भारतीय स्थापत्य (Indian Architecture)

‘भारतीय स्थापत्य (Indian Architecture)’ शीर्षक के इस लेख में भारतीय स्थापत्य के प्रमुख नमूनों के बारे में जानकारी दी गई है। इनमें ताजमहल, कुतुबमीनार, अलाई दरबाजा, किलोखरी महल, कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद इत्यादि प्रमुख है।

ताजमहल –

https://hindiprem.com/ ताजमहल

ताजमहल आगरा में यमुना नदी के तट पर अवस्थित है। शाहजहाँ ने इसे अपनी प्रिय पत्नी अर्जुमंद बानो बेगम (मुमताज महल) की स्मृति में बनवाया था। ताजमहल के वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी और उस्ताद ईसा थे। इसका निर्माण 22 फिट ऊँचे चबूतरे पर किया गया है। ताजमहल को बनाने में कुल 22 वर्ष का समय लगा। ताजमहल के अंदर शाहजहाँ और मुमताज महल की समाधि बनी हुई है।

कुव्वत उल इस्लाम –

इसका निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा पृथ्वीराज चौहान पर विजय के उपरांत कराया गया। यह दिल्ली में किला रायपिथौरा कि निकट अवस्थित है। यह दिल्ली में तुर्कों की पहली मस्जिद है।

कुतुबमीनार –

कुतुबमीनार https://hindiprem.com/

इनका नाम सूफी संत कुतुबुद्दीन बख्तियाक काकी के नाम पर रखा गया। यह एक विजय स्तंभ (कीर्ति स्तंभ) है। कुतुबमीनार 71.4 मीटर ऊँची एक पांच मंजिला इमारत है। इसकी पहली मंजिल का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने कराया। इसके बाद इल्तुतमिश द्वारा तीन मंजिलों का निर्माण 1232 ई. तक करा कर इसे पूर्ण किया गया। अतः पहले यह चार मंजिला इमारत थी। फिरोज तुगलक के काल में बिजली गिरने के कारण इसकी ऊपरी मंजिल ध्वस्त हो गई। फिरोज ने इसकी मरम्मत कराई तथा एक मंजिल और जोड़ दी। इस तरह यह पांच मंजिला इमारत बन गई। इसके बाद सिकंदर लोदी द्वारा भी इसकी मरम्त कराई गई। इस मीनार का पर्यवेक्षक व वास्तुकार फजल इब्न अबुल माली था। इसे निजाम तालिब के नाम से भी जाना जाता है।

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अढ़ाई दिन का झोपड़ा –

यह एक मस्जिद है। इसका निर्माण ढाई साल में पूर्ण होने के कारण इसका यह नाम पड़ा। कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा इसका निर्माण अजमेर में कराया गया।

अलाई दरबाजा –

इसे इस्लामी वास्तुकला के रत्न के नाम से जाना जाता है। मार्शल ने इसे इस्लामी वास्तुकला के खजाने का सबसे सुंदर नग कहा। यह 1311 ई. में बनकर तैयार हुआ। इसका गुम्बद वैज्ञानिक तरीके से बनाजा गया पहला गुम्बद है। घोड़े की नाल की आकृति की मेहराब का सर्वप्रथम प्रयोग इसी में हुआ है। यह दरबाजा कुब्बत उल इस्लाम मस्जिद का प्रवेश द्वारा है।

सुल्तानगढ़ी –

यह इल्तुतमिश के पुत्र नासिरुद्दीन का मकबरा है। इसका निर्माण 1231 ई. में कराया गया। यह कुतुबमीनार से तीन मील की दूरी पर अवस्थित है।

किलोखरी महल –

किलोखरी महल का निर्माण कैकुबाद ने प्रारंभ कराया। जलालुद्दीन खिलजी ने इसे पूर्ण कराया।

खान ए जहाँ तेलंगानी का मकबरा –

इसका निर्माण फिरोज शाह तुगलक के काल में खाने जहाँ जूनाशाह द्वारा कराया गया। यह अष्टकोणीय पहला मकबरा है। इसके अतिरिक्त सिकंदर लोदी का मकबरा भी अष्टकोणीय है।

हुमायूं का मकबरा –

इस मकबरे को ताजमहल का पूर्वगामी कहा जाता है। चारबाद पंद्यति में निर्मित यह पहला स्थापत्य स्मारक है। यह मकबरा एक उद्यान के बीच में अवस्थित है। इसका निर्माण हुमायूं की विधवा हाजी बेगम (बेगा वेगम) ने मीरक मिर्जा गयास की देखरेक में कराया था। हुमायूं के मकबरे में सर्वाधिक लोगों को दफनाया गया है। हुमायूं के अतिरिक्त हाजी बेगम, हमादा बानू बेगम, दारा शिकोह, जहांदारशाह, फर्रुखशियर, रफी उद् दरजात, रफी उद् दौला, और आलमगीर द्वितीय को भी हुमायूं के मकबरे में दफनाया गया।

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बीबी का मकबरा –

1678 ई. में औरंगजेब ने औरंगाबाद में यह मकबरा अपनी पत्नी राबिया उद् दौरानी की याद में  बनवाया था। इसे दक्षिण के ताज के रूप में जाना जाता है।

भारतीय स्थापत्य से संबंधित प्रश्न उत्तर –

सर्वप्रथम किस मकबरे में दोहरे गुम्बद का प्रयोग किया गया – सिकंदर लोदी का मकबरा

किस मकबरे के शेरशाह के मकबरे का पूर्वगामी कहा जाता है – गयासुद्दीन का मकबरा

लाल गुम्बद किसका मकबरा है – कबीरुद्दीन औलिया

भारत में दोहरे गुम्बद का विकास किस काल में हुआ – लोदी काल

किसने सैयद लोदी काल को मकबरों का युग कहा है – पर्सी ब्राउन

बीजापुर का गोल गुम्बद किस शासक का मकबरा है – मो. आदिलशाह का

चारमीनार का निर्माण किसने कराया – मु. कुली कुतुबशाह

– भारतीय स्थापत्य (Indian Architecture) लेख समाप्त।

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