गजनबी और गोरी

गजनबी और गोरी (Gaznabi aur Gori) –

गजनी के शासकों का क्रम : अलप्तगीन – पिराई – सुबुक्तगीन (यामिनी वंश की नींव) – इस्माइल – गजनबी

महमूद गजनबी को यमीन-उल-मिल्लाह (मुसलमानों का संरक्षण) की उपाधि बगदाद के खलीफा ‘अल कादिर बिल्लाह’ ने दी

तारीख-ए-यामिनी की रचना उत्बी ने की।

गजनी राज्य का संस्थापक – अलप्गनीन (सामानियों का एक तुर्क दास अधिकारी) था।

अलप्तगीन के गुलाम उत्तराधिकारी पिराई ने हिंदूशाही शासक जयपाल के पुत्र को हराया।

पिराई का उत्तराधिकारी सुबुक्तगीन हुआ। यह भी पिराई की तरह अलप्तगीन का गुलाम था। यह अलप्तगीन का दामाद भी था।

सुबुक्तगीन ने यामिनी वंश की नीव 977 ई. में रखी।

जयपाल के संघ ने दो बार गजनी पर आक्रमण किया परंतु हार के आये।

फिर सुबुक्तगीन ने जयपाल पर आक्रमण कर काबुल व जलालाबाद जीत लिए।

सुबुक्तगीन ने अपने छोटे पुत्र इस्माइल को उत्तराधिकारी चुना था जो अगला राजा बना।

तारीख ए सुबुक्तगीन की रचना किसने की – बैहाकी

सुबुक्गीन का बड़ा बेटा गजनबी(27) था इसने इस्माइल की हत्या कर गजनी की गद्दी हथिया ली।

गजनी के दरबारी कवि उत्बी ने इसके आक्रमण को जिहाद कहा।

गजनी के आक्रमण के कारण :- धन प्राप्ति, यश की कामना, भारत से हाथियों की प्राप्ति

‘वह बगदाद को भी वैसे ही निर्दयता पूर्वक लूटता जैसे सोमनाथ को, यदि वहाँ इतना धन’ – हैवेल

हेनरी इलियट के अनुसार गजनी ने 17 आक्रमण किये,

गजनी ने खैबर दर्रे से भारत में प्रवेश किया। इशे भारत का प्रवेश द्वार कहा जाता था।

गजनबी वर्षा ऋतु की समाप्ति में गजनी से चलता था, शीत ऋतु में हमला, मार्च-अप्रैल में बापस

गजनबी का पहला आक्रमण 1001 में शाहीयों (चिनाव से हिंदुकुश) पर, जयपाल ने हारकर आत्महत्या कर ली।

बाद में आनन्दपाल शासक बना, राजधानी नन्दन बनाई।

1004 में गजनबी ने मुल्तान (शिया करमाथीयों) पर आक्रमण।

गजनबी ने भारत में अपने विजित क्षेत्रों की व्यवस्था के लिए किसे नियुक्त किया – नौशाशाह (जयपाल का नाती)

1008-09 आनन्दपाल को छाछ के युद्ध में बैहन्द मैदान में हराया।

1014 में थानेश्वर के चक्रस्वामी मंदिर को लूटा

1015 में कश्मीर में लोहकोट (लोहारिन) दुर्ग जीतने का असफल प्रयास, गजनबी सेना की प्रथम पराजय (कारण खराब मौसम)

ये गजनबी की सेना की हार थी, गजनबी ने कश्मीर में कभी प्रवेश नहीं किया।

1018 में पहली बार गंगाघाटी में (3बार आक्रमण) – बरन(बुलंदशहर) – मथुरा – वृंदावन – कन्नौज

कन्नौज का प्रतिहार शासक राज्यपाल कन्नौज छोड़कर भाग गया।

महमूद गजनबी का सर्वाधिक फायदमेंद आक्रमण कन्नौज का था।

1019 में ग्वालियर के कालिंजर दुर्ग का घेरा डाला, शासक विद्याधर चंदेर को न हरा सका, संधि हुई।

विद्याधर ने गजनबी की प्रशंसा में गीत लिखा, गजनबी ने खुश होकर 15 किले दिये।

गजनबी ने पंजाब का सूबेदार किसे नियुक्त किया – आरियारुक

अलबरूनी : गजनबी का राजज्योतिषी

अलबरूनी मामुनी वंश के ख्वारिज्म शाह के राजनैतिक सलाहकार थे। अलबरूनी ने योगशास्त्र का अरबी में अनुवाद

