‘संधि विच्छेद’ शीर्षक के इस लेख में संधियों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी को साझा किया गया है। दो शब्दों के मेल से होने वाले विकार को समास कहते हैं और दो वर्णो के मेल से होने वाले विकार को ‘संधि’ कहते हैं। संधियों को तीन भागों में विभक्त किया गया है। स्वर संधि, व्यंजन संधि और विसर्ग संधि। इसके बाद स्वर संधि को दीर्घ संधि, गुण संधि, वृद्धि संधि, यण संधि व अयादि संधि में विभक्त किया गया है।
दीर्घ संधि (स्वर संधि) के उदाहरण –
शब्दार्थ, तथापि, मृत्यूपरांत, सूक्ति, कवीन्द्र, गिरींद्र, रवीन्द्र, पुष्पावली, परमार्थ, कल्पांत, भूपरि, भूत्तम, होतृकर, स्वर्णावसर, करुणावतार, पुस्तकार्थी, उत्तमांग, हिमालय, धनार्थी।
मायाधीन, दैत्यारि, शिवालय, हरीश, कवीश, गिरीश, देहांत, महीश, नदीश, जानकीश, रजनीश, पृथ्वीश, वेदांत, आज्ञानुसार, मातृणाम, वधूत्सव, परीक्षार्थी, शिक्षार्थी।
परमात्मा, शरणार्थी, सत्यार्थी, रत्नाकर, सूर्यास्त, विद्याभास, कपीश, मुनीश्वर, सेवार्थ, चरणामृत, रामावतार, रामायण, शिवायन, बद्धीश, रतीश, लक्ष्मीच्छा, भारतीश्वर। महीन्द्र, अन्नाभाव, कवीच्छा, अभीष्ट, भोजनालय, पुस्तकालय, देवालय, विद्यार्थी, युवावस्था, रामाधार, रामाश्रय, धर्मात्मा, परमानन्द, नित्यानंद, परमावश्यक। रघूत्तर, भानूदय, लघूक्ति, कटूक्ति, मंजूषा, सिंधूर्मि, लघूर्मि।
गुण संधि (स्वर संधि) के उदाहरण –
प्रेत, सूर्योदय, महर्षि, सप्तऋषि, महेन्द्र, रमेश, महेश, गंगोर्मि, महोत्सव, जलोर्मि, देवर्षि, समुद्रोर्मि।
परोपकार, सुरेश, देवेंद्र, सुरेंद्र, उपेंद्र, नरेंद्र, नरेश, गणेश, खगेश, देवेश, राजऋषि, महेश्वर, जलोदय, चंद्रोदय, लोकोपयोग, महोपदेश, परमोत्सव, दीर्घोपल, महोर्जस्वी, महोर्मि।
वृद्धि संधि (स्वर संधि) के उदाहरण –
सदैव, तथैव, महौज, मतैक्य, एकैव, तत्रैव, वनौषधि, परमौषध, महौषध, महौदार्य, एकैक, परमौज, दिनैक, देवैश्वर्य, धर्मैक्य, विश्वैक्य, नवैश्वर्य, परमौदार्य, सर्वदैव, एकदैव, सर्वदैव, महैश्वर्य।
यण संधि (स्वर संधि) के उदाहरण –
स्वागत, अध्ययन, प्रत्येक, इत्यादि, उपर्युक्त, यद्यपि, न्यून, अत्यन्त, नद्यर्पण, अन्वय, मन्वन्तर, नद्यूर्मि, अत्याचार, अत्यावश्यक, अत्यधिक, ऋत्वंत, रीत्यानुसार, अन्वादेश, अत्यर्थ, प्रत्युत्तर, प्रत्युपकार, मध्वरि, अत्युक्ति, अत्युत्तम, मध्वालय, वाण्यूर्मि, देव्यर्थ, देव्यालय, देव्यागम, सख्यागम, सरस्वत्याराधना, सख्युचित, देव्युक्ति, देव्यैश्वर्य, देव्योज, देव्यौदार्य, देव्यंग।
अयादि संधि (स्वर संधि) के उदाहरण –
पवन, पावक, भवन, नयन, पित्रनुमति, अन्वित, शयन, चयन, गायक, गायन, सायक, नायक, वध्वर्थ, श्रवण, मात्रंणा, रवीश, गवीश।
पवित्र, गवन, पित्रनुदेश, पावन, धात्विक, मध्वोदन, भ्रात्रेषणा, अन्वेषण, मध्वौषध, मात्रादेश, गुर्वौदार्य, वह्वंग।
संधि विच्छेद की विस्तृत सूची –
संधि | विच्छेद | संधि | विच्छेद |
---|---|---|---|
संधि | सम् + धि | विच्छेद | वि + छेद |
पुस्तकार्थी | पुस्तक + अर्थी | उत्तमांग | उत्तम + अंग |
धनार्थी | धन + अर्थी | दैत्यारि | दैत्य + अरि |
देहांत | देह + अंत | वेदांत | वेद + अंत |
शरणार्थी | शरण + अर्थी | सत्यार्थी | सत्य + अर्थी |
सूर्यास्त | सूर्य + अस्त | रामावतार | राम + अवतार |
शिवायन | शिव + अयन | अन्नाभाव | अन्न + अभाव |
पुष्पावली | पुष्प + अवली | शब्दार्थ | शब्द + अर्थ |
चरणामृत | चरण + अमृत | स्वर्णावसर | स्वर्ण + अवसर |
हिमालय | हिम + आलय | शिवालय | शिव + आलय |
परमात्मा | परम + आत्मा | रत्नाकर | रत्न + आकर |
कुशासन | कुश + आसन | पुस्तकालय | पुस्तक + आलय |
देवालय | देव + आलय | रामाधार | राम + आधार |
रामाश्रय | राम + आश्रय | धर्मात्मा | धर्म + आत्मा |
परमानन्द | परम + आनन्द | नित्यानन्द | नित्य + आनन्द |
परमावश्यक | परम + आवश्यक | भोजनालय | भोजन + आलय |
विद्यार्थी | विद्या + अर्थी | विद्याभास | विद्या + आभास |
सेवार्थी | सेवा + अर्थी | मायाधीन | माया + अधीन |
करुणावतार | करुणा +अवतार | तथापि | तथा + अपि |
युवावस्था | युवा + अवस्था | आज्ञानुसार | आज्ञा + अनुसार |
परीक्षार्थी | परीक्षा + अर्थी | शिक्षार्थी | शिक्षा + अर्थी |
कवीन्द्र | कवि + इन्द्र | रवीन्द्र | रवि + इन्द्र |
गिरीन्द्र | गिरि + इन्द्र | अभीष्ट | अभि + इष्ट |
कवीच्छा | कवि + इच्छा | हरीश | हरि + ईश |
कवीश | कवि + ईश | गिरीश | गिरि + ईश |
कपीश | कपि + ईश | मुनीश्वर | मुनि + ईश्वर |
बुद्धीश | वुद्धि + ईश | रतीश | रति + ईश |
महीन्द्र | महि + इन्द्र | लक्ष्मीच्छा | लक्षमी + इच्छा |
नदीश | नदी + ईश | जानकीश | जानकी + ईश |
महीश | महा + ईश | पृथ्वीश | पृथ्वी+ ईश |
रजनीश | रजनी + ईश | भारतीश्वर | भारती + ईश्वर |
भानूदय | भानु + उदय | लघूक्ति | लघु + उक्ति |
कटूक्ति | कटु + उक्ति | रघूत्तम | रघु + उत्तम |
मृत्यूपरांत | मृत्यु + उपरांत | सूक्ति | सु + उक्ति |
लघूर्मि | लघु + ऊर्मि | मंजूषा | मंजु + ऊषा |
