हिंदी के विराम चिह्न (Hindi Punctuation Symbols)

लेखन कला में विराम चिह्नों का प्रयोग भावों को सरल व सुबोध बनाने और कही गई  बात में सटीकता लाने के लिए किया जाता है।  जिससे लेखक द्वारी की गई रचना का सही भाव पाठकों तक पहुंच सके। हिंदी में कुछ विराम चिह्नों का प्रयोग अधिक तो कुछ का बहुत कम मात्रा में किया जाता है। हिंदी के विराम चिह्न निम्नलिखित हैं।

पूर्ण विराम –

पूर्ण विराम का अर्थ है पूरी तरह ठहरना या रुकना।

यह किसी कथन के पूर्ण होने पर प्रयोग में लाया जाता है।

विस्मयबोधक और प्रश्ववाचक वाक्यों के अतिरिक्त अन्य सभी वाक्यों के अंत में पूर्ण विराम का प्रयोग किया जाता है।

परंतु जब एक वाक्य का संबंध अगले वाक्य से हो तो पहले वाले वाक्य में पूर्ण विराम का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

अल्प विराम –

हिंदी भाषा में यह सर्वाधिक प्रयोग किया जाने वाला विराम चिह्न है।

अर्द्ध विराम –

जब पूर्ण विराम से थोड़ा कम और अल्प विराम से थोड़ा अधिक रूकना हो वहां पर अर्द्ध विराम का प्रयोग किया जाता है।

संयुक्त व मिश्रित वाक्यों में जहां पर विरोधाभास उत्पन्न हो, उनके बीच में अर्द्धविराम का प्रयोग किया जाता है।

जब किसी वाक्य में एक समान अधिकरण का प्रयोग हो तो वहां पर भी इसी का प्रयोग होता है।

प्रश्नवाचक चिह्न –

जब वाक्य में किसी प्रश्नवाचक शब्द (क्यों, कहाँ, क्या, कैसे, किसका इत्यादि) का प्रयोग हुआ हो या वाक्य से प्रश्न किए जाने का बोध हो रहा हो, वहां पर प्रश्नवाचक चिह्न का प्रयोग किया जाता है।

इसके अतिरिक्त विस्मय की स्थित में और व्यंग्यात्मक उक्ति में भी इसका प्रयोग किया जाता है।

उप विराम –

उप विराम का प्रयोग अधिकांशतः शीर्षकों में किया जाता है।

योजनक चिह्न –

इसका सर्वाधिक प्रयोग द्वंद्व समास में किया जाता है। जहाँ दो शब्दों को जोड़ना हो या उनके बीच के संबंध को दर्शाना हो।

हिंदी के विराम चिह्न और उनके संकेत –

चिह्न का नामसंकेत
पूर्ण विराम
प्रश्नवाचक चिह्न?
अल्प विराम,
अर्द्ध विराम;
उप विराम:
योजक चिह्न-
उद्धरण या अवतरण चिह्न'' "
रेखिका या निर्देशिका_
विवरण चिह्न:-
त्रुटिपूरक या विस्मरण^
संक्षेप सूचक.
लोप निर्देशक......
समानता या तुल्यता सूचक=
कोष्ठक() {} []
विस्मयसूचक या सम्बोधक!
लाघव चिह्नo

समास के भेद व उदाहरण (Samas or Samaas)

‘समास के भेद व उदाहरण’ शीर्षक के इस लेख में समास की विस्तृत जानकारी संकलित की गई है। जहां एक ओर संधि में दो वर्णों का मेल होता है वहीं समास में दो पदों का मेल होता है। हिंदी भाषा में संधि तत्सम शब्दों में होती है, वहीं समास संस्कृत, उर्दू व हिंदी के हर प्रकार के पदों में होता है। जहां संधि के विभाजन को विच्छेद कहतें हैं, वहीं समास के विभाजन को विग्रह कहा जाता है।

समास के प्रकार –

प्रयोग की दृष्टि से समास के तीन प्रकार होते हैं – संयोगमूलक समास, वर्णनमूलक समास, आश्रयमूलक समास। वहीं पदों की प्रधानता के आधार पर समास चार प्रकार के होते हैं – पूर्वपद/प्रथमपद प्रधान समास (अव्ययीभाव समास), उत्तरपद प्रधान समास (तत्पुरुष, द्विगु, कर्मधारय), दोनों पद प्रधान समास (द्वंद्व समास), दोनों पद अप्रधान समास (बहुब्रीहि समास)।

अव्ययीभाव समास

इस समास में /पूर्व पद प्रधान और समास/सामासिक/उत्तर पद अव्यय होता है।

अव्ययीभाव समास के उदाहरण –

  • यथाक्ति – शक्ति के अनुसार
  • यथार्थ – अर्थ के अनुसार
  • यथाशीघ्र – जितना शीघ्र हो सके
  • यथारुचि – रुचि के अनुसार
  • यथाविधि – विधि के अनुसार
  • यथासंभव – संभावना के अनुसार
  • आजन्म – जन्मपर्यंत या जन्म तक
  • आमरण – मरण तक
  • यावज्जीवन – जब तक जीवन है
  • बेशर्म – बिना शर्म के
  • बखूबी – खूबी के साथ
  • व्यर्थ – बिना अर्थ का
  • दिनानुदिन – दिन के बाद दिन
  • नर्भय – बिना भय के
  • उपकूल – कूल के समीप
  • बेकाम – बिना काम का
  • प्रत्यंग – अंग अंग
  • समक्ष – अक्षि के सामने
  • प्रत्यक्ष – अक्षि(आँख) के प्रति(आगे)
  • परोक्ष – अक्षि के परे
  • निधड़क – बिना धड़क(डर से बड़ी धड़कन) के
  • आपादमस्तक – पाद(पैर) से मस्तक तक
  • प्रत्युपकार – उपकार के प्रति
  • भर पेट – पेट भरकर
  • मनमाना – मन के अनुसार

कर्मधारय समास

जिस समास में विशेष्य-विशेषण अथवा उपमेय-उपमान का संबंध होता है, उसे कर्मधारय समास के नाम से जाना जाता है। इसका पूर्व पद विशेषण होता है। परंतु कुछ कर्मधारय समास में पूर्व पद विशेष्य भी होता हैं।

