‘चंद्रमा (Moon)’ पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है। चंद्रमा को जीवश्म ग्रह भी कहा जाता है। पृथ्वी से चंद्रमा की औसत दूरी 3,84,365 किलोमीटर है। इसका परिभ्रमण पथ दीर्घ वृत्ताकार है। पृथ्वी के अक्ष के साथ चंद्रमा का अक्ष तल 58.48 डिग्री का अक्ष कोण बनाता है। चंद्रमा भी पृथ्वी के ही समान 460 करोड़ वर्ष पुराना है।
सेलेनोलॉजी –
चंद्रमा (Moon) की सतह व उसकी आंतरिक स्थिति का अध्ययन करने वाला विज्ञान ‘सेलेनोलॉजी’ कहलाता है।
परिक्रमण व घूर्णन –
चंद्रमा पृथ्वी की एक परिक्रमा करीब 27 दिन, 8 घंटे में पूरी कर लेता है। अर्थात चंद्रमा को अपनी पूर्व स्थिति में आने में 27 दिन, 7 घंटे, 43 मिनट, 11.6 सेकंड का समय लगता है। इतना ही समय चंद्रमा को अपने अक्ष पर घूमने (घूर्णन) में लगता है। यही कारण है कि पृथ्वी से चंद्रमा का सदैव एक ही भाग नजर आता है। पृथ्वी से चंद्रमा के 57 प्रतिशत भाग को देखा जा सकता है।
लीबनिट्ज पर्वत –
लीबनिट्ज पर्वत चंद्रमा का सर्वोच्च (11668 मीटर) पर्वत है। यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अवस्थित है।
शांति सागर –
चंद्रमा (Moon) पर धूल के मैदान को शांति सागर के नाम से जाना जाता है। यह चंद्रमा का पिछला भाग है जो अंधकारमय रहता है।
व्यास व द्रव्यमान –
चंद्रमा का व्यास 3480 किलोमीटर है। चंद्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का 1/81 है।
सुपर मून –
चंद्रमा का पृथ्वी के सबसे निकट होने की स्थिति को सुपरमून कहा जाता है। इसे ‘पेरिजी फुल मून‘ के नाम से भी जाना जाता है। इस स्थिति में चांद अन्य दिनों की अपेक्षा 14 प्रतिशत अधिक बड़ा नजर आता है। साथ ही यह 30 प्रतिशत अधिक चमकीला भी दिखता है।
ब्लू मून –
जब एक ही महीनें में दो पूर्णमासी पड़ती हैं तो दूसरी पूर्णिमा का चांद ब्लू मून कहा जाता है।
दो पूर्णमासी के बीच 31 दिन से कम समय होने पर यह स्थिति बनती है।
ऐसी स्थिति 2-3 साल में बनती है।
ब्लू मून ईयर –
साल में दो ब्लू मून होने की स्थिति में वह साल ब्लू मून ईयर कहलाता है।