सिन्धूर्मि | सिन्धु + ऊर्मि | वधूत्सव | वधु + उत्सव |
भूपरि | भू + उपरि | वधूल्लास | वधू + उल्लास |
भूत्तम | भू + उत्तम | मातृणाम | मातृ +ऋणाम् |
होतृकार | होतृ + ऋकार | यद्यपि | यदि + अपि |
अध्ययन | अधि + अयन | अत्यर्थ | अति + अर्थ |
अत्यधिक | अति + अधिक | रीत्यानुसार | रीति + अनुसार |
इत्यादि | इति + आदि | अत्याचार | अति + आचार |
अत्यावश्यक | अति + आवश्यक | प्रत्युत्तर | प्रति + उत्तर |
प्रत्युपकार | प्रति + उपकार | उपर्युक्त | उपरि + उक्त |
अत्युक्ति | अति + उक्ति | अत्युत्तम | अति + उत्तम |
न्यून | नि + ऊन | वाण्यूर्मि | वाणि + ऊर्मि |
प्रत्येक | प्रति + एक | अत्यंत | अति + अंत |
नद्यर्पण | नदी + अर्पण | देव्यर्थ | देवी + अर्थ |
देव्यागम | देवी + आगम | देव्यालय | देवी + आलय |
सख्यागम | सखि + आगम | सरस्वत्याराधना | सरस्वती + आराधना |
सख्युचित | सखि + उचित | देव्युक्ति | देवी + उक्ति |
नद्यूर्मि | नदी + ऊर्मि | देव्यैश्वर्य | देवी + ऐश्वर्य |
देव्योज | देवी + ओज | देव्यंग | देवी + अंग |
मन्वन्तर | मनु + अंतर | अन्वय | अनु + अय |
अन्वर्थ | अनु + अर्थ | मध्वरि | मधु + अरि |
ऋत्वंत | ऋतु + अंत | स्वागत | सु + आगत |
मध्वालय | मधु + आलय | अन्वादेश | अनु + आदेश |
नयन | ने + अन | शयन | शे + अन |
चयन | चे + अन | गायक | गै + अक |
नायक | नै + अक | सायक | सै + अक |
गायन | गै + अन | गवीश | गो + ईश |
रवीश | रो + ईश | पवित्र | पो + इत्र |
पवन | पो + अन | गवन | गो + अन |
भवन | भो + अन | पावक | पौ + अक |
पावन | पौ + अन | न्यून | ने + ऊन |
अन्वित | अनु + इत | अन्विष्ट | अनु + इष्ट |
धात्विक | धातु + इक | मध्वादेन | मधु + आदेन |
अन्वेषण | अनु + एषण | मध्वौषधि | मधु + औषधि |
गुर्वोदार्य | गुरु + औदार्य | वह्वंग | वहु + अंग |
वध्वर्थ | वधू + अर्थ | वध्विष्ट | वधु + इष्ट |
वध्वेषण | वधू + एषण | पित्रनुमति | पितृ + अनुमति |
पित्रनुदेश | पितृ + अनुदेश | भ्रात्रेषणा | भ्रातृ + एषणा |
मात्रंग | मातृ + अंग | वध्वादेश | वधु + आदेश |
वध्वीर्ष्या | वधू + ईर्ष्या | वध्वंग | वधू + अंग |
मात्रानंद | मातृ + आनन्द | मात्रादेश | मातृ + आदेश |
पित्रादेश | पितृ + आदेश | भ्रात्रोक | भ्रातृ + ओक |
तत्रैव | तत्र + एव | एकैव | एक + एव |
एकैक | एक + एक | दिनैक | दिन + एक |
मतैक्य | मत + ऐक्य | देवैश्वर्य | देव + ऐश्वर्य |
धर्मैक्य | धर्म + ऐक्य | विश्वैक्य | विश्व + ऐक्य |
नवैश्वर्य | नव + ऐश्वर्य | वनौषधि | वन + औषधि |
उष्णौदन | उष्ण + ओदन | परमौज | परम + ओज |
जलौस | जल + ओस | परमौषध | परम + औषध |
परमौदार्य | परम + औदार्य | सर्वदैव | सर्वदा + एव |
सदैव | सदा + एव | एकदैव | एकदा + एव |
तथैव | तथा + एव | महैश्वर्य | महा + ऐश्वर्य |
महौज | महा + ओज | महौदार्य | महा + औदार्य |
महौषध | महा + औषध | देवेन्द्र | देव + इन्द्र |
सुरेन्द्र | सुर + इन्द्र | उपेन्द्र | उप + इन्द्र |
नरेन्द्र | नर + इन्द्र | प्रेत | प्र + इत |
सुरेश | सुर + ईश | नरेश | नर + ईश |
खगेश | खग + ईश | देवेश | देव + ईश |
गणेश | गण + ईश | सूर्योदय | सूर्य + उदय |
जलोदय | जल + उदय | चन्द्रोदय | चन्द्र + उदय |
परोपकार | पर + उपकार | परमोत्सव | परम + उत्सव |
लोकोपयोग | लोक + उपयोग | जलोर्मि | जल + ऊर्मि |
समुद्रोर्मि | समुद्र + ऊर्मि | दीर्घोपल | दीर्घ + ऊपल |
देवर्षि | देव + ऋषि | महेन्द्र | महा + इन्द्र |
रमेश | रमा + ईश | महेश्वर | महा + ईश्वर |
महेश | महा + ईश | महोत्सव | महा + उत्सव |
गंगोर्मि | गंगा + ऊर्मि | महोर्जस्व | महा + ऊर्जस्व |
महोर्मि | महा + ऊर्मि | महर्षि | महा + ऋषि |
सप्तर्षि | सप्त + ऋषि | राजर्षि | राजा + ऋषि |
वागीश | वाक् + ईश | दिगम्बर | दिक् + अम्बर |
वाग्धारा | वाक् + धारा | दिगन्तर | दिक् + अन्तर |
वाग्जाल | वाक् + जाल | दिग्गज | दिक् + गज |
दिग्भ्रमण | दिक् + भ्रमण | अजन्त | अच् + अन्त |
अजादि | अच् + आदि | षडानन | षट् + आनन |
तदिच्छा | तत् + इच्छा | सदाचार | सत् + आचार |
वृहद्रथ | वृहत् + रथ | तद्रूप | तत् + रूप |
सदाशय | सत् + आशय | सदानन्द | सत् + आनन्द |
सदुपयोग | सत् + उपयोग | जगदीश | जगत् + ईश |
उदय | उत् + अय | कृदन्त | कृत् + अन्त |
सद् वाणी | सत् + वाणी | जगगदानन्द | जगत् + आनन्द |
सुबन्त | सुप् + अन्त | अब्ज | अप् + ज |
अब्धि | अप् + धि | अम्मय | अप् + मय |
एतन्मुरादी | एतत् + मुरादी | जगन्नाथ | जगत् + नाथ |
वाग्दत्त | वाक् + दत्त | भगवद्भक्ति | भगवत् + भक्ति |
षडदर्शन | षट् + दर्शन | उद्योग | उत् + योग |
सदवंश | सत् + वंश | उद्घाटन | उत् + घाटन |
षण्मास | षट् + मास | वाङ्मात्र | वाक् + मात्र |
चिन्मय | चित् + मय | भगवद्गीता | भगवत् गीता |
दिग्गज | दिक् + गज | उद्गम | उत् + गम |
वाङ्मय | वाक् + मय | रुञ्मय | रुच् + मय |
सन्मार्ग | सत् + मार्ग | उन्नति | उत् + नति |
उच्चारण | उत् + चारण | महच्छत्र | महत् + छत्र |
उच्छेद | उत् + छेद | सच्छात्र | सत् + छात्र |
