‘प्रमुख व प्रसिद्ध वस्तुएं, स्थल व घटनाएं’ शीर्षक के इस लेख में विश्व भर में प्रचलित प्रमुख वस्तुओं के बारे में प्रमुख जानकारी दी गई है।
कोहिनूर –
कोहिनूर विश्व के बेशकीमती हीरों में से एक है। वर्तमान में यह ब्रिटेन की महारानी के ताज की शोभा बढ़ा रहा है। परंतु यह भारत में एक खान से प्राप्त हुआ था। यह बारंगल की गोलकुंडा खान से प्राप्त हुआ था। तेलंगाना के शासक प्रताप रुद्रदेव ने यह हीरा अलाउद्दीन खिलजी के एक सेनापति मलिक काफूर को दिया था। उसने यह हीरा अलाउद्दीन को और अलाउद्दीन ने यह मुबारक खिलजी को दे दिया। इसके बाद इसका साक्ष्य 1526 ई. का मिलता है। जब ग्वालियर के विक्रमजीत ने यह हुमायूं को सौंपा। हुमायूं ने यह बाबर को दिया। बाबर ने यह हुमायूं को ही दे दिया।
इसके बाद यह हीरा मीर जुमला ने शाहजहाँ को भेंट किया। शाहजहाँ ने इसे तख्त ए ताऊस (मयूर सिंहासन) में जड़वा दिया। 1739 ई. में नादिरशाह ने भारत पर आक्रमण किया और तख्त ए ताऊस सहित कोहिनूर को अपने साथ ईरान ले गया। इसके बाद 1813 ई. में अफगान शासक शाहशुजा ने कोहिनूर पंजाब के शासक रणजीत सिंह को दिया। मार्च 1849 ई. में पंजाब पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया। तब राजा दलीप सिंह ने कोहिनूर ब्रिटेन की महारानी को सौंप दिया।
यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom – UK)
इंग्लैंड, ब्रिटेन और यूनाइटेड किंगडम में क्या फर्क है? इंग्लैंड एक देश है जिसकी राजधानी लंदन है। इंगलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स को संयुक्त रूप से ब्रिटेन कहा जाता है। ब्रिटेन के साथ उत्तरी आयरलैंड को भी मिला लो तो इस ग्रुप को संयुक्त रूप से यूनाइटेट किंगडम कहा जाता है। अर्थात ब्रिटेन मतलब ‘इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स’ का संयुक्त रूप। यूनाइटेड किंगडम मतलब ‘इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स व उत्तरी आयरलैंड’ का संयुक्त रूप।
माउंट एवरेस्ट –
माउंट एवरेस्ट पृथ्वी की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है। इसकी ऊंचाई 8850 मीटर है। यह नेपाल में अवस्थित है। वहां इसे सगरमाथा के नाम से जाना जाता है। साल 1830 से 1843 तक भारत के महासर्वेक्षक रहे जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर इसका नाम माउंट एवरेस्ट पड़ा। इससे पहले इसे चोटी-15 के नाम से जाना जाता था। इसके अतिरिक्त इसे पृथ्वी के तीसरे ध्रुव के नाम से भी जाना जाता है। सर एडमंड हिलेरी व तेनजिंग नोरगे 1953 ई. में एवरेस्ट चोटी पर पहुँचने वाले विश्व के पहले व्यक्ति बने। बछेंद्रीपाल एवरेस्ट पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
जलियांवाला बाग हत्या कांड-
13 अप्रैल 1919 को वायसराय लार्ड चेम्सफोर्ड के समय हुई यह घटना भारत की सबसे दुखद घटनाओं में से एक है। मार्च 1919 ई. में अंग्रेजों ने रौलेट एक्ट पारित किया। इसके तहत अप्रैल 1919 में पंजाब के दो क्रांतिकारियों सैफुद्दीन किचलू व सत्यापल को गिरफ्तार किया। इसी गिरफ्तारी के विरोध में हुए शांतिपूर्ण जुलूस में सरकार ने गोली चलवा दी। इसमें दो लोग मारे गए। फलस्वरूप जुलूस में शामिल लोग उग्र हो गए। लोगों ने सरकारी इमारतें जला दीं साथ ही 5 अंग्रेज भी मारे गए। इसके बाद 13 अप्रैल को जल्ली नामक व्यक्ति की संपत्ति रहे जलियांवाला बाग में एक शांतिपूर्ण सभा की गई। यह सभा हंसराज द्वारा बुलाई गई थी।
इसी दौरान जनरल डायर सैनिकों के साथ यहाँ आ गया। पूर्व सूचना दिए बगैर उसने निहत्थी जनता पर गोली चलाने का आदेश दे दिया। बाग का एक ही प्रवेश द्वारा था जिस पर हधियारबंद सैनिक डटे हुए थे। गोलियों से बचने के लिए कई लोगों ने बाग में स्थित कुएं में छलांग लगा दी। इस हत्याकांड के बाद रवींद्रनाथ टैगोर ने सर व नाइट की उपाधि त्याग दी। शंकर नायर ने वायसराय की कार्यकारिणी परिषद से इस्तीफा दे दिया। हत्याकांड की जांच हेतु सरकार ने ‘हंटर आयोग’ का गठन किया। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में सरकार को इसका दोषी नहीं ठहराया। मार्च 1940 ई. में पंजाब के क्रांतिकारी ऊधमसिंह ने सर माइकल ओ डायर की लंदन जाकर हत्या कर दी। बाग हत्याकांड के समय माइकल ओ डायर ( जनरल डायर से पृथक ) पंजाब का ले. गवर्नर था।
बुर्ज खलीफा (प्रमुख स्थल व वस्तुएं)-
यह विश्व की सबसे ऊंची इमारत है। यह संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के दुबई में अवस्थित है। यह 828 मीटर ऊंची 168 मंजिला इमारत है। इसका निर्माण कार्य 6 जनवरी 2004 को प्रारंभ हुआ था। इसका लोकार्पण 4 जनवरी 2009 को किया गया। इसके अंदर पार्किंग, मॉल, स्विमिग पूल, ऑफिस, सिनेमा, मस्जिद इत्यादि हैं। इसका निर्माण कार्य ‘सैमसंग’ द्वारा किया गया है।
जजिया कर –
मुस्लिम राज्य में रहने वाली गैर मुस्लिम जनता पर लगाया जाने वाला धार्मिक कर था। इसे देकर ही गैर मुस्लिम लोग मुस्लिम राज्य में अपने धर्म का पालन कर सकते थे। भारत में जजिया कर सर्वप्रथम मो. बिन कासिम ने सिंध प्रांत के देवल में लगाया। जजिया कर लगाने वाला दिल्ली का पहला सुल्तान फिरोज तुगलक था। साथ ही ब्राह्मणों पर जजिया लगाने वाला पहला सुल्तान भी फिरोज ही था। इसके बाद लोदी वंश में सिकंदर लोदी ने जजिया कर लगाया।
सिकंदरशाह द्वारा सर्वप्रथम कश्मीर में जजिया कर लगाया गया। इसे इसके पुत्र जैनुलाब्दीन द्वारा समाप्त कर दिया गया। सैय्यद वंश के शासक अहमदशाह के समय गुजरात में जजिया कर लगाया गया। शेरशाह सूरी के समय जजिया को नगर-कर की संज्ञा दी गई। जजिया कर को समाप्त करने वाला पहला मुगल अकबर था। अकबर ने साल 1564 ई. में जजिया को समाप्त किया और 1575 ई. में इसे पुनः लगा दिया। इसके बाद 1579-80 में इसे फिर से हटा दिया। इसके बाद औरंगजेब ने 1679 ई. में जजिया कर लगाया। 1720 ई. में मुहम्मदशाह (रंगीला) ने इस कर को अंतिम रूप से समाप्त कर दिया।
स्वेज नहर (प्रमुख स्थल व वस्तुएं)-
स्वेज नहर मिश्र के सिनाई प्रायद्वीप में अवस्थित है। यह विश्व की सबसे बड़ी कृत्रिम नहर है। इसकी लंबाई 160 कि.मी. और चौंड़ाई 300 मीटर है। यह नहर भूमध्य सागर और लाल सागर को जोड़ती है। स्वेज नहर के उत्तरी सिरे पर पोर्ट सईद और दक्षिणी सिरे पर स्वेज बंदरगाह अवस्थित हैं। साल 1869 ई. में इसे जहाजों की आवाजाही के लिए खोला गया था। यह विश्व की सबसे बड़ी पोतवाहक नहर है। इसके बनने के बाद यूरोप व एशिया के बीच की दूरी बहुत कम हो गई। इससे पूर्व एशिया व यूरोप के बीच आवागमन हेतु अफ्रीका महाद्वीप का चक्कर लगाकर जाना पड़ता था।