अक्षांश व देशांतर रेखाएं

अक्षांश व देशांतर रेखाएं

‘अक्षांश व देशांतर रेखाएं’ ग्लोब पर अंकित काल्पनिक रेखाएं हैं। सभी अक्षांश रेखाएं ग्लोब पर बृहत वृत्त बनाती हैं।

अक्षांश रेखाएं

ग्लोब पर पूर्व से पश्चिम की ओर खीची गईं काल्पनिक रेखाओं को अक्षांश रेखाएं कहा जाता है। सभी अक्षांश रेखाएं पृथ्वी के ध्रुवों के समानांतर खींची गई हैं। ग्लोब पर इनकी कुल संख्या 181 है।

कर्क रेखा –

ग्लोब पर 23 1/2 डिग्री उत्तरी अक्षांश को कर्क रेखा कहा जाता है। यह ग्लोब पर बृहत वृत्त बनाती है।

कर्क रेखा पर बसे हुए देश –

भारत, चीन, बांग्लादेश, म्यांमार, ताइवान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, बहमास, मिश्र, लीबिया, अल्जीरिया, हवाई द्वीप (यू. एस. ए.), मैक्सिको, माली, नाइजर, चाड, व मॉरिटानिया।

कर्क रेखा पर बसे भारतीय राज्य –

कर्क रेखा भारत के कुल 8 राज्यों से होकर गुजरती है।

गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, व मिजोरम कर्क रेखा पर अवस्थित भारतीय राज्य हैं।

मकर रेखा –

ग्लोब पर 23 1/2 डिग्री दक्षिणी अक्षांश को मकर रेखा के नाम से जाना जाता है।

यह ग्लोब पर बृहत वृत्त बनाती है।

मकर रेखा पर बसे हुए देश –

ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, चिली, अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका, मेडागास्कार, मोजाम्बिक, पराग्वे, नामीबिया, बोत्सवाना, टोंगा, फ्रेंच पोलीनेशिया।

विषुवत रेखा –

0 डिग्री अक्षांश को विषुवत रेखा या भूमध्य रेखा या Equator के नाम से जाना जाता है। यह रेखा पृथ्वी को दो समान भागों में विभाजित करती है। पृथ्वी के Equator से उत्तरी भाग को उत्तरी गोलार्द्ध और Equator से दक्षिणी भाग को दक्षिणी गोलार्द्ध कहा जाता है। पृथ्वी की सतह के मध्य में अवस्थित होने के कारण इसे भूमध्य रेखा कहा जाता है। भूमध्यरेखा से उत्तरी ध्रुव तक के सभी अक्षाशों को उत्तरी अक्षांश कहा जाता है। भूमध्यरेखा से दक्षिणी ध्रुव तक के सभी अक्षाशों को तक्षिणी अक्षांश कहा जाता है। विषुवत रेखा की कुल लम्बाई 12,756 किलोमीटर है।

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विषुवत रेखा पर बने हुए देश –

ब्राजील, कोलंबिया, इंडोनेशिया, मालदीव, केन्या, कांगो, इक्वाडोर, गैबोन, युगांडा, सोमालिया, किरिबाती, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, साओ टोम और प्रिंसेप।

देशांतर रेखाएं

ग्लोब पर उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव की ओर खींची गईं काल्पनिक रेखाओं को देशांतर रेखाएं कहा जाता है। ये रेखाएं पृथ्वी पर बृहत वृत्त का निर्माण नहीं करतीं। ये अर्द्धवृत्ताकार रूप में हैं। ग्लोब पर इनकी कुल संख्या 360 है। दो देशांतरों के बीच की दूरी को गोरे कहा जाता है। पृथ्वी की सतह पर ये एक दूसरे से 1° की दूरी पर खींची गईं हैं। पृथ्वी को 1° देशांतर के घूर्णन में 4 मिनट का समय लगता है।

0° देशांतर रेखा को अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा या ग्रीनविच मीन रेखा के नाम से जाना जाता है। विश्व भर के 24 समय जोन इसी रेखा के आधार पर निर्धारित किए गए हैं। 0° देशांतर के पूरब में अवस्थित 180 देशांतरों को पूर्वी देशांतर कहा जाता है। 0° देशांतर के पश्चिम में अवस्थित 180 देशांतरों को पश्चिमी देशांतर कहा जाता है। 180° पूर्वी या पश्चिमी देशांतर रेखा को ‘अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा’ के नाम से जाना जाता है। यही रेखा विश्व भर में तिथियों का निर्धारण करती है।

 – अक्षांश व देशांतर लेख समाप्त।

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