शरच्चन्द्र | शरत् + चन्द्र | सच्चरित्र | सत् + चरित्र |
उच्चाटन | उत् + चाटन | पच्छेद | पद् + छेद |
सज्जन | सत् + जन | उज्ज्वल | उत् + ज्वल |
विपज्जाल | विपद् + जाल | उड्डयन | उत् + डयन |
तल्लीन | तत् + लीन | उल्लंघन | उत् + लंघन |
उल्लास | उत् + लास | सच्छास्त्र | सत् + शास्त्र |
उच्छवास | उत् + श्वास | उच्छिष्ट | उत् + शिष्ट |
तच्छुत्वा | तत् + श्रुत्वा | महच्छक्ति | महत् + शक्ति |
उद्धार | उत् + हार | उद्धत | उत् + हत |
तद्धित | तत् + हित | उद्धहरण | उत् + हरण |
आच्छादन | आ + छादन | वृक्षच्छाया | वृक्ष + छाया |
परिच्छेद | परि + छेद | अनुच्छेद | अनु + छेद |
अवच्छेद | अव + छेद | किंवा | किम् + वा |
संयोग | सम् + योग | संयम | सम् + यम |
संलाप | सम् + लाप | संसार | सम् + सार |
परमार्थ | परम + अर्थ | संहार | सम् + हार |
संवाद | सम् + वाद | संशय | सम् + शय |
संवेग | सम् + वेग | संकल्प | सम् + कल्प |
किञ्चित् | किम् + चित् | संचय | सम् + चय |
संपर्क | सम् + पर्क | संक्रांन्ति | सम् + क्रान्ति |
संतोष | सम् + तोष | सम्पूर्ण | सम् + पूर्ण |
संताप | सम् + ताप | पंचम | पम् + चम |
भरण | भर् + अन | प्रमाण | प्र + मान |
भूषण | भूष् + अन | ऋण | ऋ + न |
तृष्णा | तृष + ना | निषिद्ध | नि + सिद्ध |
अभिषेक | अभि + सेक | सुषमा | सु + समा |
विषम | वि + सम | सुषुप्त | सु + सुप्त |
निषेध | निः + सेध | निश्छल | निः + छल |
कश्चित | कः + चित् | धनिष्टंकार | धनुः + टंकार |
निश्चय | निः + चय | निष्चेष्ट | निः + चेष्ट |
ततष्ठकार | ततः + कार | निश्चल | निः + चल |
दुष्ट | दुः + ट | मनस्ताप | नमः + ताप |
निस्तेज | निः + तेज | दुस्तर | दुः + तर |
निश्छद्र | निः + छिद्र | निस्तार | निः + तार |
दुशासन या दुःशासन | दुः + शासन | हरिशते | हरिः + शते |
निशंक | निः + शंक | निस्सार | निः + सार |
निस्सृत | निः + सृत | रजःकण | रजः + कण |
पयपान | पयः + पान | अन्तःकरण | अन्तः + करण |
अधःफलित | अधः + फलित | अन्तःपुर | अन्तः + पुर |
प्रातःकाल | प्रातः + काल | अधःपतन | अध + पतन |
पुरस्कार | पुरः + कार | मनोकामना | मनः + कामना |
नमस्कार | नमः + कार | तिरस्कार | तिरः + कार |
दुख | दुः + ख | निष्कपट | निः + कपट |
निष्फल | निः + फल | निष्पाप | निः + पाप |
निष्पंक | निः + पंक | चतुष्पद | चतुः + पद |
दुष्कर्म | दुः + कर्म | दुष्प्रकृति | दुः + प्रकृति |
दुष्कर | दुः + कर | दुष्खचित | दुः + खचित |
दुष्फल | दुः + फल | मनोज | मनः + ज |
वयोवृद्ध | वयः + वृद्ध | अधोघात | अधः + घात |
तपःबल | तपः + बल | तेजोमय | तेजः + मय |
पयोद | पयः + द | पुरोहित | पुरः + हित |
यशोलाभ | यशः + लाभ | सरोवर | सरः + वर |
यशोगान | यशः + गान | मनोबल | मनः + बल |
तमोगुण | तमः + गुण | मनोराज्य | मनः + राज्य |
तपोधन | तपः + धन | अधोगति | अधः + गति |
यशोदा | यशः + दा | अधोजल | अधः + जल |
मनोरथ | मनः + रथ | मनोज्ञ | मनः + ज्ञ |
मनोयोग | मनः + योग | मनोवेग | मनः + वेग |
मनोहर | मनः + हर | यशोधरा | यशः + धरा |
मनोनयन | मनः + नयन | सरोरुह | सरः + रुह |
मनोविकार | मनः + विकार | पयोधर | पयः + धर |
निराशा | निः + आशा | निर्दय | निः + दय |
निर्झर | निः + झर | निर्जल | निः + जल |
निर्भय | निः + भय | निस्संदेह | निः + संदेह |
निर्लेप | निः + लेप | निर्यात | निः + यात |
निर्हार | निः + हार | निरैक्य | निः + ऐक्य |
निरेकीभाव | निः + निरेकीभाव | निर्घोष | निः + घोष |
निर्गम | निः + गम | निराधार | निः + आधार |
निरुपाय | निः + उपाय | निरौषध | निः + औषध |
निरादर | निः + आदर | निरीह | निः + ईह |
निरर्थक | निः + अर्थक | दुरुपयोग | दुः + उपयोग |
दुर्दशा | दुः + दशा | दुर्गुण | दुः + गुण |
दुर्जन | दुः + जन | दुर्भाग्य | दुः + भाग्य |
दुश्शील | दुः + शील | दुर्बल | दुः + बल |
दुर्वचन | दुः + वचन | दुर्यश | दुः + यश |
दुर्लाभ | दुः + लाभ | दुर्लक्ष्य | दुः + लक्ष्य |
दुर्गंध | दुः + गंध | दुरात्मा | दुः + आत्मा |
दुर्धर्ष | दुः + धर्ष | दुर्नाम | दुः + नाम |
वहिर्गत | वहिः + गत | निरोक | निः + रोक |
निरंक | निः + रंग | निरुर्मि | निः + उर्मि |
निरुत्तर | निः + उत्तर | नीरस | निः + रस |
नीरोग | निः + रोग | नीरज | निः + रज |
नीरव | निः + रव | दूराज | दुः + राज |
अतएव | अतः + एव | निर्गुण | निः + गुण |
कृदंत | कृत् + अंत | देवेंद्र | देव + इंद्र |
अन्याय | अ + नि + आय | अभ्युदय | अभि + उदय |
अंतःपुर | अन्तः + पुर | अन्योन्याश्रित | अन्य + अन्य + आश्रित |
अन्यान्य | अन्य + अन्य | अधीश्वर | अधि + ईश्वर |
अरण्याच्छादित | अरण्य + आच्छादित | अहर्निश | अहः + निश |
आत्मोत्सर्ग | आत्म + उत्सर्ग | अत्यावश्यक | अति + आवश्यक |
अन्तर्निहित | अन्तः + निहित | अभ्यागत | अभि + आगत |
अम्बूर्मि | अम्बु + ऊर्मि | अहंकार | अहम् + कार |
आशीर्वाद | आशीः + वाद | आविष्कार | आविः + कार |