कर्मधाय समास के उदाहरण –

  • नीलाम्बर – नीला है अम्बर जो
  • पीताम्बर – पीत है अम्बर जो
  • पीतसागर – पीत है सागर जो
  • सज्जन – सत् हो जो जन
  • नीलोत्पल – नील हो उत्पल जो
  • वीरबाला – वीर है बाला जो
  • नवयुवक – नया युवक
  • सन्मार्ग – सत् का मार्ग
  • महात्मा – महान् है आत्मा जो
  • महावीर – महान् वीर
  • सद्भावना – सत् भावना
  • परमेश्वर – परम् है ईश्वर जो
  • महापुरुष – महान् है पुरुष जो
  • महाकाव्य – महान् है काव्य जो
  • कदन्न – कुत्सित अन्न
  • महौषधि – महान् हो औषधि जो
  • कापुरुष – कुत्सित पुरुष
  • छुटभैया – छोटा भइया
  • मदनमोहन – मदन जो मनोहर है
  • श्यामसुंदर – श्याम जो सुंदर है
  • जनकखेतिहर – खेती करने वाला जनक
  • कुमारश्रमणा – संन्यास ग्रहण की हुई कुमारी
  • आम्रवृक्ष – आम का पेंड़
  • नीलपीत – नीले व पीले का मिश्रण
  • शीतोष्ण – शीतल और उष्ण का मिला जुला रूप
  • कृताकृत – किया बेकिया

द्विगु समास

जिस समास का पूर्व/प्रथम पद संख्यावाची हो और उससे समूह का बोध हो रहा हो, द्विगु समास कहलाता है।

द्विगु समास के उदाहरण –

  • त्रिभुवन – तीन भुवनों का समाहार
  • त्रियुगी – तीन युगों का समाहार
  • त्रिफला – तीन फलों का समाहार
  • पंचपात्र – पांच पात्रों का समहार
  • पंचरत्न – पांच रत्नों का समूह
  • नवरत्न – नौ रत्नों का समूह
  • नवग्रह – नौ ग्रहों का समूह
  • सतसई – सात सौ का समाहार

द्वंद्व समास

इस समास में पूर्व पद और उत्तर पद दोनों प्रधान होते हैं और इनके अवयव शब्दों के बीच समुच्चबोधक शब्द ‘या‘, ‘और‘ का लोप हो जाता है।

उदाहरण –

  • रामलखन – राम और लक्ष्मण
  • रामकृष्ण – राम और कृष्ण
  • लवकुश – लव और कुश
  • धर्माधर्म – धर्म और अधर्म
  • हरिशंकर – हरि और शंकर
  • धनुर्बाण – धनुष और वाण
  • शिवपार्वती – शिव और पार्वती

बहुब्रीहि समास

जिस समास में पूर्व पद और सामासिक पद दोनों अप्रधान हों और किसी तीसरे का अर्थबोध हो रहा हो, वहां पर बहुब्रीहि समास होता है।

बहुब्रीहि समास के भेद –

  • दशानन – दश हैं आनन(शीश) जिसके अर्थात् ‘रावण’
  • जलज – जल में जन्मा अर्थात ‘कमल’
  • लम्बोदर – लम्बा है उदर जिसका अर्थात् ‘गणेश’
  • चतुर्भुज – चार हैं भुजाएं जिसकी अर्थात् ‘विष्णु’
  • चंद्रशेखर – चंद्र है शिखर पर जिसके अर्थात् ‘शिव’
  • वीणापाणि – वीणा है पाणि(हाथ) में जिसके अर्थात् ‘सरस्वती’
  • गिरिधर – गिरि को धारण करने वाले अर्थात ‘श्रीकृष्ण’
  • सहस्त्राक्ष – सहस्त्र आँखों वाले अर्थात ‘इंद्र’

तत्पुरुष समास

इसमें पूर्व पद गौण होता है और उत्तर पद की प्रधानता होती है। इसमें सामान्यतः प्रथम पद विशेषण और उत्तर पद विशेष्य होता है।

तत्पुरुष समास के उदाहरण

  • गगनचुम्बी – गगन को चूमने वाली अर्थात बहुत ऊंची
  • पुरुषोत्तम – पुरुषों में उत्तम
  • मनोहर – मन को हरने वाला
  • स्वर्ग प्राप्त – स्वर्ग को प्राप्त
  • शोकग्रस्त – शोक से ग्रस्त
  • कविश्रेष्ठ – कवियों में श्रेष्ठ
  • श्रमजीवी – श्रम पर जीने वाला
  • गोशाला – गो के लिए शाला
  • मालगोदाम – माल के लिए गोदाम
  • देशभक्ति – देश के लिए भक्ति
  • नराधम – नरों में अधम
  • देवालय – देव के लिए आलय
  • सभाभवन – सभा के लिए भवन
  • राजभवन – राजा का भवन
  • सूर्योदय – सूर्य का उदय
  • प्रेमसिक्त – प्रेम से सिक्त

