राष्ट्रीय प्रतीक : चिह्न | ध्वज | गान | गीत इत्यादि

राष्ट्रीय प्रतीक : चिह्न | ध्वज | गान | गीत | पशु | पक्षी | पुष्प | वृक्ष इत्यादि…

  • प्रतीक चिह्न – अशोक की लाट
  • ध्वज – तिरंगा
  • राष्ट्रगान – जन गण मन
  • राष्ट्रगीत – वन्दे मातरम्
  • पशु – बाघ
  • पक्षी – मोर
  • पुष्प – कमल
  • वृक्ष – बरगद
  • नदी – गंगा
  • जलीय जीव – डॉल्फिन
  • फल – आम

राष्ट्रीय ध्वज (National Flag) –

राष्ट्रीय प्रतीक : राष्ट्रीय ध्वज

संविधान सभा द्वारा भारत के राष्ट्रीय ध्वज के स्वरूप को 24 जुलाई 1947 को अपनाया गया था। इसे संविधान सभा में हंसा मेहता द्वारा प्रस्तुत किया गया था। यह तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों द्वारा निर्मित है। जिसमें सबसे ऊपर की पट्टी केसरिया, उससे नीचे सफेद और सबसे नीचे हरे रंग की पट्टी होती है। बीच वाली सफेद रंग की पट्टी पर नीले रंग का 24 तीलियों वाला चक्र बना होता है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज में कुल चार रंग होते हैं। यह चक्र अशोक सारनाथ के अशोक स्तंभ से लिया गया है। राष्ट्रीय ध्वज की लम्बाई व चौंड़ाई में 3 व 2 का अनुपात होता है। इस ध्वज में केसरिया रंग जागृति व शौर्य का, सफेद रंग सत्य व पवित्रता का, और हरा रंग समृद्धि का प्रतीक होता है।

भारतीय ध्वज संहिता 2002 के अनुसार भारत के सभी नागरिकों व निजी संस्थाओं को भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शन का अधिकार प्राप्त है। जनवरी 2004 के उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय के द्वारा इसे संविधान के अनुच्छेद-19(1) (अ) के तहत नागरिकों का मूल अधिकार माना गया। राष्ट्रीय शोक के समय राष्ट्रीय ध्वज को झुका दिया जाता है। देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के निधन पर राष्ट्रीय ध्वज को 12 दिनों तक के लिए झुका दिया जाता है। वहीं देश के पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व उपराष्ट्रपति या पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर राष्ट्रीय ध्वज को 7 दिनों तक के लिए झुका दिया जाता है। प्रसिद्ध झण्डा गीत ‘झण्डा ऊँचा रहे हमारा’ की रचना श्यामलाल पार्षद गुप्त’ ने की। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का पहली बार प्रदर्शन 14 अगस्त 1947 की रात किया गया था।

राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न (National Emblem) –

भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न अशोक की लाट

भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न सारनाथ (वाराणसी) के अशोक स्तंभ का शीर्ष है। इसमें चार सिंह एक दूसरे से पीठ सटाए बैठे हैं। भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न को 26 जनवरी 1950 को अपनाया गया। इसके नीचे देवनागरी लिपि में ‘सत्यमेव जयते’ लिखा गया है। सत्यमेव जयते वाक्य को मुण्डक उपनिषद से लिया गया है। शासकीय कार्यों में प्रयोग हेतु यह भिन्न-भिन्न रंग का होता है। भारत के मंत्रियों द्वारा नीला राजचिह्न प्रयोग किया जाता है। राज्यसभा सदस्यों व अधिकारियों द्वारा लाल राजचिह्न प्रयोग किया जाता है। लोकसभा सदस्यों द्वारा हरा राजकीय प्रतीक प्रयोग किया जाता है।

राष्ट्रगान (National Anthem) –

भारत का राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ है। जिसकी रचना रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी। इसे 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया गया था। इसे पहली बार 27 दिसंबर 1911 को कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में गाया गया था। इसे टैगोर द्वारा 1912 ई. में तत्वबोधिनी में ‘भारत भाग्य विधाता’ शीर्षक से प्रकाशित किया गया। इसका 1919 ई. में Morning Song of India नाम से अंग्रेजी अनुवाद किया। इसके गायन का समय 52 सेकेण्ड है। वहीं इसे गाने की संक्षिप्त अवधि 20 सेकेंड है जिसमे इसकी प्रथम व अंतिम पंक्तियां गायी जाती हैं। राष्ट्रगान के वर्तमान संगीतमयी धुन को बनाने का श्रेय कैप्टन रामसिंह ठाकुर (INA के सिपाही) को दिया जाता है।