कल्पान्त | कल्प + अन्त | आकृष्ट | आकृष् + ट |
आद्यान्त | आदि + अन्त | ईश्वरेच्छा | ईश्वर + इच्छा |
उन्मूलित | उत् + मूलित | उद्दाम | उत् + दाम |
उच्छवास | उत् + श्वास | उन्नायक | उत् + नायक |
उन्मत्त | उत् + मत्त | उन्नयन | उत् + नयन |
उन्माद | उत् + माद | उल्लेख | उत् + लेख |
उद्भव | उत् + भव | उच्छिन्न | उत् + छिन्न |
उद्विग्न | उत् + विग्न | उद्धृत | उत् + हृत |
उपदेशांतर्गत | उपदेश + अन्तर्गत | उपेक्षा | उप + ईक्षा |
उन्मीलित | उत् + मीलित | किन्नर | किम् + नर |
तदाकार | तत् + आकार | तपोभूमि | तपः + भूमि |
तेजोराशि | तेजः + राशि | तेजोपुंज | तेजः + पुंज |
तपोवन | तपः + वन | तट्टीका | तत् + टीका |
दुर्नीति | दुः + नीति | दुर्ग | दुः + ग |
दावानल | दाव + अनल | दुःस्थन | दुः + स्थल |
दुर्दिन | दुः + दिन | दुर्वह | दुः + वह |
नारीश्वर | नारी + ईश्वर | नाविक | नौ + इक |
निस्सहाय | निः + सहाय | निश्चिंत | निः + चिंत |
निश्चय | निः + चय | निर्भर | निः + भर |
निष्कपट | निः + कपट | निर्विकार | निः + विकार |
निरीक्षण | निः + ईक्षण | निष्काम | निः + काम |
निरंतर | निः + अंतर | निष्प्राण | निः + प्राण |
निरुद्देश्य | निः + उद्देश्य | निष्कारण | निः + कारण |
निस्शब्द | निः + शब्द | निर्मल | निः + मल |
निर्विवाद | निः + विवाद | निषिद्ध | निः + सिद्ध |
नारायण | नार + अयन | नद्यम्बु | नदी + अम्बु |
परमौजस्व | परम + ओजस्व | प्राड्मुख | प्राक् + मुख |
प्रत्यय | प्रति + अय | प्रत्यक्ष | प्रति + अक्ष |
पीताम्बर | पीत + अम्बर | पृष्ठ | पृष् + थ |
पयोधि | पयः + धि | परमेश्वर | परम + ईश्वर |
पित्रिच्छा | पितः + इच्छा | पुनर्जन्म | पुनः + जन्म |
प्रांगण | प्र + अंगण | पदोन्नति | पद + उन्नति |
प्रतिच्छाया | प्रति + छाया | परन्तु | परम् + तु |
परिष्कर | परिः + कर | प्रोत्साहन | प्र + उत्साहन |
पश्वधम | पशु + अधम | पुनरुक्ति | पुनः + उक्ति |
परीक्षा | परि + ईक्षा | पुरुषोत्तम | पुरुष + उत्तम |
भवन | भो + अन | भोजनालय | भोजन + आलय |
भानूदय | भानु + उदय | भावुक | भौ + उक |
भाग्योदय | भाग्य + उदय | मुनीन्द्र | मुनि + इंद्र |
मृण्मय | मृत् + मय | मातृण | मातृ + ऋण |
मनोगत | मनः + गत | महार्वण | महा + अर्वण |
महाशय | महा + आशय | मध्वासव | मधु + आसव |
मृगेन्द्र | मृग + इन्द्र | मनोअनुकूल | मनः + अनुकूल |
मनोभाव | मनः + भाव | यशइच्छा | यशः + इच्छा |
यथोचित | यथा + उचित | यथेष्ट | यथा + इष्ट |
युधिष्ठिर | युधि + स्थिर | यशोधन | यशः + धन |
यशोअभिलाषी | यशः + अभिलाषी | वध्वैश्वर्य | वधू + ऐश्वर्य |
व्यायाम | वि + आयाम | वीरांगना | वीर + अंगना |
वसुधैव | वसुधा + एव | वाग्जाल | वाक् + जाल |
रामायण | राम + अयन | लोकोक्ति | लोक + उक्ति |
व्युत्पत्ति | वि + उत्पत्ति | व्यर्थ | वि + अर्थ |
व्याकुल | वि + आकुल | विद्योन्नति | विद्या + उन्नति |
बहिष्कार | बहिः + कार | वाङ्मय | वाक् + मय |
व्याप्त | वि + आप्त | विद्यालय | विद्या + आलय |
शिरोमणि | शिरः + मणि | शंकर | शम् + कर |
शशांक | शश + अंक | शस्त्रास्त्र | शस्त्र + अस्त्र |
शुद्धोदन | शुद्ध + ओदन | सद्गुरु | सत् + गुरु |
स्वाधीन | स्व + अधीन | साश्चर्य | स + आश्चर्य |
सावधान | स + अवधान | सद्भाव | सत् + भाव |
सरोज | सरः + ज | सरय्वम्बु | सरयू + अम्बु |
स्वर्ग | स्वः + ग | सर्वोदय | सर्व + उदय |
समुच्चय | सम् + उत् + चय | सद्विचार | सत् + विचार |
संगठन | सम् + गठन | सत्याग्रह | सत्य + आग्रह |
समन्वय | सम् + अनु + अय | सीमांत | सीमा + अन्त |
सद्भावना | सत् + भावना | स्वार्थ | स्व + अर्थ |
स्वयम्भूदन | स्वयंभू + उदय | समुदाय | सम् + उत् + आय |
सन्निहित | सत् + निहित | सर्वोदय | सर्व + उदय |
साष्टांग | स + अष्ट + अंग | सतीष | सती + ईश |
संवत् | सम् + वत् | सद्धर्म | सत् + धर्म |
श्रेयस्कर | श्रेय + कर | धर्मार्थ | धर्म + अर्थ |
देवाधिपति | देव + अधिपति | कामारि | काम + अरि |
गुणालय | गुण + आलय | देव्यर्पण | देवी + अर्पण |
मात्रार्थ | मातृ + अर्थ | प्रत्यूष | प्रति + ऊष |
वाण्यूर्मि | वाणी + ऊर्मि | अन्वीक्षण | अनु + ईक्षण |
हवन | हो + अन | धावक | धौ + अक |
परमैश्वर्य | परम + ऐश्वर्य | महैश्वर्य | महा + ऐश्वर्य |
जलौक | जल + ओक | जलौषधि | जल + औषधि |
तेजोसि | तेजः + असि | हरिबंदे | हरिम् + बंदे |
दुखंप्राप्नोति | दुःखम् + प्राप्नोति | गृहंगच्छति | गृहम् + गच्छति |
दीर्घ संधि विच्छेद –
