‘गणित : संख्या पद्यति (Number System)’ के अंतर्गत सम, विषम, भाज्य, अभाज्य, सह अभाज्य, पूर्णांक, प्राकृतिक संख्या इत्यादि की जानकारी दी गई है।
शून्य (0) – सम संख्या है। ये भाज्य है। ये न तो घनात्मक संख्या है और न ही ऋणात्मक संख्या। ये खुद के सिवाय हर संख्या से विभाज्य है। ‘Zero is divisible by every number except itself’.
एक (1) – न भाज्य है, न अभाज्य है।
दो(2) – एकमात्र सम संख्या जो अभाज्य है।
दो(2) – सबसे छोटी अभाज्य संख्या है।
1 से 100 तक की संख्या में – 74 भाज्य और 25 अभाज्य संख्याएं होती है। क्योंकि एक(1) न भाज्य है न अभाज्य।
1 से 50 तक की संख्याओं में – 34 भाज्य और 15 अभाज्य संख्याएं होती हैं।
गणित : संख्या पद्यति (Number System)
अंक (Digit) – 0 से 9 तक की पूर्ण संख्याओं को अंक कहा जाता है। इनकी संख्या 10 (0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9) होती है।
प्राकृतिक संख्याएं (Natural Numbers) : 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11… अनंत तक।
पूर्ण संख्याएं – 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11… अनंत तक।
पूर्णांक (Integers) तीन प्रकार के होते हैं – घन पूर्णांक (1,2,3,4,5….), शून्य पूर्णांक (0), ऋणात्मक पूर्णांक (-1, -2, -3, -4, -5 -6……)।
सम, विषम, भाज्य, अभाज्य –
सम (Even) संख्याएं : 0, 2, 4, 6, 8, 10, 12… (2 से पूर्णतः विभाजित होने वाली संख्याओं और शून्य को सम संख्या कहते हैं।
विषम (Odd) संख्या : 1, 3, 5, 7, 9, 11, 13, 15….
भाज्य (Composite) संख्याएं : वे संख्याएं जो 1 और स्वयं के अतिरिक्त कम से कम किसी एक अन्य संख्या से भी विभाजित हो जाए।
जैसे – 4, 6, 8, 9, 10, 12, 14, 15, 16, 18, 20 इत्यादि।
अभाज्य (Prime) पूर्णांक : वे संख्याएं जो 1 और स्वयं से ही विभाजित होती हैं वे अभाज्य संख्याएं कहलाती हैं।
जैसे –
2,3,5,7,11,13,17,19,23,29,31,37,41,43,47,53,59,61,67,71,73,79,83,89,97
‘एक (1)’ इन दोनों ही मापदण्डों में सटीक नहीं बैठता। इसी कारण ‘एक (1)’ न तो भाज्य है और न ही अभाज्य।
सह अभाज्य संख्याएं (Co-Prime Numbers)– दो या दो से अधिक ऐसी संख्याएं जिनमें 1 के अतिरिक्त कोई अन्य अभयनिष्ठ (Common) गुणनखंड न हो।
भिन्नात्मक संख्याएं (Fractional Numbers) – इन संख्याओं में पूर्णतः का अभाव पाया जाता है। इन्हें दो प्रकार से लिखा जाता है। एक दशमलव (1.2) में दूसरा अंश व हर (1/3) के रूप में।
उचित भिन्न – जिस भिन्न में अंश कम और हर अधिक होता है, उसे उचित भिन्न कहते हैं।
अनुचित भिन्न – जिस भिन्न में अंश अधिक और हर कम होता है, उसे अनुचित भिन्न कहते हैं। अनुचित भिन्नों को मिश्रित भिन्नों के रूप में भी लिखा जा सकता है।
आवृत्ति दशमलव संख्या :- इसके अंतर्गत कई प्रकार की आवृत्तियां आती हैं। जो कि निम्नलिखित हैं –
- 4/9 = 0.4444444…
- 2/3 = 0.6666666…..
- 3/11 = 0.272727272…..
