‘भारत में समाचार पत्रों का इतिहास’ शीर्षक के इस लेख में समाचार पत्रों के इतिहास की जानकारी दी गई है। भारत में प्रेस की स्थापना का श्रेय पुर्तगालियों को दिया जाता है। वर्ष 1684 ई. में ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में ‘पहली प्रिंटिंग प्रेस’ बम्बई में स्थापित की। इसके बाद ‘समाचारपत्र व पत्रिकाएं’ छपना प्रारंभ हुईं। विलियम वोल्ट्स ने साल 1766 ई. में आधुनिक भारतीय प्रेस की शुरुवात की। परंतु ईस्ट इंडिया कंपनी ने इन्हें बापस ब्रिटेन भेज दिया।
बंगाल गजट –
इसके बाद जेम्स आगस्टस हिक्की ने 1780 ई. में ‘बंगाल गजट‘ नामक प्रथम समाचार पत्र स्थापित किया।
यह भारत में प्रकाशित पहला समाचार पत्र था। इसका नाम ‘द् बंगाल गजट’ या ‘कलकत्ता जनरल एडवरटाइजर’ था।
यह अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित किया जाता था। यह एक साप्ताहिक अखबार था।
साल 1782 ई. में इसे बंद कर दिया गया।
प्रारंभिक समाचार पत्र –
‘इंडिया गजट’ भारत में प्रकाशित दूसरा समाचार पत्र था। इसे नवंबर 1780 ई. में प्रकाशित किया गया। प्रारंभिक काल के समाचार पत्र एक दूसरे के पूरक हुआ करते थे। तब इनमें प्रतिस्पर्द्धा की भावना व्याप्त न थी। ये पत्र आज की भांति दैनिक न होकर साप्ताहिक या पाक्षिक हुआ करते थे। गंगाधर भट्टाचार्य द्वारा साल 1816 ई. में प्रकाशित ‘बंगाल गजट’ किसी भारतीय द्वारा अंग्रेजी में प्रकाशित पहला समाचार पत्र था।
जेम्स सिल्क बर्मिंघम –
प्रेस के इतिहास में बर्मिंघम का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन्होंने प्रेस को जनता का प्रतिबिंब बनाया और प्रेस में सत्तापक्ष के विरुद्ध आलोचनात्मक दृष्टिकोण की भावना भरी। इन्होंने साल 1818 ई. में कलकत्ता जरनल का संपादन किया।
मराठा व केसरी –
साल 1881 ई. में आगरकर ने मराठा का अंग्रेजी भाषा में बम्बई से प्रकाशन प्रारंभ किया। इसी साल केलकर ने बम्बई से मराठी भाषा में केसरी का प्रकाशन प्रारंभ किया। इसके बाद इन दोनों समाचार पत्रों का प्रकाशन बालगंगाधर तिलक के हाथों में चला गया।
राजा राममोहन राय –
राष्ट्रीय प्रेस की स्थापना का श्रेय राजा राममोहन राय को ही जाता है। इन्होंने साल 1821 ई. में बांगला में संवाद कौमुदी का प्रकाशन किया। इसके बाद साल 1822 ई. में फारसी भाषा में मिरात उल अखबार का प्रकाशन किया। अखबार को इन्होंने समाज सुधार, धार्मिक समस्याओं व दार्शनिक विचारों का भी माध्यम बना दिया।
ईश्वर चंद्र विद्यासागर –
साल 1859 ई. में ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने एक साप्ताहिक समाचार पत्र ‘सोम प्रकाश‘ का प्रकाशन प्रारंभ किया। इस समाचार पत्र के माध्यम से इन्होंने नील आंदोलन में किसानों के हितों का जोरदार समर्थन किया। सोमप्रकाश की स्थापना के कुछ समय बाद इन्होंने हिंदू पैट्रियाट को भी ले लिया। क्रिस्टोदास पाल इस समाचार पत्र के सम्पादक थे। जिन्हें ‘भारतीय पत्रिकारिता का राजकुमार’ कहा जाता है।
वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट –
ईश्वरचंद्र विद्यासागर के सोमप्रकाश के विरुद्ध ही लार्ड लिटन ने ‘वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट – 1878’ पारित किया। मोतीलाल घोष ने अपनी बांग्ला भाषा की पत्रिका अमृतबाजार को इस एक्ट से बचाने के लिए 1878 में अंग्रेजी साप्ताहिक में परिवर्तित कर लिया।
ब्रिटिश सरकार द्वारा स्थापित समाचर एजेंसियां –
भारतीयों के अतिरिक्त ब्रिटिश सरकार ने भी कुल चार समाचार एजेंसियों की स्थापना की।
ब्रिटिश सरकार द्वारा सर्वप्रथम साल 1860 ई. में ‘रायटर‘ नामक एजेंसी की स्थापना की गई।
इसके बाद साल 1905 ई. में एसोसिएट प्रेस ऑफ इंडिया की स्थापना की।
साल 1927 ई. में फ्री प्रेस न्यूज सर्विस की स्थापना की।
साल 1934 ई. में यूनाइटेड प्रेस ऑफ इंडिया की स्थापना की।
प्रेस संबंधी अधिनियम –
प्रारंभ में प्रेस संबंधी नियमों का अभाव था। अर्थात् ये प्रशासकों की दया पर निर्भर करते था। जो अंग्रेजी समाचार पत्र उनके विरुद्ध जाते थे, उनके सम्पादक को बापस ब्रिटेन भेज दिया जाता था। परंतु भारतीयों के साथ ऐसा नहीं कर सकते थे। बाद में ‘समाचारपत्र व पत्रिकाएं’ बड़ी मात्रा में छपने लगीं। इसलिए भारतीयों पर नियंत्रण रखने हेतु प्रेस संबंधी अधिनियमों को लाया गया। इसकी शुरुवात लार्ड वेलेजली के समय हुई। समाचारपत्र व पत्रिकाएं ।
- समाचार पत्रों का पत्रेक्षण अधिनियम – 1799
- अनुज्ञप्ति अधिनियम – 1823
- अनुज्ञप्ति अधिनियम – 1857
- पंजीकरण अधिनियम – 1867
- देशी भाषा समाचार पत्र अधिनियम – 1878
- समाचार पत्र अधिनियम – 1908
- भारतीय समाचार पत्र अधिनियम – 1910
- भारतीय समाचार पत्र (संकटकालीन शक्तियां) अधिनियम – 1931
- समाचारपत्र (आपत्तिजनक विषय) अधिनियम – 1951
चार्ल्स मेटकॉफ –
कार्यवाहक गवर्नर चार्ल्स मेटकॉफ को भारतीय समाचार पत्रों के मुक्तिदाता के रूप में जाना जाता है। इन्होंने प्रेस संबंधी अनुज्ञप्ति अधिनियम – 1823 के नियमों को रद्द कर दिया।
समाचार पत्र व पत्रिकाएं
समाचार पत्र/पत्रिकाएं | प्रकाशन वर्ष | प्रकाशक/संपादक | भाषा/विवरण |
---|---|---|---|
बंगाल गजट | 1780 ई. | जेम्स ऑगस्टस हिक्की | अंग्रेजी |
इंडियन गजट | 1780 ई. | बर्नार्ड मेसिंक व पीटर रीड | अंग्रेजी |
कलकत्ता गजट | 1784 ई. | सरकारी सहायता से | अंग्रेजी |
ओरिएंटल एडवर्टाइजर | 1784 ई. | सरकारी सहायता | अंग्रेजी |
बंगाल जरनल | 1785 ई. | थॉमस जॉन्स | अंग्रेजी |
मद्रास कुरियन | 1785 ई. | रिचर्ड जॉनसन, हग बॉयड | अंग्रेजी |
बम्बई कुरियन | 1790 ई. | ल्यूक एशबर्नर | अंग्रेजी |
एशियाटिक मिरर | 1794 ई. | हार्ल्स के. ब्रुस | अंग्रेजी |
इंडिया हेराल्ड | 1795 ई. | हम्परेज | अंग्रेजी |
मद्रास गजट | 1795 ई. | आर. विलियम | अंग्रेजी |
द् टेलीग्राफ | 1796 ई. | हॉल मेकेनली | अंग्रेजी |
कलकत्ता मॉर्निंग पोस्ट | 1798 ई. | आर्चीबाल्ड | अंग्रेजी |
मिशनरी हेराल्ड | 1801 ई. | टी. आर्मस्ट्रांग | अंग्रेजी |
द् समाचार प्रेस | 1812 ई. | फर्दून जी मर्दबान | गुजराती |
बंगाल गजट | 1816 ई. | गंगाधर भट्टाचार्य | अंग्रेजी |
दिग्दर्शन | 1818 ई. | जे. सी. मार्शमैन | बंगला |
फ्रेंड ऑफ इंडिया | 1818 ई. | जे. सी. मार्समैन | अंग्रेजी |
समाचार दर्पण | 1919 ई. | जे. सी. मार्समैन | बंगला |
उदंड मार्तंड | 1826 ई. | जुगल किशोर | हिंदी |
बम्बई दर्पण | 1832 ई. | बाल शास्त्री | मराठी |