अभीष्ट (अभि+इष्ट), अन्नाभाव (अन्न+अभाव), बुद्धीश (बुद्ध+ईश), भारतीश्वर (भारती+ईश्वर), भानूदय (भानु+उदय), भोजनालय (भोजन+आलय), भूपरि (भू+उपरि), भूत्तम (भू+उत्तम), देवाधिवति (देव+अधिपति), धर्मार्थ (धर्म+अर्थ), गिरीश (गिरि+ईश), गिरीन्द्र (गिर+इन्द्र), गुणालय (गुण+आलय), हरीश (हरि+ईश), हिमालय (हिम+आलय), होतृकार (होतृ+ऋकार), जानकीश (जानकी+ईश), कवींद्र (कवि+इन्द्र), कपीश (कपि+ईश), कवीश (कवि+ईश), कटूक्ति (कटु+उक्ति), कामारि (काम+अरि), लक्ष्मीच्छा (लक्ष्मी+इच्छा), लघूक्ति (लघु+उक्ति), लघूर्मि (लघु+ऊर्मि), महींद्र (मही+इन्द्र), महीश (मही+ईश), महाशय (महा+शय), मंजूषा (मंजु+ऊषा), मातृणाण (मातृ+ऋणाम्), मुनीश्वर (मुनि+ईश्वर), मृत्यूपरांत (मृत्यु+उपरांत), नदीश (नदी+ईश), पुस्तकालय (पुस्तक+आलय), पृथ्वीश (पृथ्वी+ईश), पितृण (पितृ+ऋण), रघूत्तम (रघु+उत्तम), रतीश (रति+ईश), रजनीश (रजनी+ईश), स्वर्णावसर (स्वर्ण+अवसर), सूक्ति (सु+उक्ति), स्वयंभूदय (स्वयंभू+उदय), शरणार्थी (शरण+अर्थी), शिवालय (शिव+आलय), सिन्धूर्मि (सिन्धु+ऊर्मि), वधूत्सव (वधु+उत्सव), वधूर्मि (वधू+उर्मि), विद्यार्थी (विद्या+अर्थी), विद्यालय (विद्या+आलय), वधूल्लास (वधु+उल्लास), युवावस्था (युवा+अवस्था)।
गुण संधि विच्छेद –
चंद्रोदय (चन्द्र+उदय), दीर्घोपल (दीर्घ+ऊपल), देवेंद्र (देव+इन्द्र), देवेश (देव+ईश), देवर्षि (देव+ऋषि), गणेश (गण+ईश), गंगोर्मि (गंगा+ऊर्मि), जलोदय (जल+उदय), जलोर्मि (जल+ऊर्मि), खगेश (खग+ईश), लोकोपयोग (लोक+उपयोग), महोत्सव (महा+उत्सव), महोजस्वी (महा+ओजस्वी), महोर्जस्वी (महा+ऊर्जस्वी), महोर्मि (महा+उर्मि), महेश्वर (महा+ईश्वर), महेश (महा+ईश), महोपदेश (महा+उपदेश), महेंद्र (महा+इन्द्र), मृगेंद्र (मृग+इन्द्र), महर्षि (महा+ऋषि), नरेश (नर+ईश), नरेंद्र (नर+इन्द्र), परमोत्सव (परम+उत्सव), परोपकार (पर+उपकार), प्रेत (प्र+इत) परमेश्वर (परम+ईश्वर), रमेश (रमा+ईश), राजऋषि (राज+ऋषि), सप्तर्षि (सप्त+ऋषि), समुद्रोर्मि (समुद्र+ऊर्मि), सुरेंद्र (सुर+इन्द्र), सुरेश (सुर+ईश), सूर्योदय (सूर्य+उदय), उपेन्द्र (उप+इन्द्र)।
वृद्धि संधि विच्छेद –
एकदैव (एकदा+एव), एकैव (एक+एव), एकैक (एक+एक), दिनैक (दिन+एक), देवैश्वर्य (देव+ऐश्वर्य), धर्मैक्य (धर्म+ऐक्य), जलौस (जल+ओस), जलौक (जल+ओक), जलौषध (जल+औषध), महौज (महा+ओज), महौदार्य (महा+औदार्य), महौषध (महा+औषध), महैश्वर्य (महा+ऐश्वर्य), मतैक्य (मत+ऐक्य), नवैश्वर्य (नव+ऐश्वर्य), परमौज (परम+ओज), परमौषध (परम+औषध), परमौदार्य (परम+औदार्य), परमैश्वर्य (परम+एश्वर्य), सदैव (सदा+एव), सर्वदैव (सर्वदा+एव), तत्रैव (तत्र+एव), तथैव (तथा+एव), उष्णौदन (उष्ण+ओदन), वनौषधि (नव+औषधि), विश्वैक्य (विश्व+ऐक्य)।
यण संधि विच्छेद –
अध्ययन (अधि+अयन), अन्वादेश (अनु+आदेश), अत्यंत (अति+अंत), अन्वय (अनु+अय), अन्वर्थ (अनु+अर्थ), अत्यर्थ (अति+अर्थ), अत्युक्ति (अति+उक्ति), अत्युत्तम (अति+उत्तम), अन्वय (अनु+अय), अन्विष्ट (अनु+इष्ट), अत्यधिक (अति+अधिक), अत्याचार (अति+आचार), अत्यूष्म (अति+ऊष्म), अन्वीक्षण (अनु+ईक्षण), अत्यावश्यक (अति+आवश्यक), भान्वागमन (भानु+आगमन), ऋत्वन्त (ऋतु+अन्त), देव्यागम (देवी+आगमन), देव्युक्ति (देवी+उक्ति), देव्यालय (देवी+आलय), देव्यैश्वर्य (देवी+ऐश्वर्य), देव्योज (देवी+ओज), देव्यौदार्य (देवी+औदार्य),देव्यंग(देवी+अंग), धात्विक (धातु+इक), गुर्वौदन (गुरु+ओदन), गुर्वौदार्य (गुरु+औदार्य), इत्यादि (इति+आदि), मन्वन्तर (मनु+अन्तर), मध्वरि (मधु+अरि), मध्वालय (मधु+आलय), मात्रार्थ (मातृ+अर्थ), न्यून (नि+ऊन), नद्यर्पण (नदी+अर्पण), नद्यूर्मि (नदी+ऊर्मि), प्रत्युत्तर (प्रति+उत्तर), प्रत्येक (प्रति+एक), प्रत्युपकार (प्रति+उपकार), प्रत्यूष (प्रति+ऊष), पित्राज्ञा (पितृ+आज्ञा), रीत्यानुसार (रीति+अनुसार), स्वागत (सु+आगत), सख्यागम (सखी+आगम), सख्युचित (सखी+उचित), सरस्वत्याराधना (सरस्वती+आराधना), उपर्युक्त (उपरि+उक्त), वध्वर्थ (वधू+अर्थ), वध्वागमन (वधू+आगमन), वाण्यूर्मि (वाणि+ऊर्मि), वध्विष्ट (वधू+इष्ट), वध्वीर्ष्या (वधू+ईर्ष्या), यद्यपि (यदि+अपि)।
अयादि संधि विच्छेद –
अन्वेषण (अनु+एषण), भवन (भो+अन), भ्रात्रोक (भ्रातृ+ओक), भ्रात्रेषणा (भ्रातृ+एषणा), चयन (चे+अन), गायक (गै+अक), गायन (गै+अन), गवीश (गो+ईश), गवन (गो+अन), गुर्वोदार्य (गुरु+औदार्य), मध्वोदन (मधु+ओदन), मध्वौषध (मधु+औषध), मात्रादेश (मातृ+आदेश), मात्रानन्द (मातृ+आनन्द), मात्रंग (मातृ+अंग), नयन (ने+अन), नायक (नै+अक), पवित्र (पो+इत्र), पवन (पो+अन), पावक (पौ+अक), पावन (पौ+अन), पित्रादेश (पितृ+आदेश), पित्रनुदेश (पित्र+अनुदेश), पित्रनुमति (पितृ+अनुमति), पावन (पौ+अन), पावक (पौ+अक), रवीश (रवि+ईश), सायक (सै+अक), शयन (शे+अन), वध्वंग (वधू+अंग), वध्वादेश (वधू+आदेश), वध्वेषण (वधू+एषण), वध्विष्ट (वधू+इष्ट), वध्वर्थ (वधू+अर्थ), श्रवण (श्रो+अन), श्रावन (श्रौ+अन)।
‘अ’ से शुरु होने वाले शब्दों के संधि विच्छेद –
अन्याय (अ+नि+आय), अभ्युदय (अभि+उदय), अन्वय (अनु+अय), अन्तःपुर (अन्तः+पुर), अत्यधिक (अति+अधिक), अधीश्वर (अधि+ईश्वर), अन्योन्याश्रय (अन्य+अन्य+आश्रय), अभीष्ट (अभि+इष्ट), अत्याचार (अति+आचार), अन्यान्य (अन्य+अन्य), अरण्याच्छादित (अरण्य+आच्छादित), अन्नाभाव (अन्न+अभाव), अम्बूर्मि (अम्बु+ऊर्मि), अत्युत्तम (अति+उत्तम), अत्यावश्यक (अति+आवश्यक), अहंकार (अहम्+कार), अन्वित (अनु+अय+इत), अधोगति (अधः+गति), अतएव (अतः+एव), अत्यन्त (अति+अन्त), अन्तर्निहित (अन्तः+निहित), अहर्निष (अहः+निश), अन्वेषण (अनु+एषण), अब्ज (अप्+ज), अजन्त (अच्+अन्त), अम्मय (अप्+मय), अभ्यागत (अभि+आगत)।