इसने दक्षिण भारत के इतिहास के बारे में कुछ नहीं लिखा।

इस इतिहासकार ने अपनी पुस्तक में अरस्तू व प्लेटो का भी उल्लेख किया।

यह राजनीति स्थिति का नाममात्र का उल्लेख करता है।

अलबरूनी ने गजनबी की सेना में कन्नड़ सैनिकों का उल्लेख किया।

अलबरूनी हिंदुओं के कौनसे 2 प्रमुख त्यौहार बताता है – रामनवमी, शिवरात्री

शूदखोरी बर्जित, केवल शूद्रों की ही इसकी इजाजत। 2% ब्याज पर।

सिद्धमात्रिका लिपि कहाँ लोकप्रिय थी – कश्मीर, कन्नौज, वाराणसी

भैक्षुकी – उडुनपुर की बौद्धों की लिपि

फराबी – दर्शनशास्त्र का विद्वान

फारसी का होमर किसे कहा जाता है – फिरदौसी

गजनबी के आदेश पर फिरदौसी ने 1000 छन्दों वाले शाहनामा की रचना की

गजनबी ने फिरदौसी को 6000 सोने के मिशकल देने का वादा किया, और दिये चाँदी के

फिरदौसी ने इन्हें लेने से मना किया और गजनी छोड़ दिया।

अंत में गजनबी ने क्षमा मांगी और 60 हजार सोने के मिशकल भिजवाईं

परंतु भेंट पहुँचने से पहले ही फिरदौसी का शव संस्कार के लिए निकल चुका था।

पुत्री ने ये भेंट लेने से इनकार कर दिया।

अपना रूप चित्रण बनवाने वाला पहला सुल्तान – महमूद गजनबी था।

गजनवी ने किस नदी पर बाढ़-ए-सुल्तान नाम से बांध बनाया – नवार नदी

अलबरूनी की किताब-उल-रेलहला (किताब-उल-हिन्द) का अंग्रेजी अनुवाद एडवर्ड सचाऊ ने, हिदी में रजनीकांत शर्मा ने

गजनबी के समय पहला वजीर – अब्बास फजल बिन अहमद

मुस्लिम शासकों में सर्वप्रथम गजनबी ने भारतीय ढंग के सिक्के तैयार किये।

गजनबी व उसके उत्तराधिकारी समूद ने अपनी पहुजातीय सेना में बड़ी संख्या में हिंदुओं की नियुक्ति की।

मुहम्मद गोरी –

तुर्कों के शंसबानी वंश का था।

क्रम  : अलाउद्दीन – गियासुद्दीन – शिहाबुद्दीन गोरी

मध्य-एशिया के गोर प्रदेश के लोग इस्लाम स्वीकारने से पहले महायान बौद्ध थे।

गोर के अलाउद्दीन ने गजनबी को छोड़कर गजनी वंश के सभी शासकों की कब्र खोदकर हड्डियां हवा में फैला दीं।

अलाउद्दीन (जहाँसोज) न गजनी को 7 दिन तक जलाया।

गियासुद्दीन गोर का शासक बना, इसका छोटा भाई ‘शिहाबुद्दीन गोरी’ गजनी का शासक बना।

गोरी ने अपने बड़े भाई के नाम के सिक्के ढलवाए, खुतबा पढ़वाया।

1203 में गियासुद्दीन की मौत के बाद गोरी ने गोर को अपनी राजधानी बना लिया।

गोरी ने भारत पर आक्रमण गोमल दर्रे से किया।

मुल्तान (शिया करमाथी) – गुजरात (मूलराज/भीम2) – पंजाब (खुशरोशाह) – स्यालकोट – भटिण्डा (तबरहिंद किला) – तराइन

तराइन के पहले युद्ध का तात्कालिक कारण – गोरी द्वारा तबरहिंद के किले (भटिण्डा) को जीता जाना।

तराइन की पहली लड़ाई में पृथ्वीराज चौहान के सेनापति गोविन्दराय (स्कंद) ने भाले से गोरी को घायल कर दिया।

