आम आदमी पार्टी | अरविंद केजरीवाल

आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) का गठन 26 नवंबर 2012 को संविधान दिवस के अवसर पर अरविंद केजरीवाल द्वारा किया गया था। अरविंद केजरीवाल स्वयंसेवी अन्ना हजारे के लोकपाल अनशन के माध्यम से जनता के सामने आए। 10 अप्रैल 2023 को आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्रदान कर दिया गया।

  • गठन – 26 नवंबर 2012
  • संस्थान – अरविंद केजरीवाल
  • मुख्यालय – कौशाम्बी (NCR, गाजियाबाद)
  • चुनाव चिह्न – झाड़ू

आम आदमी पार्टी का चुनावी इतिहास –

चुनावजीती सीटें
दिल्ली विधानसभा चुनाव 201328/70
दिल्ली विधानसभा चुनाव 201567/70
दिल्ली विधानसभा चुनाव 202062/70
पंजाब विधानसभा चुनाव 202292/117
गुजरात विधानसभा चुनाव 20225/182

2012 में गठन के बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013 में आम आदमी पार्टी 28 सीटों पर जीती। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में दिल्ली विधानसभा की 70 में से 67 सीटें जीतीं। इस भारी जीत के साथ अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटें जीतकर दूसरी बार भारी बहुतम से साथ सरकार बनाई। इसके बाद पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में पंजाब विधानसभा की 117 में से 92 सीटों पर जीती। पंजाब में भगवंत मान को आम आदमी पार्टी का मुख्यमंत्री बनाया गया।

आम आदमी पार्टी को मिला राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा –

भारत के निर्वाचन आयोग ने आम आदमी पार्टी को 10 अप्रैल 2023 को राष्ट्रीय दल का दर्जा प्रदान किया है। आम आदमी पार्टी ने 4 राज्यों में 6 प्रतिशत से अधिक वोट प्राप्त कर लिये हैं। 2022 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 13 प्रतिशत वोट मिले। इससे पहले दिल्ली, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में पार्टी 6 प्रतिशत मतों का आंकड़ा पार कर चुकी थी। अब यह पार्टी 4 राज्यों में 6 प्रतिशत का आंकड़ा पार कर चुकी है। इसी लिए इसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्रदान कर दिया गया।

अरविंद केजरीवाल –

आम आदमी पार्टी | अरविंद केजरीवाल

भारतीय राजनेता, आप के संस्थापक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के हिसार में हुआ था। ये पूर्ण रूप से शाकाहारी हैं। 1989 ई. में इन्होंने आईआईटी खड़गपुर से यांत्रिक अभियांत्रिकी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। 1992 ई. में ये भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में आ गए। इन्हें दिल्ली के आयकर आय़ुक्त के कार्यालय में नियुक्त किया गया। फरवरी 2006 में इन्होने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। कई अन्य लोगों को साथ लेकर इन्होंनो सूचना अधिकार अधिनियम के लिए अभियान शुरु किया। 2001 में दिल्ली में इस अधिनियम को पारित कर दिया गया। अंत में राष्ट्रीय स्तर पर 2005 में संसद द्वारा इसे पारित किया गया।

केजरीवाल का राजनीतिक सफर –

अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुवात 2 अक्टूबर 2012 को की। इन्होंने अपनी टोपी पर लिखवाया ‘मैं आम आदमी हूँ’। इसी दिन इन्होंने अपने भावी राजनीतिक दल के दृष्टिकोण को भी जारी किया।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल –

  • 28 दिसंबर 2013 – 14 फरवरी 2014
  • 14 फरवरी 2015 – 15 फरवरी 2020
  • 16 फरवरी 2020 – वर्तमान…

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013 में नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव जीते। इसमें इन्होंने 3 बार की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित को नई दिल्ली विधानसभा सीट से हराया। 28 दिसंबर 2013 को अरविंद केजरीवाल पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। लेकिन 14 फरवरी 2014 को इन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली विधानसभा सीट से जीते। 14 फरवरी 2015 को ये दूसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद दिल्ली विधानसभा चिनाव 2020 मे भारी बहुमत पाने के बाद 16 फरवरी 2020 को तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। इनकी पत्नी का नाम सुनीता केजरीवाल है। इनके 2 बच्चे हैं।

केजरीवाल को मिले सम्मान व पुरस्कार –

  • 2006 में रमन मैग्सेस पुरस्कार
  • 2014 टाइम पत्रिका के विश्व के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में शामिल

लोकसभा में नहीं है सीट नंबर 420

लोकसभा में नहीं है सीट नंबर 420 ( Loksabha Seat No 420) : क्या आप जानते हैं कि संसद के निचले सदन लोकसभा में सीट नं. 420 नहीं है। वर्तमान में लोकसभा में सीटों की कुल संख्या 545 है। लेकिन आप में से कितने लोग इस तथ्य से अवगत हैं कि यहाँ पर सीट नम्बर 420 नहीं है। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान आप टीवी पर देखेंगे कि सभी नम्बर की सीटें होंगी। लेकिन आपने कभी लोकसभा में 420 नम्बर की सीट नहीं देखी होगी। संसद में सभी सदस्यों की सीट निर्धारित होती है। सदस्य अपनी सीटों पर ही बैठते हैं।

क्यों नहीं है लोकसभा में सीट नंबर 420 –

लोकसभा में सीट नमबर 420 न होने का कारण है इंडियन पीनल कोड (IPC) की धारा 420. आईपीसी की धारा 420 उन लोगों पर लगती है जो किसी प्रकार की ठगी, जालसाजी या बेईमानी के काम में लिप्त होते हैं। यह धारा एक समय में इतनी प्रचलित हुई कि एक कहावत की तरह प्रयोग की जाने लगी कि ‘वह बड़ा 420 आदमी है’। बस यही कारण है कि यह नंबर देश में अत्यधिक बदनाम हो गया। इसी कारण से लोकसभा में सीट नम्बर 420 नहीं है। लोकसभा की सीट नम्बर 419 के बाद अगली सीट 419A है।

error: Content is protected !!