‘आ’ से शुरु होने वाले शब्दों के संधि विच्छेद –
आत्मोत्सर्ग (आत्म+उत्सर्ग), आशीर्वाद (आशीः+वाद), आकृष्ट (आकृष्+त), आविष्कार (आविः+कार), आच्छादन (आः+छादन), आद्यन्त (आदि+अन्त)।
‘उ’ से शुरु होने वाले शब्दों के संधि विच्छेद –
उच्छृंखला (उत्+श्रृंखला), उन्नति (उत्+नति), उद्धत (उत्+हत), उद्धार (उत्+हार), उन्नायक (उत्+नायक), उद्धृत (उत्+हृत), उन्माद (उत्+माद), उन्मूलित (उत्+मूलित), उन्मीलित (उत्+मीलित), उड्डयन (उत्+डयन), उल्लेख (उत्+लेख), उदय (उत्+अय), उन्मत्त (उत्+मत्त), उपदेशान्तर्गत (उपदेश+अन्तर्गत), उपर्युक्त (उपरि+उक्त), उद्विग्न (उत्+विग्न), उल्लंघन (उत्+लंघन), उद्गम (उत्+गम), उज्ज्वल (उत्+ज्वल), उपेक्षा (उप+ईक्षा), उद्घाटन (उत्+घाटन), उद्दाम (उत्+दाम), उच्चारण (उत्+चारण), उच्छिन्न (उत्+छिन्न), उच्छिष्ट (उत्+शिष्ट), उन्नयन (उत्+नयन), उद्योग (उत्+योग), उद्भव (उत्+भव), उच्छ्वास (उत्+श्वास), उल्लास (उत्+लास)।
‘त’ से शुरु होने वाले शब्दों के संधि विच्छेद –
तथैव (तथा+एव), तथापि (तथा+अपि), तद्रूप (तत्+रूप), तल्लीन (तत्+लीन), तट्टीका (तत्+टीका), तद्धित (तत्+हित), तपोभूमि (तपः+भूमि), तपोवन (तपः+वन), तिरस्कार (तिरः+कार), तेजोमय (तेजः+मय), तदाकार (तत्+आकार), तेजोपुंज (तेजः+पुंज), तृष्णा (तृष्+ना), तेजोराशि (तेजः+राशि)।
‘द’ से शुरु होने वाले शब्दों के संधि विच्छेद –
दावानल (दाव+अनल), दिग्गज (दिक्+गज), दुश्शासन (दुः+शासन), देवर्षि (देव+ऋषि), देवेन्द्र (देव+इन्द्र), देवेश (देव+ईश), दुष्कर (दुः+कर), दुर्नीति (दुः+नीति), दुर्जन (दुः+जन), दिग्भ्रम (दिक्+भ्रम), दुर्गति (दुःगति), दिगम्बर (दिक्+अम्बर), देव्यागम (देवी+आगम), दुःस्थल (दुः+स्थल), दुर्दिन (दुः+दिन), दुर्धर्ष (दुः+धर्ष), दुस्तर (दुः+स्तर), दुर्वह (दुः+वह)।
‘न’ से शुरु होने वाले शब्दों के संधि विच्छेद –
नमस्कार (नमः+कार), नारायण (नार+अयन), निर्विवाद (निः+विवाद), नद्यम्बु (नदी+अम्बु), नारीश्वर (नारी+ईश्वर), नदीश (नदी+ईश), न्यून (नि+ऊन), निर्झर (निः+झर), नद्यूर्मि (नदी+ऊर्मि), नयन (ने+अन), नायक (नै+अक), नाविक (नौ+इक), निश्छल (निः+छल), निश्चल (निः+चल), निराधार (निः+आधार), निरीक्षण (निः+ईक्षण), निस्संदेह (निः+संदेह), निस्सृत (निः+सृत), निस्सार (निः+सार), निरीह (निः+ईह), निरुपाय (निः+उपाय), निर्जल (निः+जल), नीरव (निः+रव), नीरोग (निः+रोग), निष्पाप (निः+पाप), निष्काम (निः+काम), निस्सहाय (निः+सहाय), निरर्थक (निः+अर्थक), निश्चिन्त (निः+चिन्त), निरन्तर (निः+अन्तर), निश्चय (निः+चय), निष्प्राण (निः+प्राण), निर्मल (निः+मल), निर्भर (निः+भर), निरुद्देश्य (निः+उद्देश्य), निश्शब्द (निः+शब्द), निष्कपट (निः+कपट), निर्गुण (निः+गुण), निस्तार (निः+तार), निर्विकार (निः+विकार), निष्फल (निः+फल), निष्कारण (निः+कारण)।
‘प’ से शुरु होने वाले शब्दों के संधि विच्छेद –
परमार्थ (परम+अर्थ), प्रत्येक (प्रति+एक), पुनर्जन्म (पुनः+जन्म), पुरस्कार (पुरः+कार), पुनरुक्ति (पुनः+उक्ति), पीताम्बर (पीत+अम्बर), प्रत्यय (प्रति+अय), प्रत्युत्तर (प्रति+उत्तर), पावन (पौ+अन), पावक (पौ+अक), पवन (पो+अन), पवित्र (पो+इत्र), परमेश्वर (परम+ईश्वर), परमौषध (परम+औषध), परमौजस्वी (परम+ओजस्वी), पित्रादेश (पितृ+आदेश), पंचम (पम्+चम), पुरुषोत्तम (पुरुष+उत्तम), पित्रनुमति (पितृ+अनुमति), पित्रिच्छा (पितृ+इच्छा), पृथ्वीश (पृथ्वी+ईश), प्राङ्मुख (प्राक्+मुख), परिच्छेद (परि+छेद), परीक्षा (परि+ईक्षा), प्रत्यक्ष (प्रति+अक्ष), प्रांगण (प्र+अंगण), पदोन्नति (पद+उन्नति), पश्वधम (पशु+अधम), पृष्ठ (पृष्+थ), प्रतिच्छाया (प्रति+छाया), प्रोत्साहन (प्र+उत्साहन), पयोद (पयः+द), पयोधि (पयः+धि), परन्तु (परम्+तु), परिष्कार (परिः+कार), प्रातःकाल (प्रातः+काल)।
‘म’ से शुरु होने वाले शब्दों के संधि विच्छेद –
महीन्द्र (मही+इन्द्र), महोर्मि (महा+ऊर्मि), मतैक्य (मत+ऐक्य), मनोगत (मनः+गत), महोत्सव (महा+उत्सव), महार्णव (महा+अर्णव), महर्षि (महा+ऋषि), मनोयोग (मनः+योग), मनोज (मनः+ज), मनोरथ (मनः+रथ), मनोभाव (मनः+भाव), मनोविकार (मनः+विकार), महाशय (महा+आशय), महेन्द्र (महा+इन्द्र), महेश (महा+ईश), महेश्वर (महा+ईश्वर), मन्वन्तर (मनु+अन्तर), मध्वासव (मधु+आसव), महौज (महा+ओज), महौषध (महा+औषध), मात्रार्थ (मातृ+अर्थ), मुनीन्द्र (मुनि+इन्द्र), मृगेन्द्र (मृग+इन्द्र), मृण्मय (मृत्+मय), मातृण (मातृ+ऋण)।
‘य’ से शुरु होने वाले शब्दों के संधि विच्छेद –
यद्यपि (यदि+अपि), यशोदा (यशः+दा), यशोधरा (यशः+धरा), यशोधन (यशः+धन), यथेष्ट (यथा+इष्ट), युधिष्ठिर (युधि+स्थिर), यशइच्छा (यशः+इच्छा), यतोचित (यथा+उचित)।
‘व’ से शुरु होने वाले शब्दों के संधि विच्छेद –
