स्वतंत्र भारत की प्रथम मंत्रिपरिषद

स्वतंत्र भारत की प्रथम मंत्रिपरिषद (First Council of Ministers)

स्वतंत्र भारत की प्रथम मंत्रिपरिषद (First Council of Ministers) :

मंत्रिमण्डल –

जवाहरलाल नेहरू – प्रधानमंत्री और विदेशी मामले, वैज्ञानिक अनुसंधान का विभाग

सरदार बल्लभभाई पटेल – उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री तथा राज्यों के मामलों के मंत्री

जॉन मथाई – वित्तमंत्री

भीमराव अम्बेडकर – कानून मंत्री

गुलजारीलाल नंदा – योजना मंत्री

मौलाना अबुल कलाम आजाद – शिक्षा मंत्री

राजकुमारी अमृत कौर – स्वास्थ्य मंत्री

जगजीवनराम – श्रम मंत्री

सरदार बलदेव सिंह – प्रतिरक्षा मंत्री

रफी अहमद किदवई – संचार मंत्री

एन.वी. गाडगिल – निर्माण, खदान और ऊर्जा मंत्री

एन. गोपालस्वामी आयंगर – रेलवे और यातायात मंत्री

सी. डी. देशमुख – बिना विभाग मंत्री, वित्तमंत्री

जयरामदास दौलतराम – खाद्य व कृषि मंत्री

श्यामा प्रसाद मुखर्जी – उद्योग और आपूर्ति मंत्री

कैलाशनाथ काटजू – गृह मामले व कानून

के. सी. नियोगी – वाणिज्य मंत्री

चक्रवर्ती राजगोपालाचारी – बिना विभाग के मंत्री, गृहमंत्री

श्रीप्रकाश – वाणिज्य मंत्री, प्राकृतिक संसाधनों और वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्री

के. एम. मुंशी – खाद्य व कृषि मंत्री

हरे कृष्ण मेहताब – उद्योग व आपूर्ति मंत्री

राज्य मंत्री –

  • आर.के. सिधवा – गृहमंत्री
  • के. संथानम – यातायात व रेलमंत्री
  • मोहनलाल सक्सेना – पुनर्वास मंत्री
  • आर. आर. दिवाकर – सूचना व प्रसारण मंत्री
  • सत्यनारायण सिन्हा – संसदीय मामलों के मंत्री
  • महावीर त्यागी – वित्त राज्यमंत्री
  • अजित प्रसाद जैन – बिना विभाग के मंत्री, पुनर्वास राज्यमंत्री
  • सी. सी. विश्वास – 8 अप्रैल 1950 के भारत-पाकिस्तान समझौते से संबंधित केंद्रीय मंत्री
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उपमंत्री –

बी. बी. केसकर – विदेश मामले

डी. पी. करमरकर – वाणिज्य

खुर्शीद लाल – संचार

राजबहादुर – संचार

एस. एन. बडगोहैंन – निर्माण, खदान व ऊर्जा

मेजर जनरल हिम्मत सिंह – प्रतिरक्षा

एम. थिरुमल राव – खाद्य व कृषि

मंत्रिपरिषद की संख्या का निर्धारण –

केंद्र व राज्य सरकारों की मंत्रिपरिषद में सदस्यों की संख्या का निर्धारण 91वें संविधानस संशोधन अधिनियम 2003 के तहत किया गया। इसके तहत मत्रियों की अधिकतम संख्या निचले सदन की कुल सदस्य संख्या का 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती। मूल विधेयक में इसकी संख्या दोनों सदनों की कुल सदस्य संख्या का 10 प्रतिशत करने का प्रस्ताव था। वहीं 40 या इससे कम सदस्यों वाली छोटी विधानसभाओं में मंत्रियों की संख्या पहले 7 निर्धारित की गई। इसके बाद यह संख्या 12 कर दी गई।

– स्वतंत्र भारत की प्रथम मंत्रिपरिषद ।

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