युद्ध संधियाँ व घटनाएं (Yuddh Sandhi aur Ghatnaen) : कर्नाटक युद्ध, मैसूर युद्ध, आंग्ल-मराठा युद्ध, आंग्ल-सिख युद्ध, ए ला शापेल की संधि, पेरिस की संधि, मद्रास की संधि, सालबाई की संधि इत्यादि।
युद्ध संधियाँ व घटनाएं –
युद्ध | घटनाएं | संधि |
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प्रथम कर्नाटक युद्ध (1746-48) | सेंटथोमे की लड़ाई (1748) | ए ला शापेल की संधि (1748) |
द्वितीय कर्नाटक युद्ध (1749-54) | अम्बूर का युद्ध (1749) | पाण्डिचेरी की संधि (1755) |
प्लासी का युद्ध (1757) | ||
तृतीय कर्नाटक युद्ध (1756-63) | वांडीवाश का युद्ध (1760) | पेरिस की संधि (1763) |
बक्सर का युद्ध (1764) | ||
प्रथम आंग्ल मैसूर युद्ध (1767-69) | मद्रास की संधि | |
प्रथम आंग्ल मराठा युद्ध (1775-82) | पुरंदर की संधि (1776) बड़गाँव की संधि (1779) सालबाई की संधि (1782) |
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द्वितीय आंग्ल मैसूर युद्ध (1780-84) | हैदर अली की मृत्यु | मंगलौर की संधि (1784) |
तृतीय आंग्ल मैसूर युद्ध 1790-92) | श्रीरंगपट्टम की संधि (1772) | |
चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध (1799) | टीपू सुल्तान की मृत्यु (1799) | |
द्वितीय आंग्ल मराठा युद्ध (1803-05) | होल्कर से युद्ध | देवगाँव की संधि (1803) सुर्जी-अर्जनगाँ की संधि (1803) |
तृतीय आंग्ल मराठा युद्ध (1817-18) | पूना की संधि (1817) | |
प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध (1845-46) | लाहौर की संधि (मार्च 1846) भरोवाल की संधि (दिसंबर 1846) |
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द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध (1848-49) | रामनगर का युद्ध चिलियाँवाला का युद्ध गुजरात का युद्ध |
अंग्रेज – फ्रांसीसी संघर्ष
अंग्रेज और फ्रांसीसियों के बीच व्यापार से शुरु हुए युद्ध ने जल्द ही राजनीतिक रूप धारण कर लिया। 20 वर्षों तक चलने वाले इस युद्ध में अंत में अंग्रेजों को सफलता प्राप्त हुई।
कर्नाटक का प्रथम युद्ध –
कर्नाटक का प्रथम युद्ध आस्ट्रिया के उत्तराधिकरा युद्ध का विस्तार मात्र था। गृह सरकारों की आज्ञा के विरुद्ध ही दोनों दलों ने युद्ध की शुरुवात कर दी। इस युद्ध की शुरुवात अंग्रेजों की ओर से हुई। डूप्ले ने इसमें मारीशस के फ्रांसीसी गवर्नर ला बूर्डोने से मदद मांगी। सेंट थोमे की लड़ाई कर्नाटक युद्ध में सर्वप्रमुख थी। यह लड़ाई फ्रांसीसी सेना और नवाब अनवरुद्दीन के बीच लड़ी गई। यूरोप में ए ला शापेल की संधि (1748) से आस्ट्रिया का उत्तराधिकार युद्ध समाप्त हो गया। इसी के साथ कर्नाटक का प्रथम युद्ध भी समाप्त हो गया।