‘भारत की झीलें’ शीर्षक के इस लेख में भारत की झीलों से संबंधित जानकारी को साझा किया गया है। समुद्र से पृथक होकर तटीय भाग में बनी खारे पानी की छिछली झीलों को लैगून कहा जाता है। भारत में अवस्थित चिल्का झील, पुलिकट झील अष्टमुडी झील लैगून के उदाहरण हैं। भारत की प्रमुख झीलें निम्नलिखित हैं।
चिल्का झील –
भारत की सबसे बड़ी झील चिल्का झील है। यह भारत के ओडिशा राज्य के तट (उत्तरी सरकार तट) पर अवस्थित एक लैगून है। महानदी के मुहाने पर अवस्थित यह खारे पानी की झील है। इसकी लम्बाई 132 किलोमीटर और चौंड़ाई 29 किलोमीटर है।
वुलर झील –
वुलर झील भारत की मीठे पानी की सबसे बड़ी झील है। यह जम्मू कश्मीर में अवस्थित है। यह झेलम नदी पर बनी गोखुर झील है। इस झील पर प्लेट विवर्तन क्रिया का भी प्रभाव पड़ा है। तुलुब परियोजना इसी पर स्थित है।
वेम्बनाद झील –
वेम्बनाद झील केरल की सबसे बड़ी झील है। इसकी लम्बाई 96 किलोमीटर और चौंड़ाई 14.5 किलोमीटर है। विलिंगटन द्वीप इसी झील पर अवस्थित है। यहाँ पर राष्ट्रीय नौका दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन होता है। इस झील का विस्तार केरल के एर्नाकुलम, कोट्टायम, और अलपुला जिलों में है। भारत का सबसे छोटा राजमार्ग वेलिंगटन द्वीप पर ही है।
पेरियार झील –
केरल राज्य में अवस्थित ये झील पेरियार नदी से जल प्राप्त करती है। यह झील 1895 ई. में पेरियार नदी पर बांध बनाकर बनाई गई थी।
अष्टमिडी झील –
अष्टमुडी झील केरल में अवस्थित है। इसकी आकृति कुछ-कुछ अष्टभुजाकार होने के कारण इसका नाम अष्टमुडी पड़ा। यह एक लैगून झील है।
पुलिकट झील –
पुलिकट झील कोरोमण्डल तट पर तमिलनाडु व आंध्रप्रदेश की सीमा पर अवस्थित है। यह एक लैगून है। श्रीहरिकोटा द्वीप इसी झील पर अवस्थित है। जिस पर सतीश धवन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र अवस्थित है।
लोकटक झील –
भारत की लोकटक झील पूर्वोत्तर भारतीय राज्य मणिपुर में अवस्थित है। यह पूर्वोत्तर भारत की मीठे पानी की सबसे बड़ी झील है। यह अपने तैरते हुए द्वीपों के लिए प्रसिद्ध है। केबुल लामजाओं द्वीप इस झील पर तैरता हुआ सबसे बड़ा द्वीप है। केबुल लामजाओं द्वीप पर केबुल लामजाओं राष्ट्रीय उद्यान अवस्थित है।
गोविंद वल्लभ पंत सागर –
गोविंद वल्लभ पंत सागर एक कृत्रिम झील है। इसका निर्माण उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर रिहंद नदी पर किया गया है। रिहंद सोन की सहायक नदी है।
लोनार झील –
लोनार झील महाराष्ट्र के बुलढाना जिले में अवस्थित है। यह एक क्रेटर झील है।
करोड़ो वर्ष पूर्व एक उल्का पिंड के पृथ्वी के टकराने से इस झील का निर्माण हुआ।
हुसैन सागर झील –
हुसैनसागर झील हैदराबाद और सिकंदराबाद के मध्य अवस्थित है।
यह इन दोनों नगरों के बीच यातायात स्थापित करती है।
राजस्थान की झीलें –
सांभर, पंचभद्रा, लूनकरसर, डिडवाना झील खारे पानी की झीलें हैं।
इसने नमक का भी उत्पादन किया जाता है।
- जयसमंद, राजसमंद, पिछौला , उदयसागर, व जवाहरसागर राजस्थान की अन्य झीलें हैं।
- आंध्रप्रदेश की झीलें – कोलेरू झील, नागार्जुसागर झील, निजामसागर झील।
- जम्मू कश्मीर की झीलें – वुलर झील, व डल झील
- गुजरात की झीलें – उकाई झील मानवनिर्मित कृत्रिम झील है।
- कर्नाटक की झीलें – तुंगभद्रा झील।
- तमिलनाडु की झीलें – स्टेनले जलाशय।
- उत्तराखंड की झीलें – देवताल झील, सात ताल झील।
- हिमालचल प्रदेश – गोविंद वल्लभपंत सागर झील। यह भाखड़ा नांगला बाँध के पीछे अवस्थित झील है।
चम्बल नदी पर स्थित झीलें –
- मध्यप्रदेश की गाँधीसागर, राजस्थान की जवाहर सागर व राणाप्रताप सागर झील।