भारत के केंद्रशासित प्रदेश (Union Territories of India)

भारत के केंद्रशासित प्रदेश (Union Territories of India) :- वर्तमान में भारत में कुछ 8 केंद्रशासित प्रदेश हैं। इनकी संख्या में कमी एवं वृद्धि होती रहती है। जिसका कारण राज्यों की सीमाओं में परिवर्तन एवं नए राज्यों का निर्माण व क्षेत्र परिवर्तन है। भारत की आजादी के समय देश मे कुल 6 केंद्रशासित प्रदेश थे।

  1. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
  2. चंडीगढ़
  3. दिल्ली
  4. लक्षद्वीप
  5. पदुच्चेरी
  6. जम्मू कश्मीर
  7. लद्दाख
  8. दमन दीव और दादर व नगर हवेली

1. अंडमान निकोबार द्वीप समूह

इसकी राजधानी पोर्ट ब्लेयर है। इस द्वीप समूह में कुल 572 द्वीप हैं। अंडमान का 86% क्षेत्र जंगलों से ढका हुआ है। बंगाल की खाड़ी में स्थिल ‘अण्डमान’ इस द्वीप समूह का उत्तरी हिस्सा है। यहाँ पर अवस्थित ‘सेलुलर जेल‘ अंग्रेजों द्वारा भारतीय सेनानियों पर किये गए अत्याचारों का जीता-जागता प्रमाण प्रस्तुत करती है। 1897 ई. में इस जेल की नींव रखी गई थी। इस जेल में 694 कोठरियां (बैरिक) हैं। ब्रिटिश काल में भारत से अंडमान लाए गए गुलामों को पोर्ट ब्लेयर के पास ‘वाइपर द्वीप‘ पर उतारा जाता था।

1756 ई. में डेनमार्क ने इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया और ‘कमोर्टा द्वीप’ पर अपना मुख्यालय स्थापित किया। परंतु 1848 ई. में इन्होंने इसे छोड़ दिया। 1869 ई. में अंग्रेजों ने औपचारिक रूप से इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। 1920 में ब्रटिश सरकार ने ई. हर्ट को अंडमान के पहले सहायक आयुक्त के रूप में नियुक्त किया। 15 अगस्त 1947 को यह द्वीप भारत के अभिन्न अंग के रूप में स्वतंत्र हुआ। 1950 ई. में जॉन रिचर्ड को यहाँ बिशप के रूप में नियुक्त किया गया।

अण्डमान निकोबार द्वीप समूह का भौगोलिक क्षेत्र –

ब्रिटिश वास्तुकला के खण्डहरों के लिए प्रसिद्ध ‘रॉस द्वीप’ यहीं पर अवस्थित है। रॉस द्वीप 200 एकड़ में फैला हुआ है। दुर्लभ प्रजातियों के पेंड़-पौथों व पक्षियों के लिए विख्यात ‘पिपोघाट फार्म‘ भी यहीं पर अवस्थित है। भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी इस द्वीप समूह के ‘बैरन द्वीप‘ पर अवस्थित है। यह द्वीप करीब 3 किलोमीटर में फैला हुआ है। इस ज्वालामुखी में उद्गार 28 मई 2005 से अभी तक हो रहा है। अंडमान की एकमात्र नदी ‘कलपोंग‘ है, जो डिगलीपुर द्वीप पर बहती है। डिगलीपुर द्वीप पर ही इस द्वीप समूह की सर्वोच्च (732 मीटर) पर्वत चोटी ‘सेंडल पीक‘ स्थित है। सिंक व रडिस्किन द्वीप अपने स्वच्छ पानी के सौंदर्य के लिए जाने जाते हैं। यहाँ जाने के लिए दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, बेंग्लुरु से हवाई उड़ाने उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त कोलकाता, चेन्नई, और विशाखापट्टनम से पानी के जहाज के माध्यम से भी पोर्ट ब्लेयर जाया जा सकता है।

