भारत के राष्ट्रपति | President of India : भारत का राष्ट्रपति देश का संवैधानिक प्रमुख एवं प्रथम नागरिक होता है। यह भारत की तीनों सेनाओं का प्रमुख होता है। भारत का राष्ट्रपति भारतीय संसद का अभिन्न अंग होता है। संपूर्ण भारत के किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के किसी भी अधिकारी का वेतन राष्ट्रपति से अधिक नहीं हो सकती।
भारत के राष्ट्रपतियों की सूची –
राष्ट्रपति |
---|
डॉ. राजेंद्र प्रसाद 26 जनवरी 1950 - 13 मई 1962 |
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन 13 मई 1962 - 13 मई 1967 |
डॉ. जाकिर हुसैन 13 मई 1967 - 3 मई 1969 |
वी.वी. गिरि (कार्यवाहक) 3 मई 1969 - 20 जुलाई 1969 |
न्या. एम. हिदायतुल्ला (कार्यवाहक) 20 जुलाई 1969 - 24 अगस्त 1969 |
वी.वी. गिरि 24 अगस्त 1969 - 24 अगस्त 1969 |
फखरुद्दीन अली अहमद 24 अगस्त 1969 - 11 फरवरी 1977 |
बी.डी. जत्ती (कार्यवाहक) 11 फरवरी 1977 - 25 जुलाई 1977 |
नीलम संजीव रेड्डी 25 जुलाई 1977 - 25 जुलाई 1982 |
ज्ञानी जैल सिंह 25 जुलाई 1982 - 25 जुलाई 1987 |
आर. वेंकटरमण 25 जुलाई 1987 - 25 जुलाई 1992 |
डॉ. शंकरदयाल शर्मा 25 जुलाई 1992 - 25 जुलाई 1997 |
के. आर. नारायणन 25 जुलाई 1997 - 25 जुलाई 2002 |
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम 25 जुलाई 2002 - 25 जुलाई 2007 |
प्रतिभा पाटिल 25 जुलाई 2007 - 25 जुलाई 2012 |
प्रणव मुखर्जी 25 जुलाई 2012 - 25 जुलाई 2017 |
रामनाथ कोविंद 25 जुलाई 2017 - 25 जुलाई 2022 |
द्रौपदी मुर्मू 25 जुलाई 2022 से वर्तमान |
डॉ. राजेंद्र प्रसाद : भारत के प्रथम राष्ट्रपति
24 जनवरी 1950 को हुई संविधान सभी की बैठक में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को निर्विरोध भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया। 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के साथ डॉ. राजेंद्र प्रसाद गणतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने। डॉ. राजेंद्र प्रसाद के भारतीय राजनीति में अजातशत्रु के नाम से जाना जाता है। यही कारण है कि आजादी के बाद सबसे महत्वपूर्ण पद पर इन्हें आसीन किया गया।
पहला राष्ट्रपति चुनाव –
मई 1952 में भारत में पहला राष्ट्रपति चुनाव कराया गया। जिसमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 83.8 प्रतिशत मत प्राप्त किये। इस चुनाव में इनके निकटतम प्रतिद्वंदी के.टी.शाह थे। इसके बाद मई 1997 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को 99.3 प्रतिशत मत प्राप्त हुए। भारत के राष्ट्रपति का चुनाव भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा संपन्न कराया जाता है। इस चुनाव से संबंधित सभी विवाद भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अधीन हैं (अनुच्छेद-71(1)। सर्वप्रथम 1967 ई. में डॉ. जाकिर हुसैन पहली बार राष्ट्रपति चुनाव का मामला उच्चतम न्यायलय में ले गए। राष्ट्रपति अपने पद ग्रहण की तिथि से 5 वर्ष तक पद पर रहता है (अनुच्छेद-56(1)। राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र उप-राष्ट्रपति को संबोदित करता है (अनुच्छेद-56(1)। उपराष्ट्रपति इसकी सूचना तुरंत लोकसभा अध्यक्ष को देता है (अनुच्छेद-56(2)।
महाभियोग –
राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 61 में वर्णित है। यह महाभियोग राष्ट्रपति पर संविधान के अतिक्रमण के लिए लगाया जाता है। संसद के किसी भी सदन द्वारा राष्ट्रपति पर महाभियोग का आरोप लगाया जा सकता है। उस आरोप का अन्वेषण दूसरे सदन द्वारा किया जाएगा। राष्ट्रपति को अन्वेषण में स्वयं या अपने प्रतिनिधि के माध्यम से अपना पक्ष रखने का अधिकार है। महाभियोग एक अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया है जिसे संसद में चलाया जाता है। इसमें राज्य विधानसभाएं भाग नहीं लेतीं।
राष्ट्रपति का प्रावधान –
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 53 के अनुसार संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी। अतः राष्ट्रपति संघीय कार्यपालिका का प्रमुख होता है। अनुच्छेद 74(1) के तहत राष्ट्रपति अपने कृत्यों का प्रयोग मंत्रिपरिषद की सलाह पर करेगा।
राष्ट्रपति चुनाव –
