भारतरत्न | Bharat Ratna Award

भारतरत्न | Bharat Ratna Award : भारतरत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। यह किसी वर्ष अधिकतम तीन लोगों को प्रदान किया जा सकता है। 1999 में पहली बार यह 4 व्यक्तियों को प्रदान किया गया। इसके बाद 2024 में यह 5 लोगों को प्रदान किया गया। इन पुरस्कारों की स्थापना तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा 1953 में हुई। इसे पहली बार 2 जनवरी साल 1954 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, सी.वी. रमन, और चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को प्रदान किया गया था। अब यह 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रदान किया जाता है।

2024 में 5 लोगों को भारत रत्न के लिए चुने जाने के बाद भारत रत्न पाने वाले व्यक्तियों की संख्या 53 हो गई है। यह पुरस्कार कला, विज्ञान, साहित्य, खेल और समाजसेवा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए प्रदान किया जाता था। परंतु 2011 में इसे प्रदान किये जाने वाले क्षेत्रों के संबंध में कुछ संशोधन किया गया। अब इसे प्रदान किये जाने के लिए कोई भी क्षेत्र का दायरा निर्धारित नहीं है। यह आवश्यक नहीं कि यह पुरस्कार हर साल प्रदान किये जाएं। साथ ही यह भारतीयों के अतिरिक्त विदेशियों को भी दिया जा सकता है।

पुरस्कार को बंद किया जाना –

जनता पार्टी की सरकार द्वारा साल 1977 में भारत रत्न को बंद कर दिया गया। तीन साल बाद 1980 में कांग्रेस ने इसे पुनः शुरु कर दिया। तब 1980 में मदर टैरेसा को यह प्रदान किया गया।

मरणोपरांत भारत रत्न –

इन पुरस्कारों की स्थापना के समय यह मरणोपरांत प्रदान किये जाने का प्रावधान नहीं किया गया था। मरणोपरांत इसे दिये जाने का प्रावधान 1955 में किया गया। अब तक मरणोपरांत भारत रत्न प्राप्त करने वाले व्यक्ति –

  • लालबहादुर शास्त्री (1966)
  • विनोबा भावे (1983)
  • एम.जी. रामचंद्रन (1988)
  • राजीव गाँधी (1991)
  • सरदार बल्लभभाई पटेल (1991)
  • अबुल कलाम आजाद (1992)
  • अरुणा आसफ अली (1997)
  • गोपीनाथ बोरदोलोई (1999)
  • मदनमोहन मालवीय (2015)
  • अटल बिहारी वाजपेयी (2015)
  • नानाजी देशमुख (2019)
  • भूपेन हजारिका (2019)
  • कर्पूरी ठाकुर (2024)
  • चौधरी चरणसिंह (2024)
  • पी.वी. नरसिम्हाराव (2024)
  • एम.एस. स्वामीनाथन (2024)

2024 का भारतरत्न पुरस्कार –

भारतरत्न | Bharat Ratna Award

  • कर्पूरी ठाकुर (मरणोपरांत)
  • लालकृष्ण आडवाणी
  • चौधरी चरणसिंह (मरणोपरांत)
  • पी.वी. नरसिम्हाराव (मरणोपरांत)
  • एम.एस. स्वामीनाथन (मरणोपरांत)

पहली बार भारत रत्न पुरस्कार एक साल में 5 व्यक्तियों को प्रदान किया गया है। इनमें कर्पूरी ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री थे। ये दो अलग-अगल कार्यकाल में बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके। लालकृष्ण आडवाणी 2002 से 2004 के बीच भारत के उपप्रधानमंत्री रहे। चौधरी चरणसिंह भारत के 5वें प्रधानमंत्री थे। पी.वी.नरसिम्हाराव भारत के 9वें प्रधानमंत्री थे। इन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को उदार बनाते हुए महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों की शुरुवात की। एम.एस.स्वामीनाथ भारत में हरित क्रांति के जनक कहे जाते हैं। इन्होंने भारत में हरित क्रांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Bharat Ratna : प्राप्तकर्ताओं की सूची, वर्ष, व क्षेत्र –