अंडमान निकोबार द्वीप समूह : एक नजर में

  • क्षेत्रफल – 8249 वर्ग किलोमीटर
  • ग्रामीण क्षेत्र – 8211 वर्ग किलोमीटर
  • शहरी क्षेत्र – 37.92 किलोमीटर
  • अण्डमान का राज्य पशु – डुंगोंग
  • अण्डमान का राज्य पक्षी – लकड़ी कबूतर
  • अंडमान का राज्य वृक्ष – अंडमान पदौक
  • समुद्र तट की लम्बाई – 1962 किलोमीटर
  • चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर (समुद्री दूरी) – 1190 किलोमीटर
  • विशाखापट्टनम से पोर्ट ब्लेयर (समुद्री दूरी) – 1200 किलोमीटर
  • कोलकाता से पोर्ट ब्लेयर (समुद्री दूरी) – 1255 किलोमीटर
  • चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर (हवाई दूरी) – 1330 किलोमीटर
  • कोलकाता से पोर्ट ब्लेयर (हवाई दूरी) – 1303 किलोमीटर

2. चंडीगढ़

यह भारत का एक केंद्रशासित प्रदेश एवं पंजाब व हरियाणा की राजधानी है। इसका शाब्दिक अर्थ ‘चण्डी का किला’ है। चण्डी का मंदिर आज भी शहर में स्थित है। लोकसभा में चण्डीगढ़ की एक सीट है। चण्डीगढ़ सेक्टरों में बंटा हुआ है। परंतु यहाँ पर ‘सेक्टर-13‘ नहीं है। क्योंकि चंडीगढ़ के शिल्पकार ‘ली कार्बूजियर (फ्रांसीसी)’ इस अंक को अशुभ मानते थे। यहाँ पर हिन्दी (73%), पंजाबी (23%), अंग्रेजी भाषा बोली जाती है। यह योजनाबद्ध तरीके से बसा भारत का पहला शहर है। इस केंद्रशासित प्रदेश का प्रशासन भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है। सामान्यतः पंजाब का राज्यपाल ही चंडीगढ़ का प्रशासक होता है। 2011 की जनगणना के अनुसार यहाँ का लिंगानुपात 777 है, जो कि सबसे कम है। यहाँ की साक्षरता दर 81.9 प्रतिशत है। इस केंद्रशासित प्रदेश में सिर्फ एक ही जिला है।

चण्डीगढ़ : एक नजर में

  • प्रशासक – बनवारीलाल पुरोहित
  • उपायुक्त – मनदीप सिंह बरार
  • क्षेत्रफल – 114 वर्ग किलोमीटर
  • जनसंख्या (2011) – 10,55,450
  • भाषा – हिंदी, पंजाबी, अंग्रेजी
  • जिला – 1
  • तहसील – 3
  • गाँव – 24
  • साक्षरता दर – 81.9 प्रतिशत
  • आवास बोर्ड – एक
  • नगरपालिका – एक

3. लक्षद्वीप

यह भारत के दक्षिण-पश्चिम तट से 200 से 440 किलोमीटर की दूरी पर अरब सागर में अवस्थित भारतीय केंद्रशासित प्रदेश है। यह भारत का सबसे छोटा केंद्रशासित प्रदेश है। इसकी राजधानी कवरत्ती है। 1 नवंबर 1956 को इसे मद्रास से अलग कर नया केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया। 1 नवंबर 1973 को इसका नामकरण  किया गया। इससे पहले इसे लक्कादीव-मिनिकॉय-अमिनीदिव के नाम से जाना जाता था। यहाँ का क्षेत्रफल 32.69 वर्ग किलोमीटर है। यहाँ पर छोटे-बड़े कुल 36 द्वीप हैं। लेकिन इसके सिर्फ 10 द्वीपों पर ही मानव आबादी है। यहाँ की अधिकांश आबादी स्थानीय मुस्लिमों की है। यहाँ की आधिकारिक भाषा मलयालम व अंग्रेजी हैं।