- 3/37 = 0.081081081081081
गणित की अपरिमेय संख्याएं – वे संख्याएं जिनका सटीक मान पता न हो। जैसे पाई का मान 22/7 प्रयोग में आता है।
गणित के महत्वपूर्ण तथ्य –
- फरवरी में तीन साल 28 दिन और चौथे साल 29 दिन (लीप) होते हैं।
- अप्रैल, जून, सितंबर, नवंबर में 30 दिन होते हैं।
- जनवरी, मार्च, मई, जुलाई, अगस्त, अक्टूबर, दिसंबर में 31 दिन होते हैं।
- जिस साल फरवरी में 29 दिन होते हैं, उस साल को लीप वर्ष कहते हैं।
- 100 वर्षों में 24 लीप वर्ष और 76 साधारण वर्ष होते हैं।
- परंतु 400 वर्षों में लीप वर्ष 24×4 = 96 नहीं बल्कि 97 होते हैं।
- 1 से 9 तक सभी अंकों से विभाजित होने वाली सबसे छोटी संख्या 2520 है।
- शतरंज में आयतों की संख्या – 1296 होती है।
- पाई क्या है – पाई एक करणी है।
- तीन सरल रेखाओं से घिरी आकृति को त्रिभुज करते हैं।
- तीन या अधिक सरल रेखाओं से घिरी आकृति को बहुभुज करते हैं।
- त्रिभुज में विकर्णों की संख्या कितनी होती है – शून्य
- चतुर्भुज में विकर्णों की संख्या कितनी होती है – दो
- पंचभुज में विकर्णों की संख्या कितनी होती है – 5
- षष्ठभुज में विकर्णों की संख्या कितनी होती है – 9
- सप्तभुज में विकर्णों की संख्या कितनी होती है – 14
- अष्टभुज में विकर्ण की संख्या – 20 होती है।
- शताब्दी का पहला दिन सोमवार, मंगलवार, गुरुवार, शनिवार ही हो सकता है।
- शताब्दी का पहला दिन बुधबार, शुक्रवार और रविवार नहीं हो सकता।
- सदी का अंतिम दिन सोमवार, बुधबार, शुक्रवार और रविवार ही हो सकता है।
- शताब्दी का अंतिम दिन मंगलवार, गुरुवार, शनिवार नहीं हो सकता है।
गणित शब्द अर्थ :-
अंकगणित – Arithmetic
बीजगणित – Algebra
रेखागणित – Geometry
त्रिकोणमिति – Trigonometry
सम – Even
विषम – Odd
अभाज्य – Prime
शून्य – Zero
वृत्त – Circle
गोला – Sphere
आयात – Rectangle
वर्ग – Squire
समचतुर्भुज – Rhombus
समानांतर चतुर्भुज – Parallelogram
समलम्ब चतुर्भुज – Trapezoid
घन – Cube
घनाभ – cuboid
त्रिभुज – Triangle
बेलन – Cylinder
खोखला बेलन – Hollow Cylinder
शंकु – Cone
1 | 11 | 21 | 31 | 41 | 51 | 61 | 71 | 81 | 91 |
2 | 12 | 22 | 32 | 42 | 52 | 62 | 72 | 82 | 92 |
3 | 13 | 23 | 33 | 43 | 53 | 63 | 73 | 83 | 93 |
4 | 14 | 24 | 34 | 44 | 54 | 64 | 74 | 84 | 94 |
5 | 15 | 25 | 35 | 45 | 55 | 65 | 75 | 85 | 95 |
6 | 16 | 26 | 36 | 46 | 56 | 66 | 76 | 86 | 96 |
7 | 17 | 27 | 37 | 47 | 57 | 67 | 77 | 87 | 97 |
8 | 18 | 28 | 38 | 48 | 58 | 68 | 78 | 88 | 98 |
9 | 19 | 29 | 39 | 49 | 59 | 69 | 79 | 89 | 99 |
10 | 20 | 30 | 40 | 50 | 60 | 70 | 80 | 90 | 100 |
गणित में 1 से 100 तक की संख्या में –
11 बार शून्य (0) आता है।
21 बार – एक (1) आता है।
1 से 10 तक की संख्याओं के घन –
- 1 का घन – 1
- 2 का घन – 8
- 3 का घन – 27
- 4 का घन – 64
- 5 का घन – 125
- 6 का घन – 216
- 7 का घन – 343
- 8 का घन – 512
- 9 का घन – 729
- 10 का घन – 1000
1 से 20 तक की संख्याओं के वर्ग –
- 1 का वर्ग- 1
- 2 का वर्ग – 4
- 3 का वर्ग – 9
- 4 का वर्ग – 16
- 5 का वर्ग – 25
- 6 का वर्ग – 36
- 7 का वर्ग – 49
- 8 का वर्ग – 64
- 9 का वर्ग – 81
- 10 का वर्ग – 100
- 11 का वर्ग – 121
- 12 का वर्ग – 144
- 13 का वर्ग – 169
- 14 का वर्ग – 196
- 15 का वर्ग – 225
- 16 का वर्ग – 256
- 17 का वर्ग – 289
- 18 का वर्ग – 324
- 19 का वर्ग – 361
- 20 का वर्ग – 400