वर्षप्राप्तकर्ताक्षेत्र
1954डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
सी.वी.रमन
समाज सेवा
समाज सेवा
विज्ञान एवं इंजीनियरिंग
1955डॉ. भगवान दास
पं. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया
पं. जवाहरलाल नेहरू
शिक्षा व साहित्य
समाज सेवा
समाज सेवा
1957पं. गोविंदवल्लभ पंतसमाज सेवा
1958डी. के. कर्वेसमाज सेवा
1961विधानचंद्र राय
पुरुषोत्तम दास टण्डन
चिकित्सा
समाज सेवा
1962डॉ. राजेंद्र प्रसादसमाज सेवा
1963डॉ. जाकिर हुसैन
पांडुरंग वामन काणे
समाज सेवा
साहित्य सेवा
1966लालबहादुर शास्त्री (मरणोपरांत)समाज सेवा
1971इंदिरा गाँधीसमाज सेवा
1975वराहगिरी वेंकटगिरीसमाज सेवा
1976कुमारस्वामी कामराजसमाज सेवा
1980मदर टैरेसासमाज सेवा
1983विनोबा भावे (मरणोपरांत)समाज सेवा
1987खान अब्दुल गफ्फार खानसमाज सेवा
1988एम.जी. रामचंद्रन (मरणोपरांत)समाज सेवा
1990डॉ. भीमराव अंबेडकर
नेल्सन मंडेला
समाज सेवा
समाज सेवा
1991राजीव गाँधी (मरणोपरांत)
बल्लभभाई पटेल (मरणोपरांत)
मोरारजी देसाई
समाज सेवा
समाज सेवा
समाज सेवा
1992मौलाना अबुलकलाम आजाद
जे.आर.डी. टाटा
सत्यजीत रे
समाजसेवा
उद्योग एवं व्यापार
कला (सिनेमा)
1997गुलजारीलाल नंदा
अरुणा आसफअली
डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
समाज सेवा
समाज सेवा
विज्ञान एवं इंजीनियरिंग
1998एम.एस. सुब्बालक्ष्मी
चिदम्बरम सुब्रमण्यम
कला
समाज सेवा
1999जयप्रकाश नारायण
अमर्त्यसेन
गोपीनाथ बोरदोलोई
रविशंकर
समाज सेवा
शिक्षा व साहित्य
समाज सेवा
कला
2001लता मंगेशकर
बिस्मिल्लाह खा
कला
कला
2009भीमसेन जोशीकला
2014सी.एन.आर.राव
सचिन तेंदुलकर
विज्ञान एवं इंजीनियरिंग
खेल
2015मदनमोहन मालवीय
अटल बिहारी वाजपेयी
समाज सेवा
समाज सेवा
2019नानाजी देशमुख
भूपेंद्र हजारिका
प्रणव मुखर्जी
समाज सेवा
कला
समाज सेवा
2024कर्पूरी ठाकुर
एम.एस.स्वामीनाथन
लालकृष्ण आडवाणी
पी.वी. नरसिम्हाराव
चौधरी चरणसिंह

महत्वपूर्ण तथ्य –

  • भारत रत्न पुरस्कार की स्थापना किस वर्ष हुई – 1943
  • पहली बार भारत रत्न कब प्रदान किये गए – 2 जनवरी 1954
  • भारत रत्न पाने वाले प्रथम विदेशी कौन थे – अब्दुल गफ्फार खान
  • भारत रत्न पाने वाले एकमात्र खिलाड़ी (क्रिकेट) कौन हैं – सचिन तेंदुलकर
  • सबसे कम उम्र के व्यक्ति जिन्हें भारत रत्न दिया गया – सचिन तेंदुलकर
  • भारत रत्न पाने वाले विदेशी – अब्दुल गफ्फार खान, नेल्सन मण्डेला
  • मरणोपरांत भारत रत्न पाने वाले पहले व्यक्ति – लालबहादुर शास्त्री

भारत की प्रमुख प्रतिमाएं | Important Statues in India

भारत की प्रमुख प्रतिमाएं | Important Statues in India : Statue of Unity, Statue of Equality Statue of, Statue of Knowledge, Statue of Prosperity…

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी –

Statue of Unity

31 अक्टूबर 2013 को इसका शिलान्यास गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। यह भारत के प्रथम ग्रहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा है। यह गुजरात के नर्मदा जिले में स्थित है। राम सुतार इसके मूर्तिकार हैं। इस मूर्ति की ऊंचाई 182 मीटर (597 फीट) है। 25 अक्टूबर 2018 को इसका निर्माण कार्य पूर्ण हो गया। 31 अक्टूबर 2018 को इसका उद्घाटन किया गया। यह दुनिया की सबसे ऊंची मानव प्रतिमा है। इसे बनाने में कुल 2989 करोड़ रुपये की लागत आयी।