कवरत्ती, अगत्ती, मिनिकॉय, अमिनी यहाँ के प्रमुख द्वीप हैं। न्यायिक रूप से यह केरल उच्च न्यायालय के अंतर्गत आता है। यहाँ पर सिर्फ 1 जिला है। इस द्वीप पर कोई आदिवासी आबादी नहीं है। पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर इस द्वीप पर 1500 ई. पू. के आस पास मानव बस्तियां अस्तित्व में थीं। इस क्षेत्र पर अरक्कल मुस्लिम घराने का शासन रह चुका है। इसके बाद यह टीपू सुल्तान के अधीन रहा। 1799 में टीपू सुल्तान की मृत्यु के बाद यह क्षेत्र अंग्रेजों के अधिकार में चला गया। इसके अगत्ती द्वीप पर एक हवाई अड्डा है। इस द्वीप से टूना मछली का निर्यात किया जाता है।

लक्ष्यद्वीप : एक नजर में

  • वर्तमान प्रशासक कौन हैं – बी.डी. मिश्रा
  • द्वीपों की संख्या – 36 द्वीप
  • क्षेत्रफल – 32.69 वर्ग किलोमीटर
  • जनसंख्या (2011) – 64,473
  • साक्षरता दर – 91.82 प्रतिशत
  • ग्राम (द्वीप) पंचायत – 10
  • निवास द्वीप – 10

4. दिल्ली

इसे भारतीय इतिहास का केंद्र माना गया है। भारतीय इतिहास में यह अहम स्थान रखता है। वर्तमान में यह एक केंद्रशासित प्रदेश है। परंतु इतिहास में इसका एक विशेष स्थान व योगदान रहा है। तोमर शासक आनन्दपाल को दिल्ली का संस्थापक माना जाता है। सल्तनत काल में सबसे पहले इल्तुतमिश ने इसे अपनी राजधानी बनाया। मुगलकाल में शाहजहाँ ने इसे अपनी राजधानी बनाया। इसके बाद ब्रिटिश काल में अंग्रेजों ने 1911 ई. में दिल्ली को भारत की औपचारिक राजधानी घोषित किया। इसके बाद 1 नवंबर 1956 को दिल्ली को केंद्रशासित प्रदेश घोषित कर दिया गया। 69वें संविधान संशोधन के तहत दिसंबर 1991 में दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र घोषित कर दिया गया। दिल्ली की विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ Click करें।

दिल्ली : एक नजर में

  • राजधानी – नई दिल्ली
  • मुख्यमंत्री – अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी)
  • उपराज्यपाल – विनय कुमार सक्सेना
  • क्षेत्रफल – 1484 वर्ग किलोमीटर
  • पहले उपराज्यपाल – आदित्यनाथ झा
  • पहले मुख्यमंत्री – चौधरी ब्रह्म प्रकाश
  • दिल्ली में जिलों की संख्या – 11 जिले
  • सबसे बड़ा जिला – उत्तरी दिल्ली
  • सबसे छोटा जिला – शाहदरा

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 08 नवंबर 2021 को ‘श्रमिक मित्र’ योजना की शुरुआत की।

दिल्ली के मुख्यमंत्रियों की सूची –

  • अरविंद केजरीवाल (14 फरवरी 2015 से अब तक)
  • शीला दीक्षित  (3 दिसंबर 1998 – 28 दिसंबर 2013)
  • सुषमा स्वराज  (12 अक्टूबर 1998 – 3 दिसंबर 1998)
  • साहिब सिंह वर्मा (26 फरवरी 1996 – 12 अक्टूबर 1998)
  • मदनलाल खुराना (2 दिसंबर 1993 – 26 फरवरी 1996)
  • पद समाप्त (1956-1993)
  • गुरुमुख निहाल सिंह (12 फरवरी 1955 – 1 नवंबर 1956)
  • चौधरी ब्रह्म प्रकाश (17 मार्च 1952 – 12 फरवरी 1955)