समास के उदाहरण व समास विग्रह –

पदविग्रहसमास
गगनचुम्बी/गगनचंबीगगन को चूमने वालीकर्म तत्पुरुष
कठफोड़वाकाठ को फोड़ने वालीकर्म तत्पुरुष
स्वर्णप्राप्तस्वर्ण को प्राप्तकर्म तत्पुरुष
गृहागतघर को आगतकर्म तत्पुरुष
मनोहरमन को हरने वालाकर्म तत्पुरुष
स्वर्गप्राप्तस्वर्ग को प्राप्तकर्म तत्पुरुष
माखनचोरमाखन को चुराने वालाकर्म तत्पुरुष
मोक्ष प्राप्तमोक्ष को प्राप्तकर्म तत्पुरुष
ग्रामगतग्राम को गया हुआकर्म तत्पुरुष
मदशून्यमद से शून्यकरण तत्पुरुष
प्रेमसिक्तप्रेम से सिक्तकरण तत्पुरुष
नेत्रहीननेत्र से हीनकरण तत्पुरुष
हस्तलिखितहस्त से लिखितकरण तत्पुरुष
रेखांकितरेखा से अंकितकरण तत्पुरुष
प्रकाशयुक्तप्रकाश से युक्तकरण तत्पुरुष
शोकग्रस्तशोक से ग्रसितकरण तत्पुरुष
भावपूर्णभाव से पूर्णकरण तत्पुरुष
दुःखार्तदुख से आर्तकरण तत्पुरुष
दंडपीड़ितदण्ड से पीड़ितकरण तत्पुरुष
बाणाहतबाण से आहतकरण तत्पुरुष
श्रमसाध्यश्रम से साध्यकरण तत्पुरुष
जलशक्तिजल से शक्तिकरण तत्पुरुष
रोगपीड़ितरोग से पीड़ितकरण तत्पुरुष
देशभक्तिदेश के लिए भक्तिसम्प्रदान तत्पुरुष
सभाभवनसभा के लिए भवनसम्प्रदान तत्पुरुष
गोशालागो के लिए शालासम्प्रदान तत्पुरुष
शिक्षालयशिक्षा के लिए आलयसम्प्रदान तत्पुरुष
मालगोदाममाल के लिए गोदामसम्प्रदान तत्पुरुष
लोकहितकारीलोक के लिए हितकारीसम्प्रदान तत्पुरुष
देशभक्तिदेश के लिए भक्तिसम्प्रदान तत्पुरुष
देवालय देव के लिए आलयसम्प्रदान तत्पुरुष
युद्धभूमियुद्ध के लिए भूमिसम्प्रदान तत्पुरुष
बालामृतबालकों के लिए अमृतसम्प्रदान तत्पुरुष
राहखर्चराह के लिए खर्चसम्प्रदान तत्पुरुष
गुरुदक्षिणागुरु के लिए दक्षिणासम्प्रदान तत्पुरुष
हवनसामग्रीहवन के लिए सामग्रीसम्प्रदान तत्पुरुष
नववर्षोपहारनववर्ष के लिए उपहारसम्प्रदान तत्पुरुष
शिवार्पणशिव के लिए अर्पणसम्प्रदान तत्पुरुष
सभाभवनसभा के लिए भवनसम्प्रदान तत्पुरुष
विधानसभाविधान के लिए सभासम्प्रदान तत्पुरुष
पदभ्रष्टपद से भ्रष्टअपादान तत्पुरुष
ऋणमुक्तऋण से मुक्तअपादान तत्पुरुष
दूरागतदूर से आगतअपादान तत्पुरुष
बलहीनबल से हीनअपादान तत्पुरुष
देशनिकालादेश से निकालाअपादान तत्पुरुष
विदेशागतविदेश से आगतअपादान तत्पुरुष
लोकोत्तरलोक से उत्तरअपादान तत्पुरुष
पदच्युतपद से च्युतअपादान तत्पुरुष
पथभ्रष्टपथ से भ्रष्टअपादान तत्पुरुष
ईश्वरविमुखईश्वर से विमुखअपादान तत्पुरुष
वृक्षपतितवृक्ष से पतितअपादान तत्पुरुष
धर्मभ्रष्टधर्म से भ्रष्टअपादान तत्पुरुष
जन्मरोगीजन्म से रोगीअपादान तत्पुरुष
स्थानच्युतस्थान से च्युतअपादान तत्पुरुष
प्रेमरिक्तप्रेम से रिक्तअपादान तत्पुरुष
पापमुक्तपाप से मुक्तअपादान तत्पुरुष
सूर्योदयसूर्य का उदयसंबध तत्पुरुष
गंगाजलगंगा का जलसंबध तत्पुरुष
गृहकार्यगृह का कार्यसंबध तत्पुरुष
स्नानगृहस्नान का ग्रहसंबध तत्पुरुष
नगरसेठनगर का सेठसंबध तत्पुरुष
राजमाताराजा की मातासंबध तत्पुरुष
श्रमदानश्रम का दानसंबध तत्पुरुष
समाजोद्धारसमाज का उद्धारसंबध तत्पुरुष
पतितोद्धारपतित का उद्धारसंबध तत्पुरुष
विद्यालयविद्या का आलयसंबध तत्पुरुष
राजभवनराजा का भवनसंबध तत्पुरुष
राष्टपतिराष्ट्र का पतिसंबध तत्पुरुष
चंद्रप्रकाशचंद्र का प्रकाशसंबध तत्पुरुष
जलधाराजल की धारासंबध तत्पुरुष
वीरकन्यावीर की कन्यासंबध तत्पुरुष
प्रेमोपासकप्रेम का उपासकसंबध तत्पुरुष
चरित्रचित्रणचरित्र का चित्रणसंबध तत्पुरुष
ग्रामोद्धारग्राम का उद्धारसंबध तत्पुरुष
जलमग्नजल में मग्नअधिकरण तत्पुरुष
पुरुषोत्तमपुरुषों में उत्तमअधिकरण तत्पुरुष
शरणागतशरण को आगतअधिकरण तत्पुरुष
शास्त्रप्रवीणशास्त्रों में प्रवीणअधिकरण तत्पुरुष
आत्मनिर्भरआत्म पर निर्भरअधिकरण तत्पुरुष
आनन्दमग्नआनन्द में मग्नअधिकरण तत्पुरुष
वनवासवन में वासअधिकरण तत्पुरुष
गृहप्रवेशगृह में प्रवेशअधिकरण तत्पुरुष
नरश्रेष्ठनरों में श्रेष्ठअधिकरण तत्पुरुष
कविश्रेष्ठकवियों में श्रेष्ठअधिकरण तत्पुरुष
आपबीतीआप पर बीतीअधिकरण तत्पुरुष
नराधमनरों में अधमअधिकरण तत्पुरुष
