले मैसेजेस सिर्फ फायदे वाले ही नजर आएंगे। फिर ये लोग आपको अपने फ्री वावे ग्रुप से अपने Paid वाले ग्रुप की ओर आकर्षित करेंगे। उसके लिए ये लोग फ्री वाले ग्रुप में Paid वाले ग्रुप के स्क्रीनशॉट डालेंगे कि ये देखो इधर तो और भी तगड़ा फायदा करा रहे हैं। अरे भाई जरा सोचो अगर किसी को इतनी ही जानकारी होगी तो वो खुद ट्रेडिंग से 1 महीनें में करोड़पति नहीं बन जाएगा।

क्यों ट्रेडिंग के एक्सपर्ट्स भी हो रहे हैं फेल –

अब आप लोग सोच रहे होंगे कि ये ग्रुप वाले इतना एक्सपर्ट होने के बाद भी ट्रेडिंग में क्यों बर्वाद हो गए ? क्योंकि मार्केट खुद में एक व्यवस्था है। यह एक ऐसा मकड़जाल है जिसे सुलझाना किसी की समझ से बाहर है। इसमें पुरानी Analysis तक काम नहीं करती। आप कितनी भी पढ़ाई कर लें कितना भी ज्ञान पा लें। लेकिन ट्रेडिंग की 100 प्रतिशत सटीक भविष्यवाणी कोई नहीं कर सकता।

ट्रेडिंग में उतना पैसा ही लगाएं जितना आप भूल सकें –

आपके बहुत से एक्सपर्ट्स ये सलाह देगें कि ट्रेडिंग मे आप उतना पैसा ही लगाएं जिसे आप हार जाने पर भूल सकें। अर्थात् वे लोग आपसे कहना चाहते हैं कि यदि आपके पास इनकम और खर्चे के बाद ज्यादा पैसा बच रहा है तो ही ट्रेडिंग करें। लेकिन सावधान हो जाएं मेरी मानें तो ये एक वायरस की तरह काम करता है। ट्रेडिंग में हार से भी बुरा है उस हारे पैसे की रिकवरी का खयाल आना। क्यों जब आप हारे हुए पैसे वापस पाने के लिए खेलते हैं तब आपको इसकी लत लग जाती है। और ये लत जुंए की लत ही है। जो आपको एक दिन बर्बाद करके छोड़ेगी।

ट्रेडिंग में बर्बाद होने के बाद की मानसिक दशा –

एक बार जब आप ट्रेडिंग में बर्बाद हो चुके होंगे। तब आप मानसिक अवसाद से ग्रस्त हो जाएंगे। ऐसे में आपकी मानसिक व पारिवारिक दशा बद से बद्तर हो जाएगी। घर में पत्नी से झगड़ा होगा। मित्र लोगों से उधार लेना पड़ेगा। उधार न चुका पाने के कारण दोस्तों के बीच भी लड़ाई-झगड़े होंगे।

शेयर जरूर करें –

आप सभी से आग्रह है कि यदि कोई भी व्यक्ति ट्रेडिंग के चक्कर में पड़ना चाहता हो तो उससे ये लेख साझा करें। हो सकता है आपकी बदौलत कोई बर्बाद होने से बच जाए।

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काम की बात Ι Kaam ki Baat

काम की बात ( Kaam ki Baat ) : Yahan aapko bina risk ke bina Experience ke kaam ki baat milegi isliye Kripya Iss Post Pe Dobara Zarur Aayen (Kyoki Ham Isme Kaam ki Baaten Aage bhi Jodte Rahenge…

गवार का क्या मतलब होता है ?

गवार का शाब्दिक अर्थ देखें तो इसका अर्थ होता हैं गांव में रहने वाला या गांव से संबंध रखने वाला। दरअसल गंवार एक तद्भव शब्द है जो संस्कृत के तत्सम शब्द ‘ग्रामीण’ का ही विखंडित रूप है। अर्थात पहले इन लोगों को ग्रामीण (गांव के) कहा जाता था। समय के साथ बदलते शब्दों के रूप को तद्भव कहते हैं। वहीं शुद्ध संस्कृत के शब्द तत्सम कहलाते हैं।

रावण पंडित था या राक्षस ?

उत्तर – दोंनो (रावण पंडित भी था और राक्षस भी)
व्याख्या : रावण पंडित था कि नहीं ये जानने से पहले पंडित शब्द का अर्थ समझ लेना अत्यंत आवश्यक है। ‘पण्डित’ संस्कृत भाषा का शब्द है। इसका अर्थ होता है ‘ज्ञानी या विद्वान’। चूंकि रावण ने सभी पुराण कण्ठस्थ किये थे और शिव तांडव की भी रचना की थी। इसलिए वह अपने समय के सबसे विद्वान व्यक्तियों में से एक था। इसी कारण उसे पंडित कहा जाता है। दूसरा उसके राक्षस होने का कारण है उसकी प्रवृत्ति और राक्षस कुल में जन्म लेना।

Proud to be Indian

Aaj 25 January ko Chris HipKins ne New Zealand  ke 41th PM ke roop mei Shapath Grahan Ki Tab Miane soch thoda inke baare mei Jaane hain Google Baba se. Aur Jaise hi Inka Naam enter kiya to sabse Pahle baba ke chele Wiki bhaiya ki dukan pe pahuch gaye wahan dekha ki ye sahab jahan ke PM bane hain wahan ka President kaun hai ?

Dekha to pta chala wahan ka to aaj bhi raja hota hai. Ab aap soch rahe honge ki ye toh Common si Baat hai aaj bhi kai desho ke Raja hote hain. But Here’s a twist. New Zealand ka King unke apne desh se nhi hai. Balki British King hi Aaj bhi unke Raja hain aur Jaise pahle India mei Governor General hote the Vaise New Zealand mei aaj bhi Goovernor General Appointed hai. Now Its time to check it out for your Satisfaction. काम की बात ।

15 August vs 26 January –

Kaafi log honge jo bachpan se ab tak school/college mei 15 August aur 26 January pe to jaate honge jhanda Fehrate honge aur laddu kha ke ghat bapas. Bahut se logo ko aaaj bhi in dono mei Fark nhi pta hota. Don’t worry m here for that… So Basicallt 15 August is known as Independence Day and 26 January as Republic Day. Matlab ki 15 August ko swatantrata divas aur 26 January ko Gantantra Diva ke roop mei Janan Jata hai. 15 August ka to fir bhi kafi Clear hai ki sahab us din ham Angrejo se Azad huye the aur Nehru Ji Pradhan Mantri Ban the. Fir ye 26 January ko kya hua tha ? Us din Hamara Sanvidhan Lagu hua tha.

Sanvidhan matlab hamare shasan sanchalan ki pustak jiske lagu hote hi hame angrejo ke niyam kanuno se chhutkara mil gaya. kyoki isse pahle ham angrejo se aazad to ho gaye the lekin puri tarah se nhi. Azadi ke Baad bhi yahan ka Raja Britih King/Queen hi tha/thi. 26 January 1950 ko Dr. Rajendra Prasad Hamre Desh ke Pahle Rashtrapati bane. Ab desh ka pramukh (Rashtrapati) koi bhi Ban Sakta hai. Jabki Rajatantra mei Raja ka beta hi raja ban sakta tha. Lekin Loktantra mei esa nhi hai. Loktantra mei ek aam aadmi bhi desh ka President Ban Sakta hai. काम की बात ।

राष्ट्रपति और राजा में क्या फर्क होता है ?

सामान्य शब्दों में कहा जाए तो राजा वंशानुगत होता है और राष्ट्रपति जनता द्वारा चुना जाता है। दरअसल सदियों से दुनिया में राजतंत्र की व्यवस्था चली आ रही है। यह राज व्यवस्था के प्राचीनतम रूपों मे से एक है। इसमें राजा का पद किसी व्यक्ति या परिवार विशेष तक ही सीमित होता है। अर्थात राजा का पुत्र ही राज बनेगा। इस प्रकार राजतंत्र में राजा का पद किसी एक रक्त से जुड़े व्यक्ति के लिए ही आरक्षित होता है। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति जनता का सीधा प्रतिनिधि हौता है। यह जनता द्वारा ही चुना जाता है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजा का पद किसी के लिए आरक्षित नहीं होता। इसमें देश का कोई भी नागरिक जो उस के योग्य हो, चुना जा सकता है। काम की बात ।

विधायक, MLA, और सांसद में क्या फर्क होता है ?

विधायक किसी राज्य की विधानसभा या विधानपरिषद का सदस्य होता है।

विधानसभा के सदस्य को MLA (Member of Legislative Assembly) कहते हैं।

विधानपरिषद के सदस्य को MLC (Member of Legislative Council) कहते हैं।

अर्थात MLA और MLC दोनों विधायक कहलाते हैं।

वहीं सासंद देश की संसद (विधायिका) का सदस्य होता है।

सासंद दो प्रकार के होते हैं – एक लोकसभा सासंद दूसरा राज्यसभा सांसद।

इन दोनों को ही सांसद या MP (Member of Parliament) कहा जाता है। काम की बात ।

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