5. पदुच्चेरी (पांडिचेरी)

पदुच्चेरी भारत का एक केंद्रशासित प्रदेश है। इसकी राजधानी पदुच्चेरी है। पहले यह फ्रांसीसी उपनिवेश हुआ करता था। यह लगभग 300 वर्षों तक फ्रांसीसियों के अधिकार में रहा। पहले इसे पांडिचेरी के नाम से जाना जाता था। सितंबर 2006 में इसका नाम बदलकर पदुच्चेरी कर दिया गया। स्थानीय तमिल भाषा में पदुच्चेरी का अर्थ ‘गाँव’ होता है। पदुच्चेरी से 4 किलोमीटर दक्षिण में स्थित ‘अरिकामेडु‘ रोमन के साथ व्यापार का प्रतीक है।

पांडिचेरी का इतिहास –

चौथी शताब्दी में पांडिचेरी का क्षेत्र कांचीपुरम के पल्लव शासकों के अधीन था। इसके बाद यह दक्षिण भारत के विभिन्न वंशों के अधिकार में रहा। पल्लव के बाद चोल, फिर पाण्ड्य, तत्पश्चात यह मुस्लिम शासकों के अधीन आ गया। 1673 ई. में फ्रांसीसियों ने यहाँ एक व्यापारिक केंद्र स्थापित किया। 1693 ई. में डचों ने पाण्डिचेरी पर कब्जा कर लिया। 1699 ई. की राइसविक की संधि के तहत डचों ने पांडिचेरी पुनः फ्रांस को लौटा दिया। फ्रांसीसियों ने 1720 में माही का, 1731 ई. में यानम का और 1798 ई. में कराईकल का अधिग्रहण कर लिया। 16 जनवरी 1761 को फ्रांसीसियों से पांडिचेरी अंग्रेजों ने ले ली। लेकिन पेरिस की संधि के तहत अंग्रेजों ने ये पुनः फ्रांस को लौटा दी। 1793 ई. में अंग्रेजों ने फिर इस पर कब्जा कर लिया और 1814 में फिर फ्रांस को सौंप दिया।

16 अगस्त 1962 को फ्रांस ने अपने कब्जे वाले भारतीय क्षेत्रों पर भारत को पूर्ण संप्रभुता दी। 1 जुलाई 1963 को पांडिचेरी, कराईकल, माहे, यानम के क्षेत्रों को मिलाकर इस केंद्रशासित प्रदेश की स्थापना की गई।

पांडिचेरी : एक नजर में

  • गठन – 1 नवंबर 1954
  • केंद्रशासित प्रदेश बना – 1 जुलाई 1963 ई. में
  • राजधानी – पदुच्चेरी
  • क्षेत्रफल – 492 वर्ग किलोमीटर
  • राजभाषा – तमिल, तेलगु, अंग्रेजी, मलयालम
  • जिले – 4 (पदुच्चेरी शहर, कराईकल, यानम, माहे)
  • राज्यसभा सीट – 1
  • लोकसभा सीट – 1
  • उच्च न्यायालय – मद्रास हाईकोर्ट
  • विधानसभा – एकसदनीय
  • डाकसूचक संख्या – 605

6. जम्मू कश्मीर

इसकी व्यवस्था दिल्ली जैसी है। यहाँ का एक उपराज्यपाल होगा। यहाँ का प्रशासन पदुच्चेरी की भांति संविधान के अनुच्छेद 239ए के तहत संपन्न होगा। इसकी अपनी विधानसभा है जिसका कार्यकाल 5 वर्ष का कर दिया गया, जो पहले 6 वर्ष का होता था। इसमें 107 विधायक हैं। साथ ही गुलाम कश्मीर की 24 सीटों को खाली रखा गया है। यहाँ के मंत्रिपरिषद् की सदस्य संख्या विधायकों की संख्या के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। उपराज्यपाल विधानसभा में दो महिलाओं को मनोनीत कर सकता है। राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर की 4 सीटें और लोकसभा में 5 सीटें होंगी।