द् टाइम्स ऑफ इंडिया | 1838 ई. | टाइम्स ऑफ इंडिया प्रेस | अंग्रेजी |
न्यू इंडिया | 1848 ई. | ऐनी बेसेंट | अंग्रेजी |
हिंदू पैट्रियाट | 1855 ई. | हरिश्चंद्र मुखर्जी | अंग्रेजी |
लाहौर क्रॉनिकल | 1849 ई. | मुंशी मो. अजीम | अंग्रेजी |
सोम प्रकाश | 1859 ई. | ईश्वचंद्र विद्यासागर | बंगला |
नेशनल रिफार्मर | 1860 ई. | प्रकाशक - केनोक्लास्ट(लंदन) संपादक - जोसेफ बैंकर | अंग्रेजी |
बंगाली | 1862 ई. | सुरेंद्रनाथ बनर्जी | बंगला |
गुजरात मित्र | 1863 ई. | प्रवीणकांत वी. रेशमवाला | गुजराती |
नेटिव ओपीनियन | 1864 ई. | वी. एन. मांडलिक | अंग्रेजी |
पायनियर | 1865 ई. | जुलियन राबिन्सन | अंग्रेजी |
ज्ञान प्रदायनी | 1866 ई. | नवीनचंद्र राय | हिंदी |
अलीगढ़ इंस्टीट्यूट गजट | 1866 ई. | सर सैयद अहमद खां | अंग्रेजी-उर्दू |
कविवचन सुधा | 1867 ई. | भारतेंदु हरिशचंद | हिंदी |
मेल | 1867 ई. | टी. ए. सुब्रम्ण्यम | अंग्रेजी |
अमृत बाजार पत्रिका | 1868 ई. | मोतीलाल घोष | बंगला |
हरिश्चंद्र मैगजीन | 1872 ई. | भारतेंदु हरिश्चंद्र | हिंदी |
मुस्लिम क्रॉनिकल | 1873 ई. | - | अंग्रजी |
बिहार हेराल्ड | 1874 ई. | - | अंग्रेजी |
स्टेट्समैन | 1875 ई. | के. रंग हैरी | अंग्रेजी |
द् ट्रिब्यून | 1877 ई. | सरदयाल सिंह मजीठिया | अंग्रेजी |
हिंदी प्रदीप | 1877 ई. | बालकृष्ण भट्ट | हिंदी |
अवध पंच | 1877 ई. | मो. सज्जाद हुसैन | उर्दू |
द् हिंदू | 1878 ई. | वीर राघवाचारी | अंग्रेजी |
बंगाली | 1879 ई. | सुरेंद्रनाथ बनर्जी | अंग्रेजी |
सुरभि | 1880 ई. | जोगेंद्रनाथ बोस | बंगला |
स्वदेश मित्रन | 1880 ई. | सी. एस. नरसिम्हन | तमिल |
केसरी | 1881 ई. | दे केसरी मराठा ट्रस्ट | मराठी |
द् ट्रिब्यून | 1881 ई. | आर. माधवन नायर | अंग्रेजी |
बंगवासी | 1881 ई. | जोगेंद्र बोस | बंगला |
आवर कार्नर | 1883 ई. | औरिक बेसेंट | अंग्रेजी |
एडवोकेट | 1886 ई. | ए. सी. मजूमदार, बिशन नारायण दर | अंग्रेजी |
दीपिका | 1887 ई. | पादरी विक्टर जेडनरिबेलि | मलयालम |
कैपिटल | 1888 ई. | दिनेश बहल | अंग्रेजी |
इंडिया | 1890 ई. | दादाभाई नौरोजी | अंग्रेजी |
मलयाला मनोरमा | 1890 ई. | के. एम. मैथ्यू | मलयालम |
मद्रास लॉ जरनल | 1891 ई. | के. शंकर नारायण | अंग्रेजी |
हिंदुस्तान स्टैण्डर्ड | 1899 ई. | सच्चिदानंद सिन्हा | अंग्रेजी |
द् इंडियन रिव्यू | 1900 ई. | ए. नटेशन | अंग्रेजी |
कृष्ण पत्रिका | 1902 ई. | एम. सुब्रह्मण्यम शर्मा | तेलुगू व अंग्रेजी |
द् मालाबार हेराल्ड | 1905 ई. | जॉन मल्मपिल्ली | अंग्रेजी |
दुख निवारण | 1906 ई. | सुखबीर सिंह | पंजाबी |
आंध्र पत्रिका | 1908 ई. | सर्वपल्ली साधाकृष्णन | तेलुगू |
कॉमर्स | 1910 ई. | वाडीलाल डागली | अंग्रेजी |
प्रताप | 1910 ई. | गणेश शंकर विद्यार्थी | हिंदी |
केरल कौमुदी | 1911 ई. | एम. एस. मणि | मलयालम |
अल हिलाल | 1912 ई. | मौलाना अबुलकलाम आजाद | उर्दू |
अल बिलाग | 1913 ई. | अबुल कलाम आजाद | उर्दू |
गदर | 1913 ई. | लाला हरदयाल | हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, गुजराती, गुरमुखी इत्यादि। |
मद्रास स्टैंडर्ड | 1914 ई. | ऐनी बेसेंट | हिंदी |
