महात्मा गाँधी

  • महात्मा गाँधी का जीवन परिचय‘ शीर्षक के इस लेख में महात्मा गाँधी के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं की जानकारी दी गई है। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी का जन्म 02 अक्टूबर 1869 ई. को गुजरात प्रांत के काठियावाड़ जिले के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। इनकी माता का नाम पुतली बाई था। इनके पिता करमचंद गाँधी (कबा गाँधी) पोरबंदर रियासत के दीवान थे। 13 वर्ष की अवस्था में इनका विवाह कस्तूर बाई (कस्तूरबा) से हो गया। साल 1889-91 तक इन्होंने इंग्लैंड में रहकर बैरिएस्टर की पढ़ाई की। बापस आने पर इन्होंने राजकोट और बम्बई में वकालत शुरु की। 1892 ई. में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय व्यापारी दादा अब्दुल्ला ने अपने मुकदमें की पैरवी के लिए इन्हें आमंत्रित किया।
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दक्षिण अफ्रीका में गाँधी –

महात्मा गांधी की जीवनी

साल 1893 ई. में ये दक्षिण अफ्रीका चले गए। वहाँ जाते ही इन्हें भारतीयों के साथ हो रहे भेदभाव का अनुभव हो गया। जब गाँधी जी डबरन से प्रियोरियो के लिए प्रथम श्रेणी रेल कोच में सफर कर रहे थे। तब रास्ते में ही मेरित्सबर्ग में एक गोरे ने पुलिस की सहायता से इन्हें ट्रेन से उतरवा दिया। गोरे लोग भारतीयों के साथ सफर करना अपना अपमान समझते थे। इसी घटना से गाँधी जी की जीवन यात्रा ने एक नया मोड़ लिया।
1894 ई. में दक्षिण अफ्रीका में ‘नटाल इंडियन कांग्रेस‘ की स्थापना की। यहाँ पर इन्होंने कालेन बाख की मदद से 1910 ई. में ‘टालस्टाय फार्म‘ की स्थापना की। दक्षिण अफ्रीका में ही इन्होंने ‘इंडियन ओपीनियन’ अखबार की शुरुवात की। 1904 ई. में ‘फीनिक्स आश्रम’ की स्थापना की। गाँधी जी ने यहां आंदोलन किया। फलस्वरूप 1914 ई. में दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने अधिकांश काले कानूनों को रद्द कर दिया। अवज्ञा आंदोलन (सत्याग्रह) का पहला प्रयोग गाँधी जी ने साल 1906 ई. में दक्षिण अफ्रीका में ही किया।

एशियाटिक रजिस्ट्रेशन एक्ट –

दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की नीति बहुत ही बर्बर थी। वहाँ हर भारतीय को पंजीकरण प्रमाणपत्र लेना पड़ता था। इसके लिए कर देना पड़ता था और हर वक्त इसे अपने साथ रखना पड़ता था। 1906 ई. में गाँधी जी ने इस एक्ट का विरोध किया। इसके लिए एक शिष्टमंडल इंग्लैंड भेजा। इनके बाद इस अधिनियम को समाप्त कर दिया गया।

गाँधी जी की भारत बापसी –

महात्मा गाँधी की जीवनी

9 जनवरी 1915 ई. को महात्मा गाँधी भारत बापस आए। इस तिथि को भारत में ‘प्रवासी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यहाँ पर ये गोपाल कृष्ण गोखले से मिले और उन्हें अपना राजनीतिक गुरु बना लिया। इस समय प्रथम विश्व युद्ध चल रहा था। गाँधी जी ने ब्रिटिश सरकार का खूब सहयोग किया। इन्होंने लोगों को सेना में भर्ती होने के लिए प्रोत्साहित किया। इसलिए इन्हें भर्ती करने वाला सर्जेंट भी कहा गया। इन्हें लगा कि युद्ध की समाप्ति के बाद अंग्रेज भारत को स्वराज प्रदान कर देगें। 1916 ई. में गाँधी जी ने अहमदाबाद के करीब साबरमती आश्रम की स्थापना की।

चम्पारण सत्याग्रह –

चंपारण सत्याग्रह

बिहार के चम्पारण में किसानों पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध अप्रैल 1917 ई. में गांधी जी ने आन्दोलन चलाया। भारत में गांधी का सत्याग्रह का यह पहला प्रयोग था। इस आंदोलन की वजह थी तिनकठिया पद्यति। किसानों को अपनी भूमि के 3/20 भाग पर नील की खेती करनी पड़ती थी। इसे मालिकों द्वारा तय दामों पर उन्हें बेचना पड़ता था। जर्मनी के रासायनिक नील के आ जाने के बाद देशी नील के कारखाने ठप्प होने लगे। अतः किसान भी तिनकठिया पद्यति से छुटकारा चाहते थे। 1917 ई. में रामकुमार शुक्ल ने गांधी जी को चम्पारण आने के लिए आमंत्रित किया। इसी आंदोलन के दौरान रवींद्रनाथ टैगोर ने गाँधी जी को महात्मा की उपाधि दी। परंतु एन. जी. रंगा ने इन आंदोलन का विरोध किया था।

अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन –

अहमदाबाद की एक टेक्सटाइल मिल के मालिक व मजदूरों के बीच विवाद चल रहा था। यह विवाद प्लेग बोनस को लेकर था। प्लेग की समाप्ति के बाद मालिक इस बोनस को समाप्त करना चाहते थे। परंतु मजदूर इसका विरोध कर रहे थे। क्योंकि प्रथम विश्वयुद्ध के चलते महंगाई बहुत बढ़ गई थी। मामला न्यायालय में पहुंच गया, न्यायाधिकरण ने 35% बोनस देने का निर्णय दिया।

खेड़ा सत्याग्रह (1918 ई.) –

गुजरात के खेड़ा में किसानों की फसल नष्ट हो जाने के बाद भी लगान में छूट नहीं दी गई। गाँधी जी बिट्ठलभाई पटेल के साथ खेड़ा पहुंचे और सत्याग्रह किया। सरकार ने निर्णय दिया कि लगान उन्हीं किसानों से बसूला जाए जो वास्तव में इसे दे सकते हैं।

खिलाफल आंदोलन (1919-22 ई.) –

प्रथम विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन व तुर्की के बीच हुई सेवर्स की संधि से तुर्की के सुल्तान (खलीफा) की खिलाफत समाप्त हो गई। प्रथम विश्व युद्ध में भारतीय मुसलमानों ने ब्रिटेन का साथ दिया था। परंतु अंग्रेजों के इस कार्य से वे क्रुद्ध हो गए। 23 नवंबर 1919 को ‘अखिल भारतीय खिलाफत कमेटी’ का दिल्ली में अधिवेशन हुआ। गाँधी जी को इसका अध्यक्ष चुना गया। इसी के सुझावों पर स्वदेशी अपनाने और खिलाफल की नीति अपनाई गई। डॉ. अंसारी की अध्यक्षता में एक शिष्टमंडल वायसराय से मिलने इंगलैंड गया। इसके बाद मार्च 1920 ई. में एक और शिष्टमंडल शौकत अली व मुहम्मद अली की अध्यक्षता में इंग्लैंड गया। परंतु ये दोनों ही शिष्टमंडल अपने उद्देश्यों में असफल रहे। 20 जून 1920 ई. को इलाहाबाद में हुई एक बैठक में खिलाफल आंदोलन का निर्णय लिया गया।

कलकत्ता का विशेष अधिवेशन –

सितंबर 1920 ई. में लाला लाजपतराज की अध्यक्षता में हुए कलकत्ता विशेष अधिवेशन में असहयोग आंदोलन को स्वीकार किया गया। सी. आर. दास ने असहयोग आंदोलन का सबसे अधिक विरोध किया। इनका विरोध विधानपरिषदों के वहिष्कार को लेकर था।

कांग्रेस का नागपुर अधिवेशन (1920 ई.)

दिसंबर 1920 के कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन में आंदोलन का प्रस्ताव अंतिम रूप से पारित हुआ। इस अधिवेशन की अध्यक्षता सी. वि. राघवाचारियर ने की। इसी समय कांग्रेस के संविधान में संशोधन किया गया। गाँधी जी ने एक वर्ष में आजादी प्राप्त करने की घोषणा की। 1924 ई. में तुर्की में कमालपाशा के नेतृत्व में सरकार बनी और खलीफा के पद को समाप्त कर दिया गया। इसी के साथ खिलाफल आंदोलन भी समाप्त हो गया।

चौरा चौरी काण्ड –

5 फरवरी 1922 को यह घटना गोरखपुर के चौरा चौरी में हुई। जुलूस निकाल रहे किसानों पर गोली चलाए जाने से भीड़ भड़क गई। भीड़ ने थाने में आग लगा दी। इसमें कुल 22 पुलिस वाले मारे गए। गांधी जी ने 12 फरवरी 1922 को बरदोली में कांग्रेस कार्य समिति की एक बैठक बुलाई। इसमें सामूहिक सत्याग्रह और असहयोग आंदोलन को बापस लेने का प्रस्ताव व पारित हुआ। गाँधी जी जानते थे कि सरकार दमनतक्र को तीव्र कर देगी।

गाँधी जी की गिरफ्तारी, मुकदमा व जेल –

10 मार्च 1922 को सरकार द्वारा गाँधी जी को गिरफ्तार कर लिया गया। 18 मार्च 1922 को अहमदाबाद के सेशन कोर्ट में इन पर मुकदमा चला और 6 वर्ष की सजा सुनाई गई। परंतु 5 फरवरी 1924 ई. को बीमार होने के कारण इन्हें रिहा कर दिया गया।

गाँधी दास पैक्ट –

नवंबर 1924 ई. में गाँधी जी, चितरंजन दास, मोतीलाल नेहरु ने एक संयुक्त वक्तव्य दिया। इसे गाँधी-दास पैक्ट के नाम से जाना गया।

गाँधी जी की मृत्यु –

30 जनवरी 1948 ई. को दिल्ली के विड़ला भवन में नाथूराम गोड़ने ने गोली मारकर गाँधी जी की हत्या कर दी।

महात्मा गाँधी जी से संबंधित प्रश्न उत्तर

प्रश्न – गाँधी जी का जन्म कब हुआ ?
उत्तर – 2 अक्टूबर 1869 को
प्रश्न – महात्मा गाँधी जी का जन्म कहाँ पर हुआ था ?
उत्तर – पोरबंदर (गुजरात) में
प्रश्न – गाँधीजी वकालत करने के लिए दक्षिण अफ्रीका कब गए थे ?
उत्तर – 1893 में
प्रश्न – गांधी जी ने पहला सत्याग्रह प्रयोग कब किया किया ?
उत्तर – सितम्बर 1906 में दक्षिण अफ्रीका
प्रश्न – गांधी जी ने पहला सत्याग्रह प्रयोग किसके विरोध में किया ?
उत्तर – ट्रांसवाल में भारतीयों के खिलाफ जारी एशियाई अध्यादेश के विरोध में।
प्रश्न – गांधी जी को पहली बार जेल कब हुई ?
उत्तर – 1908 ई. में
प्रश्न – गांधी जी को पहली बार जेल कहाँ पर हुई ?
उत्तर – दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में
प्रश्न – किस रेलवे स्टेशन पर गाँधी अपमानित कर निकाल दिया गया था ?
उत्तर – पीटरमैरिट्सबर्ग रेलवे स्टेशन (दक्षिण अफ्रीका) पर
प्रश्न – गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका में टॉलस्टाय फार्म की स्थापना कब की ?
उत्तर – 1910 ई. में
प्रश्न – गांधीजी फीनिक्स सेटलमेंट कहाँ शुरू किया था ?
उत्तर – दक्षिण अफ्रीका के डरबन में
प्रश्न – गाँधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में किस साप्ताहिक पत्र की शुरुवात की थी ?
उत्तर – इंडियन ओपिनियन (1904)
प्रश्न – गाँधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में साप्ताहिक पत्र की शुरुवात किस वर्ष की थी ?
उत्तर – 1904 ई. में
प्रश्न – गाँधी जी दक्षिण अफ्रीका से भारत कब लौटे ?
उत्तर – 9 जनवरी 1915 को
प्रश्न – गाँधी जी की अफ्रीका से बापसी की तिथि (9 जनवरी) को प्रति वर्ष किस दिवस के रूप में मनाया जाता है ?
उत्तर – प्रवासी भारतीय दिवस।
प्रश्न – गाँधी जी ने भारत में प्रथम सत्याग्रह का प्रयोग किस वर्ष किया?
उत्तर – 1917 ई. में

गाँधी से संबंधित प्रश्न उत्तर –

प्रश्न – भारत में गांधी जी का प्रथम सत्याग्रह कहाँ हुआ था?
उत्तर – चंपारण में
प्रश्न – चंपारण सत्याग्रह किसके समर्थन में किया गया था ?
उत्तर – इंडिगो श्रमिकों के अधिकार के लिए।
प्रश्न – गांधी की पहली अनशन (भारत में गांधी का दूसरा सत्याग्रह) कहाँ पर हुआ था ?
उत्तर – अहमदाबाद में
प्रश्न -किस घटना के बाद गाँधी जी के कैसर ए हिंद की उपाधि त्याग दी ?
उत्तर – जलियांवाला बाग नरसंहार (1919)
प्रश्न – किस तिथि को खिलाफल दिवस के रूप में मनाया गया ?
उत्तर – 31 अगस्त 1920
प्रश्न -यंग इंडिया और नवजीवन साप्ताहिक का प्रारंभ किस ने किया था ?
उत्तर – महात्मा गांधी
प्रश्न -किस एकमात्र कांग्रेस के अधिवेशन की अध्यक्षता गांधी जी की थी ?
उत्तर – 1924 में बेलगाम में कांग्रेस अधिवेशन की
प्रश्न -1932 में अखिल भारतीय हरिजन समाज किसने शुरू किया था ?
उत्तर – हात्मा गांधी
प्रश्न – वर्धा आश्रम कहाँ स्थित है ?
उत्तर – महाराष्ट्र में
प्रश्न -गांधीजी ने साप्ताहिक हरिजन कब शुरू किया था ?
उत्तर – 1933
प्रश्न – गांधीजी ने सुभाष चंद्र बोस को किस नाम से पुकारा ?
उत्तर – देश-भक्त
प्रश्न -गाँधी जी को अर्द्ध नग्न फ़क़ीर *किस ने कहा ?
उत्तर – विंस्टन चर्चिल
प्रश्न – टैगोर को गुरुदेव का नाम किस ने दिया ?
उत्तर – महात्मा गाँधी ने
प्रश्न -गाँधी जी को महात्मा किसने कहा ?
उत्तर – टैगोर
प्रश्न -गाँधी जी का राजनितिक गुरु कौन था ?
उत्तर – गोपाल कृष्ण गोखले
प्रश्न -गाँधी का अध्यात्मिक गुरु कौन है ?
उत्तर – लियो टॉल्स्टॉय
प्रश्न -गाँधी जी की हत्या कब हुई ?
उत्तर – 30 जनवरी 1948 को नाधुरम विनायक गोडसे
प्रश्न – गाँधी जी ने ‘पोस्ट डेटेड चेक’ किसे कहा ?
उत्तर – क्रिप्स मिशन (1942) को
प्रश्न -गाँधी जी ने ‘हिन्द स्वराज’ का प्रकाशन कब किया ?
उत्तर – 1908 में

महात्मा गाँधी से संबंधित प्रश्न उत्तर

प्रश्न – बाबा बाबा आम्टे को ‘अभय सदक’ ‘Abhay Sadak का ख़िताब किस ने दिया ?
उत्तर – महात्मा गाँधी
प्रश्न – भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में किस अवधि को ‘गांधी युग’ के रूप में माना जाता है ?
उत्तर – 1915 – 1948
प्रश्न -भारत में गांधी जी का तीसरा सत्याग्रह कहाँ था ?
उत्तर – खेड़ा सत्याग्रह
प्रश्न – गांधी की आत्मकथा का असली नाम क्या है ?
उत्तर – सत्य के प्रयोगों
प्रश्न – किस काल को गांधी की आत्मकथा का काल माना जाता है ?
उत्तर – 1869 – 1921
प्रश्न – गांधीजी की आत्मकथा प्रथम बार कब प्रकाशित हुई ?
उत्तर – 1927 (नवजीवन में )
प्रश्न – गाँधी जी ने अपने आत्मकथा किस भाषा में लिखी ?
उत्तर – गुजरती
प्रश्न – गाँधी जी की आत्मकथा का इंग्लिश में अनुवाद किस ने किया था ?
उत्तर महादेव देसज़ी
प्रश्न – सत्याग्रह सभा की स्थापना किसने की थी ?
उत्तर – महात्मा गाँधी ने
प्रश्न – महादेव देसाई के हस्तान्तरण के बाद गाँधी जी का सचिव किसे बनाया गया था ?
उत्तर – प्यारेलाल
प्रश्न – गाँधी जी की अनुयायी मीरा बहन का वास्तविक नाम क्या था ?
उत्तर – मेडेलीन स्लेड
प्रश्न – किस ने गांधी के दांडी मार्च की तुलना श्री राम की लंका पौराणिक यात्रा से की थी ?
उत्तर – मोतीलाल नेहरू
प्रश्न – किसे सीमांत गांधी नाम से जाना जाता है ?
उत्तर – खान अब्दुल गफ्फार खान
प्रश्न – किसे बिहार के गाँधी के रूप में जाना जाता है ?
उत्तर – डॉ राजेन्द्र प्रसाद

गांधी से संबंधित प्रश्न उत्तर –

प्रश्न – आधुनिक गांधी के रूप में किसे जाना जाता है ?
उत्तर – बाबा आम्टे
प्रश्न – श्रीलंका के गांधी के रूप में जाना जाता है ?
उत्तर – ए.टी. अरियाराटने
प्रश्न – अमेरिकन गांधी के रूप में कौन जाना जाता है ?
उत्तर – मार्टिन लूथर किंग
प्रश्न – बर्मी गांधी के रूप में कौन जाना जाता है ?
उत्तर – जनरल आंग सान
प्रश्न – अफ्रीकी गांधी के रूप में किसे जाना जाता है ?
उत्तर – केनेथ कौंडा
प्रश्न – दक्षिण अफ्रीका के गांधी के रूप में जाना जाता है ?
उत्तर – नेल्सन मंडेला
प्रश्न – गाँधी जी ने अपनी पुस्तक हिंद स्वराज कब लिखी ?
उत्तर – 1909 ई. में
प्रश्न – असहयोग आंदोलन का विरोध किसने किया था ?
उत्तर – चितरंजन दास, एनीबेसेंट, जिन्ना, बिपिनचंद्र पाल, जी. एस. खापर्डे।

व्यक्तित्व परिचय (personality introduction)

‘व्यक्तित्व परिचय’ नाम के अपने इस लेख में हम भारत के महान व्यक्तित्वों की सामान्य जानकारी साझा कर रहे हैं। जैसे – उनका जन्मस्थल, जन्मतिथि, कार्य क्षेत्र, मृत्यु इत्यादि।

कबीर दास का व्यक्तित्व परिचय

  • जन्म – सन् 1398 ई. काशी (वाराणसी) में
  • मृत्यु – सन् 1518 ई. में मगहर में

समाज सुधारक संत कवि कबीरदास जी का जन्म साल 1398 ई. में काशी में हुआ था। नीरु व नीमा नाम के एक मुस्लिम जुलाहा दम्पत्ति ने इनका लालन पालन किया। परंतु इन्हें शिक्षा प्राप्ति का अवसर नहीं मिल सका। इनकी पत्नी का नाम लोई था जिससे इनकी दो संतान कमाल और कमाली हुईं। कबीरदास जी ने रामानंद को अपना गुरु बनाया। अपनी कविताओं के माध्यम से इन्होंने धर्म और समाज में व्याप्त कर्मकाण्डों और संकीर्णताओं पर कठोर प्रहार किया। सन् 1518 ई. में इनकी मृत्यु मगहर में हो गई।

बीजक –

कबीरदास जी के शिष्य धर्मदास ने कबीर की रचनाओं का संग्रह बीजक नाम से किया। बीजक तीन भागों – साखी, सबद, रमैनी में विभक्त है। साखी में कबीर की शिक्षाओं व सिद्धांतों का प्रस्तुतीकरण किया गया है। इसमें दोहा छंद का प्रयोग हुआ है। कबीर के गेय पदों का संग्रह सबद है। कबीर दास जी के रहस्यवादी व दार्शनिक विचारों को रमैनी में संकलित किया गया है।

कबीर ग्रंथावली –

बाबू श्यामसुंदर दास ने कबीर दास जी की संपूर्ण रचनाओं का संकलन कबीर ग्रंथावली में किया है। इसे काशी की नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित किया गया है।

अब्दुल कलाम का व्यक्तित्व परिचय

  • जन्म – 15 अक्टूबर 1931
  • पूरा नाम – अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम
  • पिता –  जैनुलाब्दीन
  • माता – अशिअम्मा जैनुलाब्दीन
  • भारत के राष्ट्रपति (11वें) 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक

भारत के पूर्व राष्ट्रपति, महान वैज्ञानिक और बहुमुखी प्रतिभाओं के धनी डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को धनुष्कोडि (रामेश्वरम, तमिलनाडु) में हुआ था। इनका प्रारंभिक जीवन बेहद आर्थिक तंगी से गुजरा। ये आजीवन अविवाहित रहे और देश की सेवा की। 1962 ई. में इन्होंने इसरो को जॉइन किया।

संबंधित पुस्तकें –

  • विंग्स ऑफ फायर : एन ऑटोबायोग्राफी
  • इंडिया 2020 : ए विजन फॉर द् न्यू मिलेनियम
  • इग्नाइटेड माइंड्स : अनलीशिंग द् पॉवर विथिन इंडिया
  • द् ल्यूमिनस स्पार्क्स : ए बायोग्राफी इन वर्स एंड कलर्स
  • स्पिट ऑफ इंडिया
  • टर्निंग पॉइंट
  • टारगेट थ्री बिलियन
  • द् फैमिली एंड द् नेशन

डॉ. भीमराव अम्बेडकर

  • जन्म – 14 अप्रैल 1891 को महू (मध्यप्रदेश) में
  • बचपन का नाम – भिवा
  • पिता – रामजी मालोजी सकपाल
  • माता – भीमाबाई मुरबादकर
  • विदेश जाकर अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट करने वाले पहले भारतीय
  • विशेषताएं – अर्थशास्त्री, विधिवेत्ता, दार्शनिक, वकील, लेखक, पत्रकार, इतिहासविद्, प्रोफेसर, राजनीतिज्ञ।
  • प्रारूप समिति के अध्यक्ष (29 अगस्त 1947 – 24 जनवरी 1950)
  • आजाद भारत के पहले कानून मंत्री (15 अगस्त 1947 – 27 दिसंबर 1951)
  • धर्म परिवर्तन की घोषणा – 13 अक्टूबर 1935 ई.
  • धर्म परिवर्तन – 14 अक्टूबर 1956 को
  • मृत्यु – 6 दिसंबर 1956 को नई दिल्ली में

भारत के महान व्यक्तित्व डॉ. भीमराव अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के महू में हुआ था। बचपन में ही इनकी माता का देहांत हो गया था। इन्हें समाज में व्यापत छुआ छूत का बचपने से ही सामना करना पड़ा। इन्हें प्रारंभिक शिक्षा बड़े ही अपमाजनक तरीके से हासिल हुई।

महात्मा गाँधी का व्यक्तित्व परिचय

  • जन्म – 2 अक्टूबर 1869 को
  • पूरा नाम – मोहनदास करमचंद गाँधी
  • उपनाम -बापू, महात्मा, राष्ट्रपिता
  • पिता – करमचंद गाँधी
  • माता – पुतली बाई
  • भाई बहन – लक्ष्मीदास, करसन दास, रालियातबेन
  • पत्नी – कस्तूरबा गाँधी (कस्तूरबाई माखनजी कपाड़िया)
  • मृत्यु – 30 जनवरी 1948 को

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, जिला-काठियावाड़ (गुजरात) में हुआ था। इनके चार पुत्र हरीलाल, मणिलाल, रामदास, व देवदास थे। 9 जनवरी 1915 को गाँधी जी दक्षिण अफ्रीका से बापस लौटे, इसी दिन को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1916 ई. में इन्होंने अहमदाबाद में साबरमती आश्रम की स्थापना की। साल 1917 के चंपारण सत्याग्रह का नेतृत्व करने के कारण रवींद्रनाथ टैगोर ने इन्हें महात्मा की उपादि दी। इसके बाद साल 1918 में खेड़ा सत्याग्रह और अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन का नेतृत्व किया। इसके बाद खिलाफत आंदोलन (1919-22), असहयोग आंदोलन (1920-22) का नेतृत्व किया।

‘हिंद स्वराज’, व ‘सत्य के साथ प्रयोग’ इनकी प्रमुख पुस्तकें हैं।  1930 में इन्हें टाइम पत्रिका द्वारा पर्सन ऑफ द् ईयर चुना गया। 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिड़ला भवन में नाथूराम गोड़से ने गोली मारक इनकी हत्या कर दी। 15 नवंबर 1949 को गोड़से को फांसी दे दी गई।

अटल बिहारी वाजपेयी

अटल बिहारी वाजपेयी

  • जन्म – 25 दिसंबर 1924
  • पिता – कृष्ण बिहारी
  • माता – कृष्णा देवी
  • प्रधानमंत्री (पहली बार) – 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक
  • दूसरी बार प्रधानमंत्री – 19 मार्च 1998 से 13 अक्टूबर 1999 तक
  • प्रधानमंत्री (तीसरी बार) –  13 अक्टूबर 1999 से 21 मई 2004 तक
  • जनसंघ के अध्यक्ष – 1968 से 1973 तक
  • विदेश मंत्री – 1977 से 1979 तक
  • पद्म विभूषण – 1992 में
  • संसद में विपक्ष के नेता – 1993 में
  • सर्वश्रेष्ठ सांसद का अवार्ड – 1994 में
  • 2005 से राजनीति से पृथक हो गए।
  • भारतरत्न – 2014 में
  • मृत्यु – 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्स में।

भारत के 10 वें प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर (मध्य प्रदेश) में हुआ था। ये आजीवन अविवाहित रहे। 1955 ई. में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा पर सफलता नहीं मिली। पहली बार 1957 में इन्होंने बलरामपुर (गोंडा, उत्तर प्रदेश) से चुनाव जीता। अपने राजनीतक करियर में ये दो बार राज्यसभा सदस्य और 9 बार लोकसभा सदस्य बने। ये उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली व गुजरात से सांसद रह चुके हैं। 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्स में इनकी मृत्यु हो गई। भारत सरकार ने इनके जन्मदिवस 25 दिसंबर को ‘सुशासन दिवस‘ के रूप में मनाने की घोषणा की।

रवींद्रनाथ टैगोर

रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म सन् 1861 ई. में जोड़ासांको (कोलकाता) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम देवेंद्रनाथ टैगोर व माता का नाम शारदा देवी था। इनके पिता व दादा अत्यंत संपन्न थे। ये समाज में बहुत ठाट-बाट से रहते थे। समाज में अधिक सम्मान होने के कारण लोग इन्हें ठाकुर कह कर बुलाते थे। यही ठाकुर शब्द उस काल के अंग्रेजी के प्रभाव में आकर टैगोर बन गया। स्कूली शिक्षा के बाद ये बैरिएस्टर की पढ़ाई के लिए इग्लैंड चले गए। परंतु बैरिएस्टर की डिग्री पूरी किए बिना ही कोलकाता बापस लौट आए।

इन्होंने अपनी पहली कविता मात्र 8 वर्ष की अवस्था में लिखी। साल 1913 में इन्हें साहित्य के नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साहित्य के नोबल से सम्मानित यह प्रथम एशियाई व्यक्ति हैं। 1919 में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड से आहत होकर इन्होंने अपनी नाइटहुड की उपाधि सरकार को बापस कर दी। 7 अगस्त 1941 को इनका देहांत हो गया।

काव्य कृतियां –

गीतांजलि, निरुपमा, रवींद्र संगीत, मानसी, चित्रा, क्षणिका, भारत प्रशस्ति, जन्मकथा, आरोग्य, शेषलेखा, बलाका, पूरबी, नैवेद्य, सोनार तरी।

राष्ट्रगान –

इन्होंने भारत के राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन‘ के साथ साथ बांग्लादेश के राष्ट्रगान ‘आमार शोनार बांग्ला‘ की भी रचना की।

उपन्यास –

घरे बाइरे, गोरा, राजऋषि, आँख की किरकिरी।

नाटक –

चित्रांग्दा, विसर्जन, डाकघर, वाल्मीकि प्रतिभा, गीतिनाट्य, राजा, रुद्रचण्ड।

कहानी –

प्रेम का मूल्य, काबुलीवाला, अपरिचित, समाज का शिकार, भिखारिन, विदा, पिंजर, गूँगी, अनाथ, पत्नी का पत्र, कंचन, अंतिम प्यार से, अनमोल भेंट।

साबित्रीबाई फुले का व्यक्तित्व परिचय

  • जन्म – 3 जनवरी 1831
  • मृत्यु – 10 मार्च 1897

भारत की पहली महिला शिक्षिका और देश के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रधानाध्यापिका साबित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था। 1840 ई. में इनका विवाह महात्मा ज्योतिबा फुले से हुआ। भारतीय इतिहास में बालिका शिक्षा के क्षेत्र में इनके योगदान के लिए इन्हें जाना जाता है। प्रारंभ में देश में बालिका शिक्षा को लेकर इनका जीवन बड़ा ही संघर्षमय रहा। जब ये बालिकाओं को पढ़ाने जाती थीं। तब लोग इनपर पत्थर फेंका करते थे। 1852 ई. में इन्होंने एक बालिका विद्यालय की स्थापना की। इन्होंने देश में पहले किसान स्कूल की स्थापना की। 10 मार्च 1897 को प्लेग के कारण इनकी मृत्यु हो गई।

भारतीय महापुरुषों के समाधि स्थल

  • महात्मा गाँधी – राजघाट (नई दिल्ली)
  • डॉ. भीमराव अम्बेडकर – चैत्य भूमि (मुंबई, महाराष्ट्र)
  • जवाहरलाल नेहरू – शांतिवन
  • इंदिरा गाँधी – शक्ति स्थल
  • लालबहादुर शास्त्री – विजयघाट
  • डॉ. राजेंद्र प्रसाद – महाप्रयाग घाट
  • राजीव गाँधी – वीर भूमि
  • मोरारजी देसाई – अभय घाट
  • चौधरी चरण सिंह – किसान घाट
  • शंकर दयाल शर्मा – कर्म भूमि
  • बाबू जगजीवनराम – समता स्थल
  • ज्ञानी जैलसिंह – एकता स्थल
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