7. लद्दाख

इसे पूर्ण रूप से अब केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया है। यहाँ पर अब उपराज्यपाल की नियुक्ति की जाएगी। इसके प्रशासन की व्यवस्था चंडीगढ़ के समान होगी। यहाँ न कोई विधानसभा होगी और न ही राज्यसभा में लद्दाख की कोई सीट रखी गई है। लद्दाख में 1 लोकसभा सीट जरूर है। लद्दाख में कुल 20 जिले हैं।

जम्मू-कश्मीर और धारा 370

भारत के सबसे उत्तर में अवस्थित जम्मू-कश्मीर को संविधान की धारा 370 के तहत विशेष दर्जा दिया गया था। धारा-370 को भारतीय संविधान में 17 अक्टूबर 1949 को जोड़ा गया था। इसके तहत जम्मू-कश्मीर का अपना संविधान नवंबर 1956 में बनकर तैयार हुआ। जो कि 26 जनवरी 1957 को लागू किया गया। इसी धारा(370) को समाप्त करने के उद्देश्य से 5 अगस्त 2019 को एक प्रस्ताव राज्यसभा में प्रस्तुत किया गया। इस पर मतदान हुआ। जिसमें 125 वोट इसके पक्ष में और 61 वोट इसके विपक्ष में पड़े। धारा-370 को समाप्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर का विभाजन कर दो केंद्रशासित प्रदेश (जम्मू-कश्मीर, और लद्दाख) बनाए गए। इसके बाद भारत में राज्यों की संख्या (जो पहले 29 हो गई थी), अब 28 हो गई।

8. दमन दीव और दादर व नगर हवेली

पूर्व में स्थापित दो केंद्रशासित प्रदेश ‘दमन-दीव’ और ‘दादरा व नगर हवेली’ का विलय कर 26 जनवरी 2020 को ‘दमन दीव और दादर व नगर हवेली’ के रूप में यह केंद्रशासित प्रदेश अस्तित्व में आया। इसकी राजधानी दमन है। संसद ने इनके विलय के संबंध में विधेयक 3 दिसंबर 2019 को पारित किया। इस केंद्रशासित प्रदेश का क्षेत्रफल 603 वर्ग किलोमीटर है। न्यायिक रूप से यह बाम्बे हाई कोर्ट के अंतर्गत आता है। कोंकणी, गुजराती, व हिन्दी यहाँ की आधिकारिक भाषाएं हैं।

पुर्तगालियों ने 1783-85 ई. में दादर एवं नागर हवेली पर कब्जा किया था। 2 अगस्त 1954 को गोवा के स्वयंसेवकों द्वारा इस क्षेत्र से पुर्तगालियों को खदेड़ दिया गया। 12 जून 1961 को वहाँ की वरिष्ठ पंचायत ने सर्वसम्मति से भारतीय संघ के साथ एकीकरण का संकल्प पारित कर दिया। भारतीय संसद द्वारा 11 अगस्त 1961 को पारित ‘दादर एवं नगर हवेली अधिनियम 1961’ द्वारा इस क्षेत्र को भारत में मिला लिया गया।

केंद्र सरकार व राज्य सरकार की सरकारी योजनाएं

केंद्र सरकार व राज्य सरकार की सरकारी योजनाएं :-

अन्नपूर्णा योजना –

2 अक्टूबर 2000 को सिखोड़ा गाँव, गाजियाबाद से इस योजना की शुरुवात की गई थी। इस योजना की शुरुवात अत्यंत गरीब वृद्धों के लिए रोटी की व्यवस्था करने के उद्देश्य से की गई थी।