महात्मा बुद्ध प्रतिमा, गया (बिहार)

भारत की प्रमुख प्रतिमाएं | Important Statues in India

महात्मा बुद्ध की यह प्रतिमा बिहार राज्य के गया में स्थित है। जिसे प्राचीन काल में बोधगया के नाम से जाना जाता था। यहीं पर महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई। 25 मीटर (82 फीट) ऊँची इस प्रतिमा में महात्मा बुद्ध को ध्यान मुद्रा में दर्शाया गया है। इस प्रतिमा की नींव 1982 ई. में रखी गई थी। 18 नवंबर 1989 को इसका शिलान्यास किया गया।

स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी –

स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी
भारत की प्रमुख प्रतिमाएं | Important Statues in India

यह संत रामानुजाचार्य की 216 फीट ऊँची प्रतिमा है। जिसका अनावरण तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में किया गया है। इसे शहर के बाहर 45 एकड़ के कैंपस में स्थापित किया गया। इस परियोजना की नींव 2014 में रखी गई थी। इसे बनाने में 400 करोड़ रुपये की लागत आयी। संत रामानुजाचार्य का जन्म 1017 ई. में तमिलनाडु के पेरुम्बदूर में हुआ था।

अम्बेडकर प्रतिमा, विजयबाड़ा (आंध्र प्रदेश)

20 जनवरी 2024 को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में भीमराव अम्बेडकर की 125 फुट ऊँची प्रतिमा का अनावरण को किया गया। यह अब तक की अम्बेडकर की दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा है। इस मूर्ति को विजयवाड़ा के स्वराज मैदान में स्थापित किया गया है।

USA में अंबेडकर की प्रतिमा –

14 अक्टूबर 2023 को वाशिंगटन डी.सी. में स्थापित की गई अम्बेडकर प्रतिमा को ‘स्टेच्यू ऑफ इक्वलिटी’ का नाम दिया गया। इसे वाशिंगटन डीसी के उपनगर मेरीलैंड में स्थापित किया गया है। यह भारत के बाहर अम्बेडकर की सबसे ऊँची प्रतिमा है। इसकी ऊंचाई 19 फीट है। इसे स्थापित किये जाने के दौरान भारी मात्रा में भारतीय मूल के लोग उपस्थित रहे। इस प्रतिमा का अनावरण मशहूर मूर्तिकार राम सुतार द्वारा कराया गया। इन्होंने ही इस मूर्ति का निर्माण किया। बता दें कि स्टेट्यू ऑफ यूनिटी (पटेल की मूर्ति) के मूर्तिकार भी सुतार ही हैं।

अंबेडकर की सबसे ऊँची प्रतिमा –

14 अप्रैल 2023 को भीमराव अंबेडकर की 125 फीट ऊँची प्रतिमा का अनावरण तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में किया गया। इसका अनावरण तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने किया। इस दौरान अंबेडकर जी के पोते प्रकाश अंबेडकर उपस्थित रहे। यह भारत में स्थित अम्बेडकर की सबसे ऊँची प्रतिमा है। जिसे 146.50 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसे 360 टन स्टेनलेस स्टील और 114 टन कांसे का इस्तेमाल कर बनाया गया है।

यह प्रतिमा राज्य सचिवालय के बगल में बुद्ध प्रतिमा के सामने स्थित है। पास में ही तेलंगाना शहीद स्मारक है। इस प्रतिमा के निर्माण में लगभग दो साल का समय लगा। यह 98 वर्षीय मूर्तिकार राम वनजी सुतार द्वारा बनाई गई है। प्रतिमा अनावऱण सभा में राज्य के 35 हजार लोगों को शामिल करने के लिए राज्य ने 750 बसें चलाईं। आने वाले इन लोगों के लिए हैदराबाद के 50 किलोमीटर के दायरे में भोजन की भी व्यवस्था की गई।

अम्बेडकर प्रतिमा, लातूर (महाराष्ट्र)

स्टेच्यू ऑफ नॉलेज भारत की प्रमुख प्रतिमाएं | Important Statues in India

13 अप्रैल 2022 को महाराष्ट्र के लातूर में 70 फीट ऊँची अम्बेडकर की प्रतिमा का अनावरण किरण रिजिजू द्वारा किया गया। इसका अनावरण अंबेडकर की 131वीं जयंती के अवसर पर किया गया। इसे प्रतिमा को ‘Statue of Knowledge’ का नाम दिया गया है।

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