सर्वोत्तमसब में उत्तमअधिकरण तत्पुरुष
रणशूररण में शूरअधिकरण तत्पुरुष
क्षत्रियाधम क्षत्रियों में अधमअधिकरण तत्पुरुष
प्रतिदिनदिना दिनअव्ययीभाव
यथार्थअर्थ के अनुसारअव्ययीभाव
यथासंभवसंभावना के अनुसारअव्ययीभाव
प्रत्यक्षअक्षि के प्रतिअव्ययीभाव
परोक्षअक्षि के परेअव्ययीभाव
यथाशक्तिशक्ति के अनुसारअव्ययीभाव
व्यर्थबिना अर्थ काअव्ययीभाव
यथाशीघ्रजितना शीघ्र होअव्ययीभाव
आमरणमरने तकअव्ययीभाव
आजन्मजन्मपर्यंतअव्ययीभाव
मनमानामन के अनुसारअव्ययीभाव
निर्भयबिना भय केअव्ययीभाव
भरपेटपेट भर करअव्ययीभाव
बेकामबिना काम काअव्ययीभाव
याज्जीवनजब तक जीवन हैअव्ययीभाव
बेशर्मबिना शर्म केअव्ययीभाव
प्रत्यंगअंग अंगअव्ययीभाव
नीलकमलनीला है कमल जोकर्मधारय
महात्मामहान है आत्मा जोकर्मधारय
महापुरुषमहान है पुरुष जोकर्मधारय
पीताम्बरपीत है अम्बर जोकर्मधारय
महर्षिमहान है ऋषि जोकर्मधारय
परमेश्वरपरम है ईश्वर जोकर्मधारय
नीलाकाशनीला है आकाश जोकर्मधारय
नराधम अधम है नर जोकर्मधारय
सत्संगतिसज्जनों की संगतिकर्मधारय
श्वेतपत्रश्वेत है पत्र जोकर्मधारय
चरमसीमासीमा का चरमकर्मधारय
त्रिलोकतीन लोकों का समाहारद्विगु समास
चतुर्वर्णचार वर्णों का समाहारद्विगु समास
पंचवटीपांच वृक्षों का समूहद्विगु समास
षट्कोणछः कोनों वालाद्विगु समास
सप्ताहसात दिनों का समूहद्विगु समास
अष्टसिद्धिआठ सिद्धियांद्विगु समास
सप्तशतीसात सौ पदों का समूहद्विगु समास
अषंटपदीआठ पदों का समाहारद्विगु समास
रात दिनरात और दिनद्वंद्व समास
पाप पुण्यपार और पुण्यद्वंद्व समास
सीता रामसीता और रामद्वंद्व समास
लव कुशलव और कुशद्वंद्व समास
घास कूड़ाघास और कूड़ाद्वंद्व समास
माता पितामाता और पिताद्वंद्व समास
धनुर्बाणधनुष और बाणद्वंद्व समास
भेंड़ बकरीभेंड़ और बकरीद्वंद्व समास
दाल रोटीदाल और रोटीद्वंद्व समास
भला बुराभला और बुराद्वंद्व समास
ऊँचा नीचाऊँचा और नीचाद्वंद्व समास
कीड़े मकौड़ेकीड़े और मकौड़ेद्वंद्व समास
राधाकृष्णराधा और कृष्णद्वंद्व समास
दशाननदश हैं आनन(सर) जिसकेबहुब्रीहि
गजाननगज के आनन वालाबहुब्रीहि
लम्बोदरलम्बा है उदर जिसकाबहुब्रीहि
दिगम्बरदिशा ही हैं अम्बर जिसकीबहुब्रीहि
घनश्यामघन के समान श्यामबहुब्रीहि
त्रिनेत्रतीन नेत्रों वालेबहुब्रीहि
जलजजल में जन्म लेने वालाबहुब्रीहि
चतुर्भुजचार हैं भुजाएं जिनकीबहुब्रीहि
नीलकंठनीले कंठ वालेबहुब्रीहि
षडाननछः हैं मुख जिनके अर्थात् कार्तिकेयबहुब्रीहि
धर्म - अर्थधर्म और अर्थद्वंद्व समास
राम - लक्ष्मणराम और लक्ष्मणद्वंद्व समास
कन्दमूलफलकन्द और मूल और फलद्वंद्व समास
नर नारीनर और नारीद्वंद्व समास
राजा - रानीराजा और रानीद्वंद्व समास
धर्माधर्मधर्म और अधर्मद्वंद्व समास
ईशकृष्णईश और कृष्णद्वंद्व समास
शुभाशुभशुभ और अशुभद्वंद्व समास
पथ्यापध्यपथ्य और अपथ्यद्वंद्व समास
चरारचरचर और अचरद्वंद्व समास
जीवन - मरणजीवन और मरणद्वंद्व समास
पाणिपादपाणि और पादद्वंद्व समास
मुखनासिकामुख और नासिकाद्वंद्व समास
अहिनकुलअहि और नकुलद्वंद्व समास
सत्यासत्यसत्य और असत्यद्वंद्व समास
पशु - पक्षीपशु और पक्षीद्वंद्व समास
सुरासुरसुर और असुरद्वंद्व समास
शेषाशेषशेष और अशेषद्वंद्व समास
उत्तर दक्षिणउत्तर और दक्षिणद्वंद्व समास
पञ्चगव्यपाँच गायों का समूहद्विगु समास
पञ्चपात्रपाँच पात्रों का समूहद्विगु समास
दुथारीदो धार वालीद्विगु समास
त्रिदेवतीन देवोंं का समूहद्विगु समास
त्रिकोणतीन कोणों का समूहद्विगु समास
त्रिशूलतीन काँटों का समूहद्विगु समास
पञ्चमुखपाँच मुखों का समूहद्विगु समास
द्विचक्रीदो चक्रों वालाद्विगु समास
चौराहाचार राहों का समूहद्विगु समास
चतुष्पादचार पैरों वालाद्विगु समास
त्रिभुजतीन भुजाओं का समूहद्विगु समास
चारपाईचार पायों का समूहद्विगु समास
त्रिभुवनतीन भुवन/लोक का समूहद्विगु समास
दशावतारदश अवतारों का समूहद्विगु समास
अष्टध्यायीआठ अध्यायों का समूहद्विगु समास
दशाब्ददश अब्द/वर्षद्विगु समास
चौमासा चार मासों का समूहद्विगु समास
चतुर्युगचार युगों का समूहद्विगु समास
सप्तद्वीपसात द्वीपों का समूहद्विगु समास
अष्टावक्रआठ वक्रों का समूहद्विगु समास
नवरात्रनौ रात्रियों का समूहद्विगु समास
शताब्दीशत/सौ अब्दी/वर्ष का समूहद्विगु समास
कृष्णसर्पकाला सर्पकर्मधारय
विद्याधनविद्यारूपी धनकर्मधारय
मुखकमलमुखरूपी कमलकर्मधारय
स्वर्ण कलशसोने का कलशकर्मधारय
महाकिवमहान है कवि जोकर्मधारय
नीलाम्बुजनीला अम्बुज/कमलकर्मधारय
नीलगगननीला है गगन जोकर्मधारय
रक्तवस्त्रलाल वस्त्रकर्मधारय
महावीरमहान है वीर जोकर्मधारय
श्वेताम्बरश्वेत अम्बर/वस्त्रकर्मधारय
महाजनमहान है जो जनकर्मधारय
महामानवमहान है मानव जोकर्मधारय
नोलीत्पलनीला उत्पल/कमलकर्मधारय
घनश्यामघन के समान काले श्यामकर्मधारय
रक्त वर्णलाल वर्ण/रंगकर्मधारय
नीलाश्वनीला घोड़ाकर्मधारय
श्वेतकमलसफेल कमलकर्मधारय
श्रेष्ठपुरुषश्रेष्ठ है पुरुष जोकर्मधारय
पीतकमलपीला कमलकर्मधारय
पीतवसनपीला अम्बर/वस्त्रकर्मधारय
विशालाक्षविशाल आँखों वालाकर्मधारय
सज्जनसदाचारी जनकर्मधारय
महात्मामहान आत्माकर्मधारय
पीतपृष्ठपीला पृष्ठकर्मधारय
रक्ताम्बरलाल अम्बर/वस्त्रकर्मधारय
चंद्रमुखचांद के समान मुखकर्मधारय
कुमाताबुरी माकर्मधारय
महाधनमहान है जो धनकर्मधारय
नीलाम्बरनीला वस्त्रकर्मधारय
पुरुषव्याघ्रपुरुषरूपी व्याघ्रकर्मधारय
पीताम्बरपीले हैं वस्त्र जिसकेबहुब्रीहि
चंद्रशेखरचंद्रमा है शिखर पर जिनकेबहुब्रीहि
चक्रपाणिचक्र है पाणि/हाथ में जिनकेबहुब्रीहि
चक्रपाणिचक्र है पाणि/हाथ में जिनकेबहुब्रीहि
लम्बकर्णलंबे हैं कान जिसकेबहुब्रीहि
चतुराननचार आनन/रस हैं जिसकेबहुब्रीहि
सभार्यभार्या/स्त्री के साथबहुब्रीहि
मीनाक्षीमीन/मछली के समान आँखों वालीबहुब्रीहि
सार्जुनअर्जुन के साथबहुब्रीहि
सकलकलाओं से युक्तबहुब्रीहि
चंद्रमुखीचांद के समान मुख वालीबहुब्रीहि
यशपाणियश है पाणि/हाथ में जिनकेबहुब्रीहि
चंद्रचूड़चंद्र है चूड़ पर जिनकेबहुब्रीहि
लम्बकेशीलंबे हैं केश जिसकेबहुब्रीहि
गदाहस्तगदा है हाथों में जिनकेबहुब्रीहि
यशोधनयश है धन जिसकाबहुब्रीहि
जितेंद्रियइंद्रियों को जीतने वालाबहुब्रीहि
धनुष्पाणिधनुष है पाणि/हाथ में जनकेबहुब्रीहि
विषधरविष को धारण करने वालाबहुब्रीहि
सानुजअनुज के सहितबहुब्रीहि
सपत्नीकपत्नी के सहितबहुब्रीहि
सपुत्रपुत्र के सहितबहुब्रीहि
सकुटुम्बकुटुम्ब के सहितबहुब्रीहि
यथेच्छाइच्छा के अनुसारअव्ययीभाव
उपगंगागंगा के समीपअव्ययीभाव
उपतटतट के समीपअव्ययीभाव
प्रत्येकहर एकअव्ययीभाव
निर्जनलोगों का अभावअव्ययीभाव
अधिगृहघर परअव्ययीभाव
अधिहरिहरि के विषय मेंअव्ययीभाव
सहरिहरि के सदृश्यअव्ययीभाव
अधिगिरिदिरि परअव्ययीभाव
निर्मक्षिकमक्खियों से रहितअव्ययीभाव
अनुदिनदिन के बादअव्ययीभाव
निर्धनधन से रहितअव्ययीभाव
आसमुद्रजहां तक समुद्र होअव्ययीभाव
अतिहिमहिम की अतिअव्ययीभाव
प्रत्यक्षआँखों के सामनेअव्ययीभाव
निर्मशकमच्छरों से वियुक्तअव्ययीभाव
उपतीर्थतीर्थ के समीपअव्ययीभाव
अनुविष्णुविष्णु के पीछेअव्ययीभाव
आजन्मजन्म से लेकरअव्ययीभाव
सुमद्रमद्र देश की समृद्धिअव्ययीभाव
भयप्राप्तभह को प्राप्ततत्पुरुष
धनप्राप्तधन को प्राप्ततत्पुरुष
हरित्रातहरि द्वारा रक्षिततत्पुरुष
विद्याशून्यविद्या से शून्यतत्पुरुष
ज्ञानशून्यज्ञान से शून्यतत्पुरुष
दुखातीतदुख से परेतत्पुरुष
शरणागतशरण में आया हुआतत्पुरुष
सुखयुक्तसुख से युक्ततत्पुरुष
विनयशून्यविनय से शून्यतत्पुरुष
मदमत्तमद से मत्ततत्पुरुष
विस्मयापन्नविस्मय को प्राप्ततत्पुरुष
बाणविद्धबांण से वेधा हुआतत्पुरुष
पुत्रहितपुत्र के लिए हिततत्पुरुष
ज्ञानलोभज्ञान के लिए लोभतत्पुरुष
धनलोभधन के लिए लोभतत्पुरुष
सत्याग्रहसत्य के लिए आग्रहतत्पुरुष
सुखोपविष्टसुख से उपविष्टतत्पुरुष
गुणहीनगुणों से हीनतत्पुरुष
धनहीनधन से हीनतत्पुरुष
पदलोभपद के लिए लोभतत्पुरुष
मूर्तिपूजामूर्ति की पूजातत्पुरुष
राजगृहराजा का घरतत्पुरुष
देशनिर्वासितदेश से निर्वासिततत्पुरुष
राजपुरुषराजा का पुरुषतत्पुरुष
नरपतिनरों का पतितत्पुरुष
गोहितगायों के लिए हितकरतत्पुरुष
देवमंदिरदेवताओं का मंदिरतत्पुरुष
मतिभ्रममति का भ्रमतत्पुरुष
राजभयराजा से भयतत्पुरुष
चौरभयचोरों से भयतत्पुरुष
राज्यच्युतराज्य से च्युततत्पुरुष
रोगमुक्तरोग से मुक्ततत्पुरुष
भूतबलिप्राणियों के लिए बलितत्पुरुष
सुखभोगसुख का भोगतत्पुरुष
देवपूजादेव की पूजातत्पुरुष
राजनीतिराजा की नीतितत्पुरुष
निशावसानरात की समाप्तितत्पुरुष
आचारनिपुणआचरण में निपुणतत्पुरुष
शास्त्रनिपुणशास्त्रों में निपुणतत्पुरुष
आम्रवृक्षआम का पेंड़तत्पुरुष
राजपुत्रराजा का पुत्रतत्पुरुष
पुत्रलाभपुत्र का लाभतत्पुरुष
अध्ययनकुशलअध्ययन में कुशलतत्पुरुष
कार्यदक्षकार्य में दक्षतत्पुरुष
ईश्वरभक्तिईश्वर की भक्तितत्पुरुष
युद्धनिपुणयुद्ध में निपुणतत्पुरुष
कार्यकुशलकार्य में कुशलतत्पुरुष
भूतपूर्वपहले हुआ
भूतार्थपहले की बात
दिनानुदिनदिन के बाद दिनअव्ययीभाव
उपकूलअव्ययीभावअव्ययीभाव
समक्षअक्षि के सामनेअव्ययीभाव
निधड़कबिना घड़क केअव्ययीभाव
बखूबीखूबी के साथअव्ययीभाव
बेलागबिना लाग काअव्ययीभाव
अपादमस्तकपाद (पैर) से मस्तक तकअव्ययीभाव
प्रत्युपकारउपकार के प्रतिअव्ययीभाव
बेफायदाबिना फायदे केअव्ययीभाव
बेखटकेबिना खटके केअव्ययीभाव
बेरहमबिना रहम केअव्ययीभाव
पाकिटमारपाकिट मारने वालातत्पुरुष (कर्म)
चिड़ीमारचिड़ियों को मारने वालातत्पुरुष (कर्म)
गिरहकटगिरह को काटने वालातत्पुरुष (कर्म)
मुँहतोड़मुँह को तोड़ने वालातत्पुरुष (कर्म)
जलसिक्तजल से सिक्ततत्पुरुष (करण)
रसभरारस से भरातत्पुरुष (करण)
मदमातामद से मातातत्पुरुष (करण)
मेखाच्छन्नमेघ से आछन्नतत्पुरुष (करण)
रोगपीड़ितरोग से पीड़िततत्पुरुष (करण)
रोगग्रस्तरोग से ग्रस्ततत्पुरुष (करण)
मुँहमाँगामुँह से माँगातत्पुरुष (करण)
दुःखार्तदुख से आर्ततत्पुरुष (करण)
मदान्धमद से अन्धतत्पुरुष (करण)
देहचोरदेह से चोरतत्पुरुष (करण)
श्रमजीवीश्रम से जीने वालातत्पुरुष (करण)
मुँहचोरमुँह से चोरतत्पुरुष (करण)
कामचोरकाम से जी चुरानातत्पुरुष (करण)
पददलितपद से दलिततत्पुरुष (करण)
तुलसीकृततुलसी द्वारा कृततत्पुरुष (करण)
दुःखसन्तप्तदुःक से सन्तप्ततत्पुरुष (करण)
शोकाकुलशोक से आकुलतत्पुरुष (करण)
करुणापूर्णकरुणा से पूर्णतत्पुरुष (करण)
शोकार्तशोक से आर्ततत्पुरुष (करण)
शोकग्रस्तशोक से ग्रस्ततत्पुरुष (करण)
अकालपीड़ितअकाल से पीड़िततत्पुरुष (करण)
सरोईघररसोई के लिए घरतत्पुरुष (सम्प्रदान)
मार्गव्ययमार्ग के लिए व्ययतत्पुरुष (सम्प्रदान)
स्नानघरस्नान के लिए घरतत्पुरुष (सम्प्रदान)
डाकमहसूलडाक के लिए महसूलतत्पुरुष (सम्प्रदान)
साधुदक्षिणासाधु के लिए दक्षिणातत्पुरुष (सम्प्रदान)
पुत्रशोकपुत्र के लिए शोकतत्पुरुष (सम्प्रदान)
ब्राह्मणदेयब्राह्मण के लिए देयतत्पुरुष (सम्प्रदान)
स्थानभ्रष्टस्थान से भ्रष्टतत्पुरुष (अपादान)
मायारिक्तमाया से रिक्ततत्पुरुष (अपादान)
शक्तिहीनशक्ति से हीनतत्पुरुष (अपादान)
मरणोत्तरमरण के बादतत्पुरुष (अपादान)
धर्मच्युतधर्म से च्युततत्पुरुष (अपादान)
धर्मविमुखधर्म से विमुखतत्पुरुष (अपादान)
व्ययमुक्तव्यय से मुक्ततत्पुरुष (अपादान)
जलरिक्तजल से रिक्ततत्पुरुष (अपादान)
रामायणराम का अयनतत्पुरुष (सम्बन्ध)
त्रिपुरारित्रिपुर का अरितत्पुरुष (सम्बन्ध)
रामोपासकराम का उपासकतत्पुरुष (सम्बन्ध)
अन्नदानअन्न का दानतत्पुरुष (सम्बन्ध)
खरारिखर का अरितत्पुरुष (सम्बन्ध)
आनन्दाश्रमआनन्द का आश्रमतत्पुरुष (सम्बन्ध)
चन्द्रोदयचन्द्र का उदयतत्पुरुष (सम्बन्ध)
देशसेवादेश की सेवातत्पुरुष (सम्बन्ध)
हिमालयहिम का आलयतत्पुरुष (सम्बन्ध)
पुस्तकालयपुस्तक का आलयतत्पुरुष (सम्बन्ध)
राष्ट्रपतिराष्ट्र का पतितत्पुरुष (सम्बन्ध)
विद्यासागरविद्या का सागरतत्पुरुष (सम्बन्ध)
सभापतिसभा का पतितत्पुरुष (सम्बन्ध)
राजदरबारराजा का दरबारतत्पुरुष (सम्बन्ध)
अमरसआम का रसतत्पुरुष (सम्बन्ध)
गुरुसेवागुरु की सेवातत्पुरुष (सम्बन्ध)
मृगछौनामृग का छौनातत्पुरुष (सम्बन्ध)
सेनानायकसेना का नायकतत्पुरुष (सम्बन्ध)
पुरुषसिंहपुरुषों में सिंहतत्पुरुष (अधिकरण)
मुनिश्रेष्ठमुनियों में श्रेष्ठतत्पुरुष (अधिकरण)
रणसूररण में सूरतत्पुरुष (अधिकरण)
ध्यानमग्नध्यान में मग्नतत्पुरुष (अधिकरण)
हरफनमौलाहर फन में मौलातत्पुरुष (अधिकरण)
नरोत्तमनरों में उत्तमतत्पुरुष (अधिकरण)
दानवीरदान में वीरतत्पुरुष (अधिकरण)
सन्मार्गसत् मार्गकर्मधारय
नीलोत्पलनील उत्पलकर्मधारय
कदन्नकुत्सित अन्नकर्मधारय
कापुरुषकुत्सित पुरुषकर्मधारय
छुटभैयाछोटे भैयाकर्मधारय
नवयुवकनव युवककर्मधारय
सदभावनासत् भावनाकर्मधारय
वीरबालावीर बालाकर्मधारय
महाकाव्यमहान् काव्यकर्मधारय
वायसदम्पतिवायस है जो दम्पतिकर्मधारय
कुमारश्रमणासंन्यास ग्रहण की हुई कुमारीकर्मधारय
श्यामसुन्दरश्याम जो सुंदर हैंकर्मधारय
मदनमनोहरमदन जो मनोहर हैंकर्मधारय
जनकखोतिहरजनक खेतिहरकर्मधारय
शीतोष्णशीत उष्णकर्मधारय
कृताकृतकिया बेकियाकर्मधारय
कहनी अनकहनीकहना न कहनाकर्मधारय
नीतपीतनीला पीलाकर्मधारय
लौहपुरुषलोहो के समान पुरुषकर्मधारय
विद्युच्चंचलाविद्युत जैसी चंचलकर्मधारय
घनश्यामघन जैसा श्यामकर्मधारय
शैलोन्नतशैल के समान उन्नतकर्मधारय
कुसमुकोमलकुसुम के समान कोमलकर्मधारय
विद्युद्वेगविद्युत के समान वेगकर्मधारय
चरण कमलचरण कमल के समानकर्मधारय
पदपंकजपंकज के समान पदकर्मधारय
अधरपल्लवपल्लव के समान अधरकर्मधारय
नररत्नरत्न के समान नरकर्मधारय
मुखचन्द्रचन्द्र के समान मुखकर्मधारय
मुखचंद्रमुख ही चन्द्ररूपक ककर्मधारय
स्त्रीरत्नस्त्री ही रत्नरूपक ककर्मधारय
पुत्ररत्नपुत्र ही रत्नरूपक ककर्मधारय
भाष्याब्धिभाष्य ही है अब्धिरूपक ककर्मधारय
पुरुषरत्नपुरुष ही है रत्नरूपक ककर्मधारय
विद्यारत्नविद्या ही है रत्नरूपक ककर्मधारय
त्रिकालतीनो कालों का समाहारद्विगु
चवन्नीचार आनों का समाहारद्विगु
त्रिपादतीन पादों का समाहारद्विगु
पसेरीपाँच सेरों का समाहारद्विगु
नवग्रहनौ ग्रहों का समाहारद्विगु
त्रिगुणतीन गुणों का समाहारद्विगु
चतुर्वेदचार वेदों का समाहारद्विगु
पंचपात्रपाँच पात्रों का समाहारद्विगु
सतसईसात सौ का समाहारद्विगु
नवरत्ननौ रत्नों का समाहारद्विगु
दुअन्नीदो आनो का समाहारद्विगु
त्रिफलातीन फलों का समाहारद्विगु
षट् रसछः रसों का समाहारद्विगु
दुपहरदूसरा पहरद्विगु
शतांशशत अंशद्विगु
पँचहत्थड़पाँच हत्थड़ (हैंडेल)द्विगु
दुधारीदो धारों वालीद्विगु
दुसूतीदो सूतों वालीद्विगु
पंचप्रमाणपाँच प्रमाणद्विगु
मिठबोलामीठी है बोली जिसकीबहुब्रीहि
सहस्त्राननअहस्त्र (1000) हैं आनन जिसकेबहुब्रीहि
सहस्त्रकरसहस्त्र हैं कर जिसकेबहुब्रीहि
शांतिप्रियशांति है प्रिय जिसकोबहुब्रीहि
वज्रायुधवज्र है आयुध जिसकाबहुब्रीहि
प्राप्तोदकप्राप्त है उदक जिसकाबहुब्रीहि
सतखण्डासात हैं खंड जिसमेंबहुब्रीहि
दत्तभोजनदत्त है भोजन जिसेबहुब्रीहि
नेकनामनेक है नाम जिसकाबहुब्रीहि
वज्रदेहवज्र है देह जिसकीबहुब्रीहि
चन्द्रवदनचन्द्र के समान वदन वालीबहुब्रीहि
वीणापाणिवीणा है पाणि में जिनकेबहुब्रीहि
चन्द्रभालचन्द्र है भाल पर जिसकेबहुब्रीहि
शूलपाणिशूल हा पाणि में जिनकेबहुब्रीहि
सदेहदेह के साथ है जोबहुब्रीहि
सचेतचेतना के साथ है जोबहुब्रीहि
सबलबल के साथ है जोबहुब्रीहि
सपरिवारपरिवार सहितबहुब्रीहि
बाताबातीबातबात से हुई लड़ाईबहुब्रीहि
डण्डाडण्डीडण्डे डण्डे से हुई लड़ाईबहुब्रीहि
लाठालाठीलाठी लाठी से जो हुई लड़ाईबहुब्रीहि
मुक्कामुक्कीमुक्के मुक्के से जो हुई लड़ाईबहुब्रीहि
बेरहमनहीं है रहम जिसमेंबहुब्रीहि
हरिशंकरहरि और शंकरद्वन्द्व
भाईबहनभाई और बहनद्वन्द्व
देशविदेशदेश और विदेशद्वन्द्व
दालभातदाल और भातद्वन्द्व
धर्माधर्मधर्म या अधर्मद्वन्द्व
देवासुरदेव और असुरद्वन्द्व
गौरीशंकरगौरी और शंकरद्वन्द्व
लेनदेनलेन और देनद्वन्द्व
लाभालाभलाभ या अलाभद्वन्द्व
कपड़ा लत्ताकपड़ा लत्ता वगरहद्वन्द्व
रुपया पैसारुपया पैसा वगरहद्वन्द्व
ठण्डा गरमठण्डा या गर्मद्वन्द्व
नाक काननाक और कानद्वन्द्व
घर द्वारघर द्वार वगरहद्वन्द्व
नहाया धोयानहाना धोना आदिद्वन्द्व
घर आँगनघर आँगन वगैरहद्वन्द्व
शिवपार्वतीशिव और पार्वतीद्वन्द्व

अव्ययीभाव समास के उदाहरण –

यथार्थ, यथारुचि, यथाशक्ति, यथासम्भव, यथाविधि, यथाशीघ्र, प्रतिदिन, भरपेट, प्रत्यंग, दिनानुदिन, व्यर्थ, यावज्जीवन, अपादमस्तक, आजन्म, आमरण, समक्ष, परोक्ष, प्रत्यंग, प्रत्युपकार, निर्भय, उपकूल, बखूबी, निधड़क, मनमाना, बेकाम, बेलाग, बेफायदा, बेखटके, बेलगाम, बेरहम।

तत्पुरुष समास के उदाहरण –

गगनचुम्बी, रसोईघर, स्नानघर, मनोहर, स्वर्गप्राप्त, प्रेमरिक्त, प्रेमसिक्त, प्रेमोपासक, पापमुक्त, विधानसभा, सभाभवन, राजभवन, राजमाता, राष्ट्रपति, विद्यालय, स्नानगृह, पदच्युत, नराधम, वनवास, बलहीन, श्रमसाध्य, श्रमजीवी, सूर्योदय, गृहकार्य, त्रिपुरारि, शोकग्रस्त, देशभक्ति, लोकहितकारी, लोकोत्तर, पुरुषोत्तम, मदशून्य, माखनचोर, गृहागत, गंगाजल, दण्डपीड़ित, कविश्रेष्ठ, दुःखार्त, गोशाला, मालगोदाम, नरश्रेष्ठ, जलमग्न, सर्वोत्तम, आपबीती, शिक्षालय, देवालय, पथभ्रष्ट, पदभ्रष्ट, ऋणमुक्त, गृहप्रवेश, रणशूर, क्षत्रियाधम, मेघाच्छन्न, रसभरा, रोगग्रस्त, रोगपीड़ित, मुँहमांगा, मदान्ध, दोहचोर, शास्त्रप्रवीण, नगरसेठ, आत्मनिर्भर, आनन्दमय, पतितोद्धार, समाजोद्धार, दूरागत, पृक्षपतित, गुरुसेवा, सेनानायक, राजपुत्र, पुस्तकालय, मृगछौना, राजदरबार, सभापति, विद्यासागर, देशसेवा, पददलित, शोकाकुल, शोकग्रस्त, शोकार्त, तुलसीकृत, अकालपीड़ित, करुणापूर्ण, चन्द्रोदय, अमरस, पुरुषोत्तम, विदेशागत, जन्मरोगी, जलधारा, मार्गव्य, चन्द्रप्रकाश, ईश्वरविमुख, शरणागत, आनन्दमग्न, आत्मनिर्भर, लोकोत्तर, स्थानच्युत, ग्रामगत, कठखोदवा, प्रकाशयुक्त, बाणाहत।

रेखांकित, भावपूर्ण, हस्तलिखित, नेत्रहीन, पददलित, रोगपीड़ित, शोकग्रस्त, जलसिक्त, बालामृत, युद्धभूमि, राहखर्च, गुरुदक्षिणा, हवनसामग्री, शिवार्पण, देशनिकाला, त्रिपुरारि, श्रमदान, वीरकन्या, चरित्रचित्रण, ग्रामोद्धार, पाकिटमार, चिड़ीमार, गिरहकट, मुँहतोड़, शरणागत, शास्त्रप्रवीण, मुनिश्रेष्ठ, हरफनमौला, दानवीर, ध्यानमग्न, सेनानायक, गुरुसेवा, डाकमहसूल, साधुदक्षिणा, पुत्रशोक,  ब्राह्मणदेय, राहखर्च, गोशाला, देवालय, नेत्रहीन, शक्तिहीन, व्ययमुक्त, धर्मविमुख, मरणोपरांत, स्थानच्युत, ईश्वरविमुख, स्थानभ्रष्ट, मायारिक्त, धनहीन, अन्नदान, आनन्दाश्रम, रामायण, रामोपासक।

कर्मधारय समास के उदाहरण –

नीलाम्बर, नीलकमल, नीलोत्पल, नीलाकाश, पीताम्बर, पीतसागर, चरणकमल, घनश्याम, परमेश्वर, नराधम, महर्षि, चरमसीमा, श्वेतपत्र, सन्मार्ग, महात्मा, महापुरुष, महाकाव्य, महौषध, महावीर, सत्संगति, नवयुवक, सद्भावना, छुटभैया, कापुरुष, कदन्न, सज्जन, वीरबाला, कुमारश्रमणा, श्यामसुन्दर, मदनमोहन, नीलपीत, कृताकृत, शीतोष्ण, आम्रवृक्ष, विद्युद्वेग, शैलोन्नत, लौहपुरुष, विद्युच्चंचला, शैलोन्नत, कुसुमकोमल, नररत्न, मुखचन्द्र, नरसिंह, पदपंकज, अधरपल्लव, विद्यारत्न, भाष्याब्धि, मुखचन्द्र, स्त्रीरत्न, पुत्ररत्न।

द्विगु समास के उदाहरण –

दुअन्नी, दुधारी, दुपहर, त्रिभुवन, त्रिकाल, त्रिफला, त्रिपाद, त्रिगुण, त्रियुगी, चवन्नी, चतुर्वर्ण, चतुर्वेद, चौराहा, पंचवटी, पंचपात्र, पंचरत्न, पसेरी, पंचप्रमाण, षट्कोण, षट्रस, सतसई, शतांश, सप्ताह, अष्टसिद्धि, अष्टपदी, अष्टाध्यायी, नवरत्न, नवग्रह।

बहुब्रीहि समास के उदाहरण –

नीलकण्ठ, दशानन, चतुरानन, लम्बोदर, गजानन, पीताम्बर, चतुर्भुज, दिगम्बर, विश्वामित्र, घनश्याम, वीणापाण, चक्रपाणि, खङ्गपाणि, चन्द्रशेखर, गिरिधर, सहस्त्राक्ष, जलज, त्रिनेत्र, षडानन।

द्वंद्व समास के उदाहरण –

धर्माधर्म, रामलक्ष्मण, सीताराम, राधाकृष्ण, दालरोटी, पापपुण्य, घासकूड़ा, कीड़ेमकौड़े, शिवपार्वती, धनुर्बाण, हरिशंकर, रामकृष्ण, मातापिता, पितरौ, लवकुश, भेड़बकरी, ऊंचनीच, भलाबुरा, रातदिन।

– समास के भेद व उदाहरण लेख समाप्त।

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