राष्ट्रगीत –

राष्ट्रगीत

भारत का राष्ट्रगीत ‘वन्दे मातरम’ है इसे आनंदमठ से लिया गया है। जिसकी रचना बंकिमचंद्र चटर्जी ने की। इसे राष्ट्रगीत का दर्जा 26 जनवरी 1950 को प्रदान किया गया। इसे पहली बार 1896 ई. में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन (1896) में गया गया था। इस अधिवेशन की अध्यक्षता रहीमतुल्ला सयानी ने की थी। इसे 1 मिनट 5 सेकेंड में गाया जाता है। किसी व्यक्ति को राष्ट्रगीत गाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

राष्ट्रीय कैलेण्डर –

ग्रेगेरियन कैलेण्डर के साथ शक संवत् पर आधारित राष्ट्रीय पंचांग को सरकारी प्रयोग के लिए 22 मार्च 1957 को अपनाया गया। इसका पहला हिन्दी माह चैत्र का होता है।

राष्ट्रीय पशु –

राष्ट्रीय प्रतीक राष्ट्रीय पशु बाघ

भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ (Tiger) है। इसका वैज्ञानिक नाम पैंथरा टाइग्रिस लिन्नायस है।

राष्ट्रीय पक्षी –

राष्ट्रीय प्रतीक राष्ट्रीय पक्षी मोर या मयूर

भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर है। इसका वैज्ञानिक नाम पावो क्रिस्टेटस है। मोर प्रजाति में नर मादा से कहीं अधिक रंगीन व लंबे पंखों वाला होता है। नर की अपेक्षा मादा के पंख इतने लंबे व सुंदर नहीं होते। मोर का सीना नीला व चमकीला होता है। मोर प्रजाति की मादा भूरे रंग की होती है। मादा के पास लंबे सुंदर पंख नहीं होते।

राष्ट्रीय पुष्प –

राष्ट्रीय प्रतीक राष्ट्रीय पुष्प कमल

भारत का राष्ट्रीय पुष्प कमल (Lotus) है। इसका वैज्ञानिक नाम निलम्बो न्यूसिफेरा गेर्टन है। यह एक प्राचीन पुष्प है जिसका भारत की प्राचीन गाथाओं व कलाओं से संबंधि है।

राष्ट्रीय फल –

आम

भारत का राष्ट्रीय फल आम है। इसका वैज्ञानिक नाम मेनिगिफेरा इंडिका है।

राष्ट्रीय वृक्ष –

बरगद

भारत का राष्ट्रीय वृक्ष बरगद है। इसका वैज्ञानिक नाम फाइकस बेंथालेंसिस है।

राष्ट्रीय नदी –

गंगा

भारत की राष्ट्रीय नदी गंगा है। इसे 4 नवंबर 2008 को राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया।

राष्ट्रीय जलीय जीव –

डाल्फिन

भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव गंगा डॉल्फिन (प्लाटानिस्टा गैंगेटिक) है। इसे 5 अक्टूबर 2009 को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया।

राष्ट्रीय विरासत पशु –

हाथी (एलिफास इंडिका) भारत का राष्ट्रीय विरासत पशु है।

राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में अंतर –

जन-गण-मन भारत का राष्ट्रगान है। वन्दे मातरम् को भारत के राष्ट्रगीत का दर्जा प्राप्त है।

भारतीय संसद के अधिवेशन का प्रारंभ राष्ट्रगान से और समापन वन्देमातरम से किया जाता है।

राष्ट्रगान को 52 सेकेण्ड में गाया जाता है। राष्ट्रगीत को 1 मिनट 5 सेकेंड में गाया जाता है।

राष्ट्रगान की रचना रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी। राष्ट्रगीत की रचना बंकिम चंद्र चटर्जी ने की।

पहली बार राष्ट्रगान को 27 दिसंबर 1911 को कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में गाया गया था। राष्ट्रगीत को पहली बार 1896 ई. के कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था।