बाल्मीकि अम्बेडकर मलिन बस्ती आवास योजना –

इस योजना की शुरुवात साल 2001 में की गई थी। इसके केंद्र सरकार व राज्य सरकार का अनुदान 50-50 प्रतिशत तय किया गया। इसका उद्देश्य गंदी बस्तियों में रहने वालों के घरों के निर्माण व उन्नयन को सरल बनाना था। निर्मल भारत अभियान इसी योजना का एक घटक है।

कस्तूरबा गाँधी विद्यालयों की योजना –

20 जुलाई 2004 को सरकार ने ओबीसी, एससी, एसटी व मुस्लिम समुदाय की लड़कियों के लिए कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय खोलने की योजना की घोषणा की। इस आवासीय विद्यालय में 75 प्रतिशत स्थान ओबीसी, एससी, एसटी व मुस्लिम समुदाय की लड़कियों के लिए होंगे। अन्य 25 प्रतिशत स्थान गरीबी रेखा से नीचे की बालिकाओं के लिए होंगे। सरकारी योजनाएं ।

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) –

सरकार द्वारा 2 फरवरी 2006 को नरेगी की शुरुवात अनन्तपुर गाँव (जिला बान्दावाली, आंध्रप्रदेश) से की गई थी। 2 अक्टूबर 2009 को इनका नाम बदलकर ‘महात्मा गाँधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) कर दिया गया। बेल्जियम के अर्थशास्त्री ज्या देंज इस योजना के नीति निर्माता हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा इसका क्रियान्वयन किया जाता है।

शुरुवात में इस योजना को देश के 27 राज्यों के 200 जिलों में लागू किया गया था। अप्रैल 2008 में इस देश के 614 जिलों में लागू किया गया। इस योजना में वित्तीय सहयोग केंद्र सरकार व राज्य सरकार में 90 व 10 प्रतिशत का अनुपात है। इसके तहत प्रत्येक परिवार को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिन काम दिलाने का नियम बनाया गया था। इसमें महिलाओं की भागीदारी 33 प्रतिशत होगी। इसके तहत सप्ताह में 6 दिन 7 घंटे प्रति दिन के हिसाब से काम लिया जाएगा। कार्य स्थल घर से 5 किलोमीटर से अधिक दूरी होने पर मजदूरी 10 प्रतिशत अधिक मिलेगी।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन –

इसकी शुरुवात साल 2013 मे की गई थी। साम्य, सस्ता व गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की व्यापक सुलभता प्रदान करने के उद्देश्य से इसकी शुरुवात की गई थी। सरकारी योजनाएं ।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 –

यह अधिनियम 12 सितंबर 2013 से प्रभावी हुआ। इसका उद्देश्य लोगों को पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तापूर्ण खाद्य को उचित मूल्य पर उपलब्ध कराना है। इसके अंतर्गत लाभ प्राप्तकर्ता को 5 किलोग्राम चावल, गेहूँ तथा मोटे अनाज प्राप्त करने का कानूनी अधिकार है। प्रत्येक गर्भवती महिला एवं स्तनपान कराने वाली महिला को गर्भावस्था के समय एवं 6 माह बाद तक आंगनबाड़ी के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराना है। सरकारी योजनाएं ।

स्वच्छ भारत मिशन –

स्वच्छता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसकी शुरुवात 2 अक्टूबर 2014 को की गई थी। इसे सफल बनाने के लिए 5 वर्ष का समय अर्थात 2 अक्टूबर 2019 तक का समय रखा गया था। इसके तहत सभी ग्रामीण परिवारों को सौचालय उपलब्ध कराना था।

मिशन इंद्रधनुष –

इसकी शुरुवात 25 दिसंबर 2014 को की गई। यह मिशन बच्चों के टीकाकरण से संबंधित है। इसके तहत उन सभी बच्चों को टीकाकरण के अंतर्गत लाना है। जो पूर्ण या आंशिक रूप से सात बीमारियों के टीकाकरण से वंचित रह गए हों।