व्यर्थ (वि+अर्थ), व्याप्त (वि+आप्त), व्याकुल (वि+आकुल), व्युत्पत्ति (वि+उत्पत्ति), व्यायाम (वि+आयाम), वयोवृद्ध (वयः+वृद्ध), वधूत्सव (वधू+उत्सव), वसुधैव (वसुधा+एव), वध्वैश्वर्य (वधू+ऐश्वर्य), वाग्जाल (वाक्+जाल), वाङ्मय (वाक्+मय), वागीश (वाक्+ईश), विपज्जाल (विपद्+जाल), विद्यालय (विद्या+आलय), विद्योन्नति (विद्या+उन्नति), वीरांगना (वीर+अंगना)।
‘श’ से शुरु होने वाले शब्दों के संधि विच्छेद –
शंकर (शम्+कर), शिरोमणि (शिरः+मणि), शुद्धोदन (शुद्ध+ओदन), शस्त्रास्त्र (शस्त्र+अस्त्र), शशांक (शश+अंक)।
‘स’ से शुरु होने वाले शब्दों के संधि विच्छेद –
संन्धि (सम्+धि), स्वागत (सु+आगत), सुरेन्द्र (सुर+इन्द्र), स्वार्थ (स्व+अर्थ), सदानन्द (सत्+आनन्द), सद्गुरु (सत्+गुरु), सद्भावना (सत्+भावना), सद्धर्म (सत्+धर्म), सज्जन (सत्+जन), सच्छास्त्र (सत्+शास्त्र), संकल्प (सम्+कल्प), सन्तोष (सम्+तोष), सर्वोदय (सर्व+उदय), सूर्योदय (सूर्य+उदय), सरोज (सरः+ज), सरोवर (सरः+वर), संचय (सम्+चय), संयोग (सम्+योग), संसार (सम्+सार), संवाद (सम्+वाद), संयम (सम्+यम), सदाचार (सत्+आचार), सीमान्त (सीमा+अन्त), संवत् (सम्+वत्), संयम (सम्+यम), सप्तर्षि (सप्त+ऋषि), सतीष (सती+ईश), स्वाधीन (स्व+अधीन), समन्वय (सम्+अनु+अय), साष्टांग (स+अष्ट+अंग), सद्वाणी (सत्+वाणी), साश्चर्य (स+आश्चर्य), सत्याग्रह (सत्य+आग्रह), सर्वोत्तम (सर्व+उत्तम), सावधान (स+अवधान), समुद्रोर्मि (समुद्र+ऊर्मि), स्वयंभूदय (स्वयंभू+उदय), स्वर्ग (स्वः+ग), शस्त्रास्त्र (शस्त्र+अस्त्र), संगठन (सम्+गठन), सन्निहित (सत्+निहित), सच्चरित्र (सत्+चरित्र), सद्विचार (सद्+विचार), सदैव (सदा+एव), सद्भाव (सत्+भाव), समुच्चय (सम्+उत्+चय), समुदाय (सम्+उत्+आय)।
1 – सन्धि विच्छेद संबंधी प्रश्न
‘संधि’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – सम् +धि
‘विच्छेद’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – वि + छेद
‘पुस्तकार्थी’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – पुस्तक + अर्थी
‘उत्तमांग’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – उत्तम + अंग
‘धनार्धी’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – धन+अर्थी
‘दैत्यारि’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – दैत्य +अरि
‘देहांत’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – देह +अंत
‘वेदांत’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – वेद + अंत
‘शरणार्थी’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – शरण + अर्थी
‘सत्यार्थी’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – सत्य + अर्थी
‘सूर्यास्त’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – सूर्य + अस्त
‘रामावतार’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – राम + अवतार
‘शिवायन’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – शिव + अयन
‘अन्नाभाव’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – अन्न + आभाव
‘पुष्पावली’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – पुष्प + अवली
‘शब्दार्थ’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – शब्द + अर्थ
‘चरणामृत’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – चरण + अमृत
‘स्वर्णावसर’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – स्वर्ण + अवसर
‘हिमालय’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – हिम + आलय
‘शिवालय’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – शिव + आलय
‘परमात्मा’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – परम + आत्मा
‘रत्नाकर’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – रत्न + आकर
‘कुशासन’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – कुश + आसन
‘पुस्तकालय’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – पुस्तक + आलय
‘देवालय’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – देव + आलय
2 – सन्धि विच्छेद संबंधी प्रश्न
‘रामाधार’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – राम + आधार
‘रामाश्रय’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – राम + आश्रय
‘धर्मात्मा’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – धर्म + आत्मा
‘परमानन्द’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – परम + आनन्द
‘नित्यानन्द’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – नित्य + आनन्द
‘परमावश्यक’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – परम + आवश्यक
‘भोजनालय’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – भोजन + आलय
‘विद्यार्थी’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – विद्या + अर्थी
‘विद्याभास’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – विद्या + आभास
‘सेवार्थी’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – सेवा + अर्थी
‘मायाधीन’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – माया + अधीन