भारत में राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्यति के अनुसार एकल संक्रमणीय प्रणाली के आधार पर होता है। यह गुप्त मतदान के आधार पर होता है। संविधान के अनुच्छेद 54 के तहत राष्ट्रपति के निर्वाचन मण्डल में संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। 70वें संविधान संशोधन 1992 के तहत दिल्ली व पदुच्चेरी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों को भी शामिल कर लिया गया। इस प्रकार जनता राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्यक्ष रूप से भाग नहीं लेती। राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है। अनुच्छेद 57 राष्ट्रपति के पद के लिए पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता निर्धारित करता है।
प्रस्तावक व अनुमोदक –
किसी व्यक्ति के राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए 50 प्रस्तावक और 50 अनुमोदकों की आवश्यकता होती है। ऐसा इसलिए नियम बनाया गया ताकि कोई व्यक्ति गंभीरता से ही देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हो सके।
राष्ट्रपति की शक्तियां –
- क्षमादान का अधिकार (अनुच्छेद-72)।
- अनुच्छेद 85(2) के तहत राष्ट्रपति लोकसभा को भंग कर सकता है। परंतु अनुच्छेद 74(1) के तहत ऐसा वह केंद्रीय मंत्रिमण्डल की अनुशंसा पर ही कर सकता है।
- महान्यायवादी की नियुक्ति (अनुच्छेद-76)।
- राष्ट्रपति को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाने का अधिकार है (अनुच्छेद 108)।
- धन विधेयक के अतिरिक्त राष्ट्रपति किसी विधेयक पुनर्विचार के लिए लौटा सकता है (अनुच्छेद-111)।
- राष्ट्रपति विशेष परिस्थिति में अध्यादेश जारी कर सकता है (अनुच्छेद-123)।
- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्त (अनुच्छेद-148)।
- राज्यों के राज्यपाल की नियुक्त (अनुच्छेद-155)।
- वित्त आयोग के अध्यक्ष की नियुक्त राष्ट्रपति द्वाार की जाती है (अनुच्छेद-280(1)।
प्रतिभा पाटिल – भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति
25 जुलाई 2007 को प्रतिभा पाटिल भारत की 15वीं राष्ट्रपति एवं प्रथम महिला राष्ट्रपति बनीं। ये 19 जुलाई 2007 को संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में यूपीए-वाम दलों की उम्मीदवार बनीं। 21 जुलाई 2007 को संपन्न हुई मतगणना में इन्होंने भैरो सिंह शेखावत को 3 लाख+ वोटों से हराया। प्रतिभा देवी का जन्म 19 दिसंबर 1934 ई. को जलगाँव, महाराष्ट्र में हुआ था। ये कॉलेज के दिनों में टेबल टेनिस की खिलाड़ी थीं। इनके पति का नाम देवीसिंह शेखावत था। इन्होंने अपने करियर की शुरुवात वकील के रूप में की थी।
- महाराष्ट्र में सहकारिता आंदोलन को आगे बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिक निभाई।
- ये भारतीय राष्ट्रीय सहकारिता यूनियन के प्रबंधन परिषद की सदस्य भी रह चुकीं।
- इन्होंने पहली बार 1962 ई. में महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा।
- 1985 ई. तक ये महाराष्ट्र विधानसभा सदस्य रहीं।
- ये महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष भी रहीं।
- ये 1985 ई. में राज्यसभा सदस्य रहीं।
- ये 1986 ई. से 1988 ई. तक राज्यसभा की उपसभापति भी रहीं।
- 1991 ई. में ये लोकसभा सदस्य चुनी गईं।
- नवंबर 2004 में राजस्थान की राज्यपाल बनीं। ये राजस्थान की पहली महिला राज्यपाल बनीं।
- राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनने के बाद राज्यपाल का पद त्याग दिया।
राष्ट्रपति से संबंधित तथ्य –
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे। ये 12 साल 3 माह 17 दिन राष्ट्रपति रहे।
- राजेंद्र प्रसाद लगातार दो बार राष्ट्रपति चुने गए।
- डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन दो बार उपराष्ट्रपति और एक बार राष्टरपति रहे।
- सिर्फ वी.वी. गिरि के निर्वाचन के समय ही द्वितीय चक्र की मतगणना करनी पड़ी।
- कांग्रेस का स्पष्ट बहुमत होने के बाद भी वी.वी गिरि ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव में सफलता प्राप्त की।
- 1986 में ज्ञानी जैल सिंह ने भारतीय डाकघर (संशोधन) विधेयक पर पॉकेट वीटो का प्रयोग किया।
- नीलम संजीव रेड्डी एकमात्र राष्ट्रपति थे जो पहले यह चुनाव हारे फिर निर्विरोध राष्ट्रपति चुने गए।
- के.आर. नारायणन भारत के पहले दलित वर्ग से राष्ट्रपति थे।
- भारत के पहले राष्ट्रपति जो वैज्ञानिक एवं अविवाहित थे डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम थे।