आंगनबाड़ी केंद्र –

इन केंद्रों की स्थापना ग्रामीण, शहरी व जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में की गई। 300 दिन के लिए पूरक पोषाहार, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रतिरक्षण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इसकी शुरुवात की गई। पूरक पोषण की व्यवस्था 6 साल तक के बच्चे व गर्भवती महिलाओं के लिए की गई है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का चयन उसी क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं में से किया जाएगा। जनसंख्या के आधार पर ये केंद्र खोले जाते हैं।

  • शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 1000 की जनसंख्या पर आंगनबाड़ी केंद्र खोला जाएगा।
  • जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में 700 की जनसंख्या पर आंगनबाड़ी केंद्र खोला जाएगा।
  • रेगिस्तानी व पहाड़ी क्षेत्रों में 300 की जनसंख्या पर आंगनबाड़ी केंद्र खोला जाएगा।

केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाएं –

एकीकृत बालविकास तथा सेवा स्कीम की शुरुवात कब हुई – 1975 ई. में

डिजिटल इंडिया की शुरुवात कब हुई – 21 अगस्त 2014 को

प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुवात कब हुई – 28 अगस्त 2014 को

दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय योजना की शुरुवात कब हुई – 25 सितम्बर 2014 को

स्वच्छ भारत मिशन की शुरुवात कब हुई – 2 अक्टूबर 2014 को

सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुवात कब हुई – 11 अक्टूबर 2014 को

श्रमेव जयते योजना की शुरुवात कब हुई – 16 अक्टूबर 2014 को

मिशन इंद्रधनुष की शुरुवात कब हुई – 25 दिसंबर 2014 को

नीति आयोग का गठन कब हुआ – 1 जनवरी 2015 को

बेटी बटाओ बेटी पढ़ाओ की शुरुवात कब हुई – 22 जनवरी 2015 को

सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुवात कब हुई – 22 जनवरी 2015 को

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुवात कब की गई – 19 फरवरी 2015 को

प्रधानमंत्री कौसल विकास कार्यक्रम की सुरुवात कब हुई – 20 फरवरी 2015

जननी सुरक्षा योजना की शुरुवात कब हुई – 12 अप्रैल 2015 को

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना की शुरुवात कब हुई – 9 मई 2015 को

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की शुरुवात कब हुई – 9 मई 2015 को

अटल पेंशन योजना की शुरुवात कब हुई – 9 मई 2015 को

कायाकल्प योजना की शुरुवात कब हुई – 15 मई 2015 को

डी. डी. किसान चैनल की शुरुवात कब की गई – 26 मई 2015 को

अमरुत (अटल मिशन फॉर रीजुवेनेशन एण्ड अरबन ट्रांसफारमेशन) योजना की शुरुवात कब की गई – 25 जून 2015 को

कौनसी योजना किस साल आयी –

प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण स्कीम – 2013

राजीव गाँधी किशोरी सशक्तिकरण योजना (सबला) – 2010

इंदिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना – 2010 ई.

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना – 2009-10 ई.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना – 2007 ई.

जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन – 2005-06 ई.

राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना – 2005 ई.

निर्मल भारत योजना – 2002 ई.

भारत निर्माण योजना – 2002 ई.

पॉपुलेशन फर्स्ट योजना – 2002 ई.

संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना – 2001 ई.

जनश्री बीमा योजना – 2000 ई.

स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना – 1999 ई.

उद्देश्य

स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना – 1997 ई.

उद्देश्य – शहरों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना।

मिड डे मील योजना – 1995 ई.

उद्देश्य – विद्यालयों में मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराना।

प्रधानमंत्री रोजगार योजना – 1993 ई.

उद्देश्य – शिक्षित रोजगारों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना

मरुभूमि विकास कार्यक्रम – 1977-78 ई.

उद्देश्य – मरु भूमि का उपचार करने हेतु। सरकारी योजनाएं ।

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