‘करुणावतार’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – करुणा + अवतार
‘तथापि’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – तथा + अपि
‘युवावस्था’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – युवा + अवस्था
‘आज्ञानुसार’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – आज्ञा + अनुसार
‘परीक्षार्थी’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – परीक्षा + अर्थी
‘शिक्षार्थी’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – शिक्षा + अर्थी
‘कवीन्द्र’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – कवि + इन्द्र
‘रवीन्द्र’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – रवि + इन्द्र
‘गिरीन्द्र’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – गिरि + इन्द्र
‘अभीष्ट’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – अभि + इष्ट
‘कवीच्छा’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – कवि + इच्छा
‘हरीश’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – हरि + ईश
‘कवीश’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – कवि + ईश
‘गिरीश’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – गिरि + ईश
‘कपीश’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – कपि + ईश
‘मुनीश्वर’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – मुनि + ईश्वर
‘बुद्धीश’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – बुद्धि + ईश
‘रतीश’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – रति + ईश
संधि विच्छेद –
‘महीन्द्र’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – महि + इन्द्र
‘लक्ष्मीच्छा’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – लक्ष्मी + इच्छा
‘नदीश’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – नदी + ईश
‘जानकीश’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – जानकी + ईश
‘महीश’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – महा + ईश
‘पृथ्वीश’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – पृथ्वी + ईश
‘रजनीश’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – रजनी + ईश
‘भारतीश्वर’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – भारती + ईश्वर
‘भानूदय’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – भानु + उदय
‘लघूक्ति’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – लघु + उक्ति
‘कटूक्ति’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – कटु + उक्ति
‘रघूत्तम’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – रघु + उत्तम
‘मृत्यूपरांत’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – मृत्यु + उपरांत
‘सूक्ति’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – सु + उक्ति
‘लघूर्मि’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – लघु + ऊर्मि
‘मंजूषा’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – मंजु + ऊषा
‘सिन्धूर्मि’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – सिन्धु + ऊर्मि
‘वधूत्सव’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – वधु + उत्सव
‘भूपरि’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – भू + उपरि
‘वधूल्लास’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – वधू + उल्लास
‘भूत्तम’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – भू + उत्तम
‘होतृकार’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – होतृ + ऋकार
‘यद्यपि’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – यदि + अपि
‘अध्ययन’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – अधि + अयन
‘अत्यर्थ’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – अति + अर्थ
‘अत्यधिक’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – अति + अधिक
‘रीत्यानुसार’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – रीति + अनुसार
‘इत्यादि’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – इति + आदि
‘अत्याचार’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – अति + आचार
‘अत्यावश्यक’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – अति + आवश्यक
‘पत्युत्तर’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – प्रति + उत्तर
‘प्रत्युपकार’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – प्रति + उपकार
संधि विच्छेद –
‘उपर्युक्त’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – उपरि + उक्त
‘अत्युक्ति’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – अति + उक्ति
‘अत्युत्तम’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – अति + उत्तम
‘न्यून’ का सन्धि विच्छेद क्या होगा ?
उत्तर – नि + ऊन