गजनबी और गोरी ।

पृथ्वीराज चौहान का अंत –

  • मिन्हाज – तुरंत हत्या कर दी गई
  • हसन निजामी – अधीनता स्वीकर कर अजमेर से शासन

गोविन्दराय – पृथ्वीराज का भाई था। दिल्ली का शासक गोविन्दराय का पुत्र बना।

गोविन्दराज – पृथ्वीराज का पुत्र था। अजमेर का शासक बना।

भारत में इक्ता (विलायत या खित्ता) व्यवस्था की शुरुवात गोरी (मुइज्जुद्दीन) ने की।

इक्ता अरबी भाषा का शब्द है, मिन्हाज ने अयालत शब्द।

पहली इक्ता 1192 में ऐबक को हांसी (कोहराम) की दी।

भारत में इक्ता का प्रारूप – खलीफा मुक्तादिर ने

इक्ता ए तमलीक – वंशीय इक्ता

फवाजिल – इक्ता से प्राप्त अतिरिक्त आय। जलालुद्दी ने अलाउद्दीन को फवाजिल भेजने से मुक्त कर दिया।

अक्ता प्राप्त सुल्तान की बेगमें तथा धार्मिक व्यक्ति – अक्ता धारकों की अंतिम श्रेणी में आते हैं।

बदायूं के मुक्ता ताजउद्दीन संजर कुतलुग ने मिनहाज को जीवनयापन हेतु अक्ता दी।

मो. तुगलक के समय से प्रत्येक इक्ता में 2 अधिकारी नियुक्त होते थे।

फिरोज ने इक्तादारी को वंशानुगत किया, हस्तांतरण की प्रथा कमजोर

गोरी के अमीर मुइज्जी (गुरीद) कहलाते थे।

गोरी के सिक्के देहलीवाल कहलाए।

गजनबी और गोरी ।

भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल

भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल (Famous Tourist Places in India) : स्थान व निर्माणकर्ता का नाम, स्थिति इत्यादि की महत्वपूर्ण जानकारी।

