राज्यों का निर्माण : आंध्रप्रदेश, केरल, कर्नाटक, गुजरात व महाराष्ट्र, नागालैंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, छत्तीसगढ़, उत्तराखण्ड, झारखण्ड, तेलंगाना। संविधान सभा ने नवंबर 1947 ई. में न्यायमूर्ति एस.के. धर की अध्यक्षता में भाषायी आयोग का गठन किया। इसने 1948 ई. में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसने सुझाव दिया कि राज्यों का गठन मात्र भाषा के आधार पर ही नहीं किया जाना चाहिए।
आंध्रप्रदेश –
आंध्र राज्य अधिनियम 1953 के तहत मद्रास राज्य से पृथक कर आंध्रप्रदेश राज्य की स्थापना 1 अक्टूबर 1953 को की गई। यह भाषायी आधार पर बनने वाला आजाद भारत का पहला राज्य था। दरअसल मद्रास राज्य के तेलुगू भाषियों ने पोटी श्री रामुल्लू के नेतृत्व में राज्य पृथक्करण के लिए आमरण अनशन कर दिया था। 56 दिन के अनशन के बाद 15 दिसंबर 1952 को रामुल्लू की मृत्यु हो गई थी। इनकी मृत्यु के बाद तात्कालिक प्रधानमंत्री नेहरू जी ने आंध्रप्रदेश के गठन की घोषणा कर दी।
केरल –
राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 द्वारा ट्रावनकोर-कोचीन की जगह केरल राज्य की स्थापना की गई।
कर्नाटक –
राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के तहत तत्कालीन मैसूर राज्य से पृथक कर एक नए राज्य का निर्माण किया गया। इस राज्य को कर्नाटक नाम 1973 में दिया गया।
गुजरात व महाराष्ट्र –
बम्बई पुनर्गठन अधिनियम 1960 के तहत बम्बई का विभाजन कर गुजरात व महाराष्ट्र नामक दो राज्यो की स्थापना की गई। बम्बई के उत्तरी गुजराती भाषी क्षेत्र को गुजरात नाम दिया गया। इसके दक्षिणी मराठी भाषी क्षेत्र को महाराष्ट्र नाम दिया गया। यह विभाजन मराठी व गुजराती भाषियों के बीच संघर्ष के कारण किया गया।
नागालैंड –
नगा आंदोलन के चलते नगालैंड राज्य अधिनियम 1962 के तहत नागालैंड राज्य की स्थापना की गई। इसका निर्माण असम राज्य के कुछ क्षेत्रों का विभाजन कर 1 दिसंबर 1963 को किया गया था।
हरियाणा –
पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के तहत पंजाब के कुछ क्षेत्र को विभाजित कर हरियाणा का गठन किया गया। यह पुनर्गठन पंजाब के हिन्दी भाषी क्षेत्र को अलग कर किया गया।
हिमाचल प्रदेश –
हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम 1970 द्वारा हिमाचल संघ राज्य क्षेत्र को राज्य का दर्जा प्रदान कर दिया गाय।
मेघालय –
23वें संविधान संशोधन अधिनियम 1969 द्वारा मेघालय को असम राज्य के भीतर एक उपराज्य का दर्जा प्रदान किया गया था। पूर्वोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम 1971 के माध्यम से मेघालय को पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया गया।
मणिपुर व त्रिपुरा –
पूर्वोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम 1971 के द्वारा मणिपुर व त्रिपुरा को केंद्रशासित प्रदेश से पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया गया।
सिक्किम –
35वें संविधान संशोधन अधिनियम 1974 के माध्यम से सिक्किम को भारत में सहयुक्त राज्य का दर्जा प्रदान किया गया। इसके बाद 36वें संविधान संशोधन अधिनियम 1975 के द्वारा सिक्किम को पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया गया।
मिजोरम –
मिजोरम राज्य अधिनियम 1986 के तहत मिजोरम को केंद्रशासित प्रदेश से पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया गया।
अरुणाचल प्रदेश –
अरुणाचल प्रदेश अधिनियम 1986 द्वारा अरुणाचल प्रदेश को संघ राज्य क्षेत्र से पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया गया।
गोवा –
गोवा, दमन और दीव पुनर्गठन अधिनियम 1987 के द्वारा गोवा को केंद्रशासित प्रदेश से पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान कर दिया गया। वहीं इन तीन संघ राज्य क्षेत्र में से दो दमन और दीव को संघ राज्य क्षेत्र बना रहने दिया। 30 मई 1987 को गोवा भारत का 25वां राज्य बना।
छत्तीसगढ़ –
मध्यप्रदेश राज्य के पूर्वी हिस्से को पृथक कर छत्तीसगढ़ को नया राज्य घोषित किया गया।
इसे मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 द्वारा नए राज्य का दर्जा प्रदान किया गया।
1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ भारत का 26वां राज्य बना।
उत्तराखण्ड –
उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 के द्वारा उत्तर प्रदेश के उत्तरी पहाड़ी हिस्से को राज्य से पृथक कर 2000 को नए राज्य का दर्जा दिया गया।
15 नवंबर 2000 को उत्तराखण्ड भारत का 27वां राज्य बना।
झारखण्ड –
बिहार के दक्षिणी हिस्से को पृथक कर झारखण्ड राज्य का निर्माण 2000 ई. में किया गया।
इसे बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 द्वारा सृजित कियागया।
15 नवंबर 2000 को झारखण्ड भारत का 28वां राज्य बना।
तेलंगाना –
आंध्रप्रदेश से पृथक कर 2 जून 2014 को तेलंगाना भारत के 29वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था।
राज्यों का निर्माण – महत्वपूर्ण तथ्य
राज्य पुनर्गठन अधिनियम कब पास किया गया – जुलाई 1956 ई.
भाषायी आधार पर गठित भारत का पहला राज्य – आंध्र प्रदेश
राज्य पुनर्गठन आयोग के अध्यक्ष कौन थे – फजल अली
राज्य पुनर्गठन आयोग के सदस्य कौन कौन थे – फजल अली, सरदार बल्लभभाई पटेल, हृदयनाथ कुंजरु।
फ्रांस की सरकार ने भारत में स्थित सभी बस्तियां भारत को कब सौंपीं – नवंबर 1954 ई.
दमन दीव की मुक्ति के लिए भारत सरकार ने पुर्तगालियों के विरुद्ध कार्यवाही कब की – 18 दिसंबर 1961
राज्यों का निर्माण ।