बिहार के राजकीय प्रतीक : पशु, पक्षी, पुष्प, वृक्ष

बिहार के राजकीय प्रतीक : पशु, पक्षी, पुष्प, वृक्ष, चिह्न, खेल इत्यादि…

  • राजकीय चिह्न – बोधिसत्व
  • राजकीय पशु – बैल
  • राज्य पक्षी – गौरैया
  • राजकीय पुष्प – गेंदा
  • राजकीय वृक्ष – पीपल
  • राज्य खेल – कबड्डी
  • राजकीय मछली – देशी मांगुर
  • राज्य की भाषा – हिन्दी उर्दू

राजकीय चिह्न – बोधिसत्व

बिहार का राजकीय चिह्न बोधिसत्व

बिहार का राजकीय प्रतीक दो स्वास्तिक चिह्नों से घिरा हुआ बोधिसत्व है। इसकी बीच में बोधिसत्व और दाँएं-बाँए एक-एक स्वास्तिक का चिह्न बना है। इसके आधार पर उर्दू भाषा में बिहार अंकित है। यह बोधि वृक्ष बिहार के गया जिले में अवस्थित है। यह पीपल का वृक्ष है जो भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति का प्रतीक है। यह क्षेत्र बौद्ध धर्म के प्रचार का प्रमुख केंद्र था। महात्मा बुद्ध को बोधिवृक्ष (पीपल) के नीचे ही 531 ई.पू. में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। अर्थात यह उनकी ज्ञान प्राप्ति का प्रतीक है।

बिहार का राजकीय पशु – गौर(बैल)

बिहार का राजकीय पशु

बैल बिहार का राजकीय पशु है। इसे बिहार की राज्य सरकार द्वारा साल 2013 में राजकीय पशु के रूप में घोषित किया गया था। बैल बिहार में कृषि की प्रधानता का प्रतीक है। क्योंकि भारत में सदियों से बैल का प्रयोग कृषि कार्यों में किया जाता रहा है।

राज्य पक्षी – गौरैया

गौरैया

गौरैया बिहार का राजकीय पक्षी है। पहले देश भर में गौरैया की बहुत बड़ी आबादी थी। लेकिन अब धीरे-धीरे गौरैया की आबादी बहुत कम होती जा रही है। इसे भी बिहार राज्य सरकार द्वारा साल 2013 में ही राजकीय पक्षी घोषित किया गया था। इससे पहले नीलकण्ठ बिहार का राजकीय पक्षी था।

बिहार का राजकीय पुष्प – गेंदा

गेंदा

गेंदा बिहार का राजकीय पुष्प है। यह बिहार के समस्त क्षेत्र में भारी मात्रा में पाया जाता है। गेंदा एक सामान्य सा सुगंधित पुष्प है। जो भारत भर में पाया जाता है। गुलाब के बाद यह देश का सबसे लोकप्रिय पुष्प है।

बिहार का राजकीय वृक्ष – पीपल

पीपल

पीपल बिहार का राजकीय वृक्ष है। हिंदू मान्यता के अनुसार यह एक पवित्र वृक्ष है। हड़प्पा काल से ही भारत में इस वृक्ष की पूजा की जाती है। साथ ही यह बिहार की संस्कृति से भी जुड़ा है। इसी कारण 2013 में इसे बिहार का राजकीय वृक्ष घोषित किया गया।

राज्य खेल – कबड्डी

कबड्डी

कबड्डी बिहार का राजकीय खेल है। यह भारत में बहुत ही लोकप्रिय खेल है। इसकी दोनों टीमों में 6-6 खिलाड़ी होते हैं। बिहार के साथ-साथ यह भारत के और भी कई राज्यों का राजकीय खेल है।

राजकीय मछली – देशी मांगुर

देशी मांगुर

बिहार की राजकीय भाषा –

हिन्दीं बिहार की प्रथम राजकीय भाषा है। साथ ही बिहार भारत का पहला राज्य है जिसने हिंदी को अपनी राजकीय भाषा घोषित किया। इससे पहले 1881 ई. तक बिहार की आधिकारिक भाषा उर्दू थी। वर्तमान में उर्दू बिहार की दूसरी राजकीय भाषा है।

राजकीय गीत –

‘मेरे भारत के कण्ठहार, तुझको शत्-शत् वन्दन बिहार’

राज्य प्रार्थना –

‘मेरे रफ्तार पर सूरज की किरणें नाज करें’

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