पर्यटन स्थलस्थाननिर्माणकर्ता
ताजमहलआगरा (उत्तर प्रदेश)शाहजहाँ
अजंता की गुफाएंऔरंगाबाद (महाराष्ट्र)गुप्त शासक
एलोरा की गुफाएंऔरंगाबाद महाराष्ट्रबौद्धों द्वारा
एलीफेंटा की गुफाएंमुम्बई (महाराष्ट्र)राष्ट्रकूट
कंदरिया महादेवखजुराहो (महाराष्ट्र)चंदेल शासक
कुतुबमीनारदिल्लीकुतुबुद्दीन ऐबक
ढाई दिन का झोपड़ाअजमेर (राजस्थान)कुतुबुद्दीन ऐबक
जन्तर मन्तरजयपुर (राजस्थान)सवाई जयसिंह
हवा महलजयपुर (राजस्थान)प्रताप सिंह
लाल किलादिल्लीशाहजहाँ
हुमायूँ का मकबरादिल्लीहाजी बेगम
फतेहपुर सीकरीआगरा (उत्तरप्रदेश)अकबर
आगरा फोर्टआगरा (उत्तर प्रदेश)अकबर
पुराना किलादिल्लीशेरशाह सूरी
विजय स्तंभचित्तौड़गढ़ (राजस्थान)महाराणा कुम्भा
अकबर का किलाइलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)अकबर
अकबर का मकबरासिकंदरा (उत्तरप्रदेश)जहाँगीर
शेरशाह का मकबरासासाराम (बिहार)शेरशाह का पुत्र
छोड़ा इमामबाड़ालखनऊ (उत्तर प्रदेश)मु. अली शाह
बड़ा इमामबाड़ालखनऊ (उत्तर प्रदेश)नवाब आसफ उद्दौला
नाहरगढ़ फोर्टजयपुर (राजस्थान)सवाई जयसिंह
धार का किलाधार (मध्यप्रदेश)मो. तुगलक
सेंट जॉर्ज किलाचेन्नई (तमिलनाड़ु)ईस्ट इंडिया कंपनी
डच महलकोच्चि (केरल)पुर्तगाली
दिलवाड़ा का जैन मंदिरमाउंट आबू (राजस्थान)विमल शाह
गोलकुंडा का किलाहैदराबाद (तेलंगाना)कुतुबशाह
शीश महलआगरा (उत्तर प्रदेश)शाहजहाँ
दीवान ए खासआगरा फोर्ट (उत्तर प्रदेश)शाहजहाँ
आराम बागआगरा (उत्तर प्रदेश)बाबर
जहाँगीर महलआगरा फोर्ट (उत्तरप्रदेश)अकबर
जगमोहन महलकोटा (राजस्थान)राजकुमार ब्रजकुमार
शालीमार बागश्रीनगरजहाँगीर
भरतपुर का किलाभरतपुर (राजस्थान)राजा सूरजमल सिंह
उम्मेद भवनजोधपुर (राजस्थान)महाराजा उम्मेद सिंह
एतमाउद्दौला का मकबरआगरा (उत्तर प्रदेश)नूरजहाँ
कन्हेरी की गुफाएंमुम्बई (महाराष्ट्र)बौद्धों द्वारा
फोर्ट विलियमकोलकाता (प. बंगाल)लॉर्ड क्लाइव
फिरोजशाह कोटलादिल्लीफिरोजशाह तुगलक
साबरमती आश्रमअहमदाबाद (गुजरात)महात्मा गाँधी
दरगाह अजमेर शरीफअजमेर (राजस्थान)गियासुद्दीन
मेहरगढ़ दुर्गजोधपुर (राजस्थान)राव जोधाजी
सुख निवासबूँदी (राजस्थान)राजा बिशनदास
मदन महलजबलपुर (मध्यप्रदेश)मदन शाह
अनिरुद्ध का महलबूँदी फोर्ट (राजस्थान)अनिरुद्ध सिंह
लाल बागबेंग्लुरु (कर्नाटक)हैदर अली
वेलूर मठकोलकातास्वामी विविकानन्द
प्रिंस ऑफ वेल्स म्यूजियममुम्बई (महाराष्ट्र)जॉर्ज पंचम
टीपू का महलबेंग्लुरु (कर्नाटक)दैहर अली
आनन्द भवनइलाहाबादमोतीलाल नेहरू
मृगनयनी का महलग्वालियर (मध्यप्रदेश)मानसिंह तोमर
बीबी का मकबराऔरंगाबाद (महाराष्ट्र)औरंगजेब
जूनागढ़ किलाबीकानेर (राजस्थान)जयसिंह
गोलघरपटना (बिहार)ब्रिटिश सरकार
खास महलआगरा (उत्तर प्रदेश)शाहजहाँ
गेटवे ऑफ इंडियामुम्बई (महाराष्ट्र)जॉर्ज विट्ठल क्लार्क
जिम कार्बेट पार्कनैनीताल (उत्तराखण्ड)सर मेलकम हैले
इंडिया गेटदिल्लीब्रिटिश सरकार
सती बुर्जमथुरा (उत्तर प्रदेश)राजा भगवानदास
गोविन्द देव का मंदिरवृंदावन (उत्तरप्रदेश)-
विवेकानन्द रॉक मैमोरियलतमिलनाडुविविकानन्द रॉक
राष्ट्रपति भवनदिल्लीब्रिटिश सरकार
शांति निकेतनपश्चिम बंगालरवींद्रनाथ टैगार
कनपुर महलधौलपुर (राजस्थान)शाहजहाँ
सफदरजंग का मकबरादिल्लीशुजाउद्दौला
बूँदी का किलाबूँदी (राजस्थान)राजा नगरसिंह
पादरी की हवेलीपटाना (बिहार)फादर कापुचिन
जगन्नाथ मंदिरपुरी (ओडिशा)गंगदेव
चारमीनारहैदराबाद (तेलंगाना)कुली कुतुबशाह
चीनी का रौजाआगरा (उत्तर प्रदेश)शाहजहाँ
कोणार्क मंदिरपुरी (ओडिशा)नरसिंहदेव वर्मन
गगरुन का किलाझालावाड़ (राजस्थान)झालावाड़ स्टेट
काँचीपुरम का मंदिरचेन्नई तमिलनाडुपल्लव शासक
चश्मा शाहीजम्मू कश्मीरअली मर्दान खाँ
चौसठ योगिनी मंदिरखजुराहो (मध्यप्रदेश)चन्देल शासक
निशांत बागजम्मू कश्मीरआसफ खाँ
कोचीन का किलाकेरलपुर्तगाली
अफगान चर्चमुम्बई (महाराष्ट्र)ब्रिटिश सरकार
मान मन्दिरग्वालियर (मध्यप्रदेश)मानसिंह तोमर
आन्ना सागरअजमेर (राजस्थान)अन्ना जी चौहान
डीग महलडीग (राजस्थान)राजा बदनसिंह
छत्र महलबूँदी फोर्ट (राजस्थान)रानी छत्रसाल
हौज खासदिल्लीअलाउद्दीन खिलजी
फतह सागरउदयपुर (राजस्थान)महाराणा फतहसिंह
मुसी रानी की छतरीअलवर (राजस्थान)महाराजा विनय सिंह
चेन्ना केशव मंदिरवेलूरविष्णु वर्धन
लक्ष्मण मंदिरझतरपुर (मध्यप्रदेश)चन्देल शासक
किशोरसागरकोटा (राजस्थान)राजकुमार धीरदेह
रानी की बाड़ीबूँदी (राजस्थान)रानी नाथवती
सहेलियों की बाड़ीउदयपुर (राजस्थान)महाराणा फतहसिंह
कुव्वत उल इस्लाम मस्जिददिल्लीकुतुबुद्दीन ऐबक

भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल : महत्वपूर्ण तथ्य

विजय स्तंभ भगवान विष्णु को समर्पित है। यह 37.19 मीटर ऊँची 9 मंजिला इमारती संरचना है।

कुतुबमीनार की ऊँचाई 72.5 मीटर है। इसके निर्माण की शुरुवात कुतुबुद्दीन ऐबक ने की थी।

लूनी नदी पर बाँध बनाकर अन्ना सागर झील का निर्माण किया गया था।

सवाई राजा जयसिंह ने दिल्ली, मथुरा, वाराणसी, उज्जैन में जन्तर मंतर का निर्माण कराया।

इंडिया गेट और राष्ट्रपति भवन का डिजाइन लिटियन्स ने तैयार किया था।

दिलवाड़ा के जैन मंदिर का निर्माण चालुक्य नरेश भीमदेव प्रथम सोलंकी के मंत्री विमल शाह द्वारा कराया गया था।

ताजमहल –

ताजमहल
भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल

ताजमहल उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में स्थित है। यह भारत एवं विश्व की सबसे आकर्षक इमारतों में से एक है। इसका निर्माण शाहजहाँ ने अपनी प्रिय पत्नी मुमताज की याद में यमुना के तट पर कराया। इसमें शाहजहाँ और मुमताज की कब्र स्थित है। इसकी रूपरेखा ‘उस्ताद ईसा‘ ने तैयार की। ‘उस्ताद अहमद लाहौरी‘ इसके प्रमुख वास्तुकार थे। इस पर कुरान की आयतें ‘अमान खाँ सिराजी‘ ने लिखीं। ताजमहल के गुम्बद का निर्माण ‘इस्माइल खाँ‘ ने किया। इस पर पच्चीकारी का कार्य कन्नौज के ‘मोहनलाल‘ ने किया। इसका निर्माण 22 फीट ऊँचे चबूतरे पर किया गया है। इसे बनने में 22 साल का समय लगा।

राबिया उद दौरानी का मकबरा –

इसे ‘काला ताज’, ‘दूसरा ताज’, और ‘दक्षिण का ताज’ की संज्ञा दी जाती है। इसका निर्माण औरंगजेब ने अपनी पत्नी राबिया उद् दौरानी (दिलरास बेगम) की याद में कराया।

हुमायूँ का मकबरा –

यह दिल्ली में स्थित है। इसका निर्माण हुमायूँ की पत्नी ‘हाजी बेगम‘ ने कराया था। इसे ‘ताजमहल का पूर्वगामी‘ और ‘एक बफादार बीबी की महबूबान पेशकश‘ के नाम से भी जाना जाता है। यह अकबर कालीन पहली इमारती संरचना है। परंतु इसके निर्माण में अकबर का कोई योगदान नहीं है। यह चारबाग पद्यति में निर्मित पहला स्मारक है। यह चाहरदीवारी से घिरा पहला मकबरा है। यह दोहरे गुम्बद वाला पहला मुगलकालीन मकबरा है। यह नालंदा के पंचरथ से भी प्रभावित है। इसके गुम्बद की तुलना समरकंद में बने तिमूर या बीबी खानम के मकबरे से की जाती है। मिर्जा गालिब और बहादुरशाह को 1857 की क्रांति के दौरान इसी मकबरे से गिरफ्तार किया गया था। इस मकबरे में हुमायूँ के अतिरिक्त जहाँदारशाह, फर्रुखशियर, रफी-उद्-दरजात, रफी-उद्-दौला, आलमगीर द्वितीय, व दाराशिकोह को भी दफ्न किया गया है।

फतेहपुर सीकरी – प्रमुख पर्यटन स्थल

शेख सलीम चिश्ती ‘सीकरी’ गाँव में रहते थे। उनके ही खानकाह में अकबर के दो पुत्रों का जन्म हुआ। उन्ही की स्मृिति में अकबर ने सीकरी का निर्माण कराया। यह 1559 से 1570 तक 11 साल में बनकर तैयार हुआ। पहले इसका नाम ‘सीकरी’ रखा गया था। अकबर ने गुजरात विजय के बाद यहाँ पर बुलन्द दरबाजे का निर्माण कराया और इसका नाम ‘फतेहपुर सीकरी’ कर दिया। फतेहपुर सीकरी के 9 दरबाजों में ‘आगरा दरबाजा’ प्रमुख है। फादर मान्सरेट ने फतेहपुर सीकरी को बनते हुए देखा था। 1585 ई. में राल्फ फिंच फतेहपुर सीकरी आया।

फतेहपुर सीकरी की अन्य इमारती संरचनाएं –

‘जोधाबाई महल’ सीकरी की सबसे बड़ी इमारती संरचना है। यहाँ मरियम उज जमानी के महल में हनुमान को राम की पूजा करते हुए दर्शाया गया है। यहाँ अकबर ने शेख सलीम चिश्ती का मकबरा बनवाया, जहाँगीर ने उसमें संगमरमर लगवाया। नालंदा के बौद्ध विहारों की प्रेरणा पर पंचमहल का निर्माण हुआ है। सीकरी की जामा मस्जिद में 3 गुम्बद हैं। फर्ग्युसन ने इसे पत्थर में रुमानी कथा कहा है। 1579 ई. में अकबर ने स्वयं इस मस्जिद की सफाई की थी। सीकरी की जामी मस्जिद को फतेहपुर सीकरी का गौरव कहा जाता है। जामा मस्जिद की दक्षिणी दीवार पर निर्मित बुलंद दरबाजे को अर्द्ध गुम्बदीय दरवाजे की संज्ञा दी गई है। पर्शी ब्राउन ने तुर्की सुल्तान की कोठी को स्थापत्य कला का मोती और एक कलात्मक रत्न कहा है। राजा टोडरमल का महल, संगीन बुर्ज, मैदान एक चौगान भी फतेहपुर सीकरी में निर्मित भवन हैं।

आगरा का किला – प्रमुख पर्यटन स्थल

यह अकबरी शैला का पहला उदाहरण है। इसका निर्माण कासिम खाँ की देखरेख में 1565 ई. में ग्वालियर दुर्ग के अनुरूप किया गया था। दिल्ली दरबाजा इस किले का प्रवेशद्वार है। किले में स्थित अन्य संरचनाएं अकबरी महल, जहाँगीरी महल, जयपुर भवन हैं। जहाँगीरी महल का निर्माण लाल पत्थर से किया गया था, शाहजहाँ ने इसे संगमरमर में परिवर्तित कराया। जयपुर भवन में ही शिवाजी को नजरबंद करके रखा गया था।

एतमा उद्दौला का मकबरा

यह आगरा में स्थित है, इसका निर्माण नूरजहाँ ने कराया था। पूर्ण संगमरमर से निर्मित यह पहली मुगलकालीन इमारती संरचना है। यह मकबरा ईरानी शैली में निर्मित है। इसका चबूतरा लाल पत्थरों से निर्मित है। यह पित्रादुरा से युक्त पहला मुगल स्थापत्य है। पर्शी ब्राउन इसे सबसे अधिक पूर्ण इमारत मानते हैं। इसमें एतमाउद्दौला के साथ असमत बेगम की भी कब्र है। अस्मत बेगम की मृत्यु 1621 ई. में और एतमाउद्दौला की मृत्यु 1622 में हुई। भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल ।

अकबर का मकबरा –

यह सिकंदरा में स्थित 5 मंजिला मकबरा है। इसके निर्माण की शुरुवात अकबर ने की, परंतु इसे पूर्ण जहाँगीर ने कराया। यह जहाँगीर के काल में निर्मित पहली इमारती संरचना है। इस मकबरे में गुम्बद का अभाव है, यह एक पिरामिडाकार संरचना है। यह इस्लामी, ईरानी, हिन्दू, बौद्ध और खमेर वास्तुकला से प्रभावित है। इसकी पहली मंजिल पर बनी कब्र ही असली है बाकी नकली हैं। जहाँगीर ने मकबरे के चारो ओर संगमरमर की चार मीनारें बनवाईं। जहाँगीर यहाँ पैदल ही आया करता था। 1691 ई. में जाट नेता राजाराम ने अकबर का मकबरा खोदकर उसकी अस्थियों को हिन्दू रीति रिवाज से जला दिया।

भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल ।

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