कामनवील | 1914 ई. | ऐनीबेसेंट | अंग्रेजी |
न्यू इंडिया | 1914 ई. | ऐनीबेसेंट | अंग्रेजी |
द् लीडर | 1918 ई. | मदनमोहन मालवीय | अंग्रेजी |
द् सर्वेंट्स ऑफ इंडिया | 1918 ई. | सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी | अंग्रेजी |
द् यंग इंडिया | 1919 ई. | महात्मा गाँधी | अंग्रेजी |
नवजीवन | 1919 ई. | महात्मा गाँधी | हिंदी, गुजराती |
इंडिपेंडेंस | 1919 ई. | मोतीलाल नेहरु | अंग्रेजी |
हिंदुस्तान टाइम्स | 1920 ई. | के. एम. पणिक्कर | अंग्रेजी |
मैन इन इंडिया | 1921 ई. | सुरजीत सिंह सिन्हा | अंग्रेजी |
सोशलिस्ट | 1922 ई. | एस. ए. डांगे | अंग्रेजी |
मिलाप | 1923 ई. | रणवीर सिंह | उर्दू |
मातृभूमि | 1923 ई. | के. पी. केशव मेनन | मलयालम |
संदेश | 1923 ई. | सी. एस. पटेल | गुजराती |
हिंदुस्तान टाइम्स | 1924 ई. | के. एम. पणिक्कर | अंग्रेजी |
इंडियन नेशन | 1930 ई. | ब्रजनंदन आजाद | अंग्रेजी |
प्रजा माता | 1931 ई. | के. सिद्धरमन | कन्नड़ |
देश | 1932 ई. | अशोक कुमार सरकार | बंगला |
नवशक्ति | 1931 ई. | पी. आर. बेहरे | मराठी |
हरिजन | 1933 ई. | महात्मा गाँधी | अंग्रेजी, हिंदी, गुजराती |
नव भारत | 1934 ई. | रामगोपाल माहेश्वरी | हिंदी |
सह्याद्रि | 1935 ई. | जे. एस. तिलक | मराठी |
स्वराज | 1936 ई. | एन. वी. पारुलेकर | गुजराती |
इंकलाब | 1937 ई. | खालिद अंसारी | उर्दू |
नेशनल हेराल्ड | 1938 ई. | जवाहरलाल नेहरू | अंग्रेजी |
भारत मित्र | 1941 ई. | बालमुकुंद गुप्त | हिंदी |
हिंदुस्तान | 1941 ई. | मदनमोहन मालवीय | हिंदी |
हिंदुस्तान | 1941 ई. | प्रतापनारायण मिश्र | हिंदी |
कामरेड | 1941 ई. | मौलाना मुहम्मद अली | अंग्रेजी |
भारत में समाचारपत्र व पत्रिकाएं – इतिहास
हमारे देश में समाचार पत्रों के इतिहास की शुरुवात यूरोरियन के भारत आगमन से मानी जाती है। 16वीं शताब्दी में पुर्तगालियों ने भारत में प्रिंटिंग प्रेस की शुरुवात की। 1557 ई. में गोवा में ईसाई मिशनरियों द्वारा पहली पुस्तक छापी गई। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1684 ई. में अपनी पहली प्रिंटिंग प्रेस बम्बई में स्थापित की। 1766 ई. में कंपनी के असंतुष्ट अधिकारी विलियम बोल्ट्स ने अपने समाचार पत्र के माध्यम से कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स की नीतियों के विरुद्ध लिखा। अतः ब्रिटिश सरकार ने इन्हें बापस बुला लिया। भारत का पहला समाचार पत्र ‘द् बंगाल गजट’ था, जो 1780 ई. में जेम्स आगस्टस हिक्की द्वारा प्रकाशित किया गया।
भारत में स्वतंत्र एवं तटस्थ पत्रकारिता की शुरुवात जेम्स हिक्की व वर्किंघम ने ‘कलकत्ता जनरल’ के प्रकाशन से की। प्रेस का आधुनिक रूप बर्किंघम की ही देन है, इन्होंने प्रेस को जनता का प्रतिबम्ब बनाया। किसी भारतीय द्वारा प्रकाशित पहला अखबार ‘बंगाल गजट’ था। ये साल 1816 में गंगाधर भट्टाचार्य द्वारा प्रकाशित किया गया। 1818 ई. में मार्शमैन ने बांग्ला में ‘दिग्दर्शन’ नामक मासिक पत्रिका का प्रकाशन किया। भारत में राष्ट्रीय प्रेस की स्थापना का श्रेय राजा राममोहन राय को जाता है।
‘समाचारपत्र व पत्रिकाएं’ लेख समाप्त।