आंध्रप्रदेश के राजकीय प्रतीक : पशु, पक्षी, पुष्प, वृक्ष इत्यादि (andhra pradesh ke rajkeey pashu pakshi pushp vriksh ityadi) – 1985 ई. में Indian Board for Wild Life ने सभी राज्यों को अपने राजकीय पशु, पक्षी, वृक्ष, पुष्प इत्यादि घोषित करने को कहा था।
आंध्र प्रदेश के राजकीय पशु, पक्षी, वृक्ष, पुष्प इत्यादि – आंध्र प्रदेश के नए राजकीय चिह्नों की घोषणा 30 मई 2018 को की गई। यह घोषणा राज्य के वर्यावरण, वन, विज्ञान व तकनीक विभाग द्वारा की गई। यह घोषणा राज्य के पुनर्गठन के चार साल बाद की गई है।
- राजकीय पशु – काला हिरण (Blackbuck)
- राज्य पक्षी – रामा चिलुका (Psittacula Krameri) – तोता
- राजकीय वृक्ष – नीम
- पाजकीय पुष्प – चमेली (Jasmine)
आंध्रप्रदेश का राजकीय पशु
काला हिरण या कृष्णा जिंका या Blackbuck
- जगत – जंतु
- संघ – रज्जुकी
- वर्ग – स्तनधारी
- गण – आर्टियोडैकटिया
- कुल – बोविडाए
- उपकुल – ऐंटीलोपिनाए
- वंश – ऐंटीलोप
- जाति – ए. सर्विकापरा
काले हिरण (Black Buck) को भारतीय ऐंटीलोप भी कहा जाता है। यह भारतीय उपमहाद्वीप में पायी जाने वाली ऐंटीलोप की एक प्रजाति है। यह घास के मैदानों व हल्के वनित क्षेत्रों में पाया जाता है। ये ऐसे क्षेत्रों को पसंद करते हैं जहाँ पानी की उपलब्धता हो। मुख्य रूप से यह यह दिन के समय ही सक्रिय रहता है। कंधे तक इसकी ऊँचाई 29-33 इंच होती है। इसके दो ऐंठे हुए सीधे लम्बे सींग होते हैं। नरों पर इन सींगों की लम्बाई 14-30 इंच होती है। इसके होंठ, नाक व आँखों के चारो ओर रिंग बनाए हुए सफेद रंग होता है। इसका पेट और टांगों का भीतरी हिस्सा सफेद होता है। इसका बाकी हिस्सा काला या भूरा होता है।
इनके नर का भार 20 से 57 किलोग्राम तक होता है। वहीं मादा का बजन 20 से 33 किलोग्राम होता है। इनका गर्भकाल 6 माह का होता है। इनका जीवनकाल 10-15 वर्ष का होता है। मूल रूप से ये मृग भारत में पाया जाता है। बांग्लादेश से यह विलुप्त हो चुका है। भारत के बाहर ये अमेरिका और अर्जेंटीना में पाए जाते हैं। भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत ये एक संरक्षित प्रजाति है। इसके शिकार पर पाबंदी लगी हुई है।
आंध्रप्रदेश का राजकीय पक्षी – ‘तोता’
- नाम – रामा चिलुका (Psittacula Krameri) – तोता
- जगत – जंतु
- संघ – कार्डेटा
- कक्षा – एविस
- आर्डर – सिटारिफोर्मेस
- फैमिली – सिटाकुलिडे
- जीनस – सिटाकुला, कुवियर
ये हरे रंग का एशियाई तोता है। जो कि उत्तर भारतीय राज्यों में बहुतायत में पाया जाता है। इसकी चोंच लाल होती है। इसकी गर्दन पर घेरा लिए काली लाइन होती है। इसका बाकी का पूरा शरीर हरे रंग का होता है। ये एशिया के मुख्य भाग के साथ आस्ट्रेलिया में भी पाए जाते हैं। पहले इनकी संख्या बहुत अधिक थी। लेकिन अब ये घटते जा रहे हैं। इसकी अधिकांश प्रजातियाँ द्वीपों पर पायी जाती हैं। ये तोते अपना घर मिट्टी की कच्ची दीवारों में बिल बनाकर बनाते हैं।
आंध्रप्रदेश का राजकीय वृक्ष
- नीम (Azadirachta Indica)
- गण – Sapindales
- कुल – Meliaceae
- वंश – Azadirachta
इसे स्थानीय भाषा में ‘वेपा चेट्टु’ कहा जाता है। यह भारतीय मूल का एक पर्णपाती वृक्ष है। औषधीय दृष्टि से यह अत्यंत महत्वपूर्ण वृक्ष है। इस वृक्ष का हर भाग औषधीय गुणों से परिपूर्ण है। इसकी पतली टहनियों से लोग दांत साफ करते हैं। इसकी छाल त्वरा रोगों में बहुपयोगी सिद्ध होती है। यह भारत के साथ भारतीय उपमहाद्पीय देशों में पाया जाने वाला वृक्ष है। पिछले कुछ समय में यह वृक्ष एशिया महाद्वीप से बाहर भी अपनी जड़ें जमा चुका है।
आंध्रप्रदेश का राजकीय पुष्प ‘चमेली’
- Jasminnum Officinale
यह मुख्य रूप से भारत में पाया जाने वाला पुष्प है। चमेली का मूल स्थान हिमालय का दक्षिणवर्ती क्षेत्र है। यह चैस्मिनम प्रजाति के Oleaceae कुल का फूल है। चमेली का फूल झाड़ी अथवा बेल की जाति से संबंधित है। इसकी लगभग 200 प्रजातियां पायी जाती हैं। ये पौधा सूखे स्थानों पर भी जीवित रह सकता है। साथ ही यह यूरोप के ठंडे क्षेत्रों में भी उगाया जा सकता है। भारत में इसकी खेती 300 मीटर की ऊँचाई वाले क्षेत्रों तक होती है। ये पौधे लगाए जाने के एक साल बाद ही पुष्प देने लगते हैं। इस पौधे के लिए फफूंदी बेहद हानिकार है।
– आंध्रप्रदेश